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Monday, April 14, 2025
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हरियाणा के इस शख़्स को ख़ुद PM मोदी ने पहनाए जूते, जानिए क्यों 14 सालों से नंगे पाँव थे रामपाल कश्यप

इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूँगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जमीन से जुड़े स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्हें कई बार मजदूरों पर फूल बरसाते और सफाईकर्मियों के पाँव धोते भी देखा गया है। सोचिए, अगर किसी व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री ख़ुद जूते पहनाए, तो उसे कैसा लगेगा। हरियाणा में यही हुआ है। कैथल के रामपाल कश्यप ने डेढ़ दशक पहले प्रण लिया था कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बन जाने और उनसे मिलने के बाद ही वो जूते पहनेंगे, वरना नंगे पाँव रहेंगे। अब ख़ुद पीएम मोदी ने उनकी मुराद पूरी कर दी है।

इतना ही नहीं, इस वीडियो को ख़ुद पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, “हरियाणा के यमुनानगर में कैथल के रामपाल कश्यप जी से मिलने का सौभाग्य मिला। इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूँगा।’ मुझे आज उनको जूते पहनाने का अवसर मिला। मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूँ, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।”

प्रधानमंत्री ने सलाह दी है कि उनके लिए कोई ऐसे प्रण न ले, लेना भी हो तो देशहित व समाज कल्याण में ऐसे शपथ लें। वीडियो में उन्होंने रामपाल कश्यप को नए जूते देने के बाद पूछा, “ठीक से आ गया?”, जिसपर रामपाल ने जवाब दिया – “हाँ”। प्रधानमंत्री ने ख़ुद जूते पहनाने में उनकी मदद की। साथ ही उन्हें सलाह दी थी जूते पहनते रहना। रामपाल कश्यप ने कहा कि आपके दर्शन हो गए, अब जूते पहनूँगा। इसके बाद पीएम मोदी ने पूछा कि क्या उन्हें मन में पूरा यकीन था कि पीएम से मुलाकात होगी?

इसपर रामपाल कश्यप ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था। पीएम मोदी ने (सोमवार 14 अप्रैल, 2025) को हरियाणा को हिसार में पहले एयरपोर्ट की भी सौगात दी। आंबेडकर जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बाबासाहेब की प्रेरणा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, लेकिन संविधान के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने वालों ने उनसे जुड़े पवित्र स्थानों का ना सिर्फ अपमान किया, बल्कि इतिहास से मिटाने का प्रयास भी किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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