Sunday, October 13, 2024
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‘कोरोना काल में आपने यूपी-बिहार के श्रमिकों को मुंबई से वापस भेजा’: PM मोदी ने गिनाया इन राज्यों में दशकों से कॉन्ग्रेस सत्ता से दूर

उन्होंने पूछा कि विपक्षी दल 'वोकल फॉर लोकल' का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या इसके जरिए महात्मा गाँधी ने सपने को नहीं पूरा किया जा रहा? उन्होंने याद दिलाया कि कैसे योग और 'फिट इंडिया' का भी विपक्ष ने मजाक बनाया।

संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (7 फरवरी, 2022) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में सम्बोधन दिया। ‘सुर सम्राज्ञी’ लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के साथ उन्होंने इस सम्बोधन की शुरुआत की और कहा कि देश ने आदरणीय लता दीदी को खो दिया है, इतने लंबे काल तक जिनकी आवाज ने देश को मोहित किया, देश को प्रेरित भी किया, देश को भावनाओं से भर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद विश्व एक नए वर्ल्ड आर्डर की तरफ नई व्यवस्थाओं की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये एक ऐसा टर्निंग पॉइंट है कि हम लोगों को एक भारत के रूप में इस अवसर को गँवाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अपने आप में एक प्रेरक अवसर है और उस प्रेरक अवसर और नए संकल्पों को लेकर देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम पूरे सामर्थ्य से, पूरी शक्ति से, पूरे संकल्प से देश को उच्चतम स्तर पर लेकर पहुँचेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि पहले गैस कनेक्शन स्टेटस सिंबल हुआ करता था, लेकिन अब गरीब से गरीब व्यक्ति तक इसकी पहुँच है और यह बहुत खुशी की बात है।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इतने सालों के बाद गरीब के घर में रोशनी होती है, तो उसकी खुशियाँ देश की खुशियों को ताकत देती हैं। उन्होंने आगे कहा कि गरीब के घर में गैस का कनेक्शन हो, धुएँ वाले चूल्हे से मुक्ति हो तो उसका आनंद कुछ और ही होता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य ये है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका काँटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। बकौल पीएम मोदी, उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं। हम सब संस्कार से, व्यवहार से लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध लोग हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं। ये भी सही है कि आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंधविरोध लोकतंत्र का अनादर है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने कोरोना काल में सारी हदें पार दी। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे लॉकडाउन के दौरान जब लोगों को जो जहाँ हैं वहीं रहने के लिए कहा जा रहा है, मुंबई स्टेशन पर कॉन्ग्रेस पार्टी लोगों को डरा रही थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी याद दिलाया कि जो आज भी दिल्ली सरकार में हैं, उन्होंने आवासीय इलाके में माइक्रोफोन ले जाकर लोगों को घर छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने पूछा कि कब तक ये राजनीति चलेगी? उन्होंने याद दिलाया कि नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कॉन्ग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1995 में इस पार्टी के लिए लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए उसे वहाँ एंट्री नहीं मिली। इसी तरह गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ कॉन्ग्रेस जीती थी, 28 साल से गोवा ने इस पार्टी को स्वीकार नहीं किया।

इसी तरह उन्होंने उदाहरण गिनाए कि पिछली बार 1988 में त्रिपुरा में वहाँ की जनता ने कॉन्ग्रेस को वोट दिया था, करीब 34 साल पहले। यूपी, गुजरात, बिहार ने आखिरी बार 1985 में कॉन्ग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 37 साल पहले। पिछली बार पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में आपको पसंद किया था। उन्होंने पूछा कि क्या ‘वोकल फॉर लोकल’ के जरिए महात्मा गाँधी के सपने को नहीं पूरा किया जा रहा है? प्रधानमंत्री ने इन पंक्तियों के सहारे अपनी बात रखी:

वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ।
नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे।
जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे,
वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा,
इन्हें आईना मत दिखाओ,
वो आईने को भी तोड़ देंगे।”

उन्होंने पूछा कि विपक्षी दल ‘वोकल फॉर लोकल’ का विरोध क्यों कर रहे हैं? उन्होंने याद दिलाया कि कैसे योग और ‘फिट इंडिया’ का भी विपक्ष ने मजाक बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाँ समझ से अधिक समर्पण होता है, वहाँ अर्पण करने की ताकत होती है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते 2 सालों में 100 साल का सबसे बड़ा वैश्विक महामारी का संकट पूरी दुनिया की मानव जाति झेल रही है और जिन्होंने भारत के अतीत के आधार पर ही भारत को समझने का प्रयास किया, उनको तो आशंका थी कि शायद भारत इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ पाएगा, खुद को बचा नहीं पाएगा।

उन्होंने कहा, “आज ‘मेड इन इंडिया’ कोविड वैक्सीन दुनिया में सबसे प्रभावी है। आज भारत शत-प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य के निकट पहुँच रहा है और लगभग 80% सेकंड डोज का पड़ाव भी पूरा कर लिया है। भारत सरकार ने ये सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ नागरिकों को महामारी के दौरान मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया गया और अब भी कराया जा रहा है। हमारी प्रतिबद्धता है कि कोई भारतीय भूखा न रहे। क्या आप नहीं चाहते कि देश आत्मनिर्भर बनें, जिस महात्मा गांधी के आदर्शों की बात करते हैं, तो इस अभियान (Vocal For Local) को ताकत देने में आपका क्या जाता था। गाँधी जी के स्वदेशी के निर्णय को आगे बढ़ाइए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी ने मुंबई में रह रहे श्रमिकों को डरा कर यूपी-बिहार भेजा। इसके लिए फ्री में टिकट तक दिया गया। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे इन मजदूरों को ‘महाराष्ट्र का बोझ’ बता कर वापस भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि सदन बात का साक्षी है कि कोरोना से जो स्थितियाँ उत्पन्न हुई, उससे निपटने के लिए भारत ने जो भी रणनीति बनाई उसको लेकर पहले दिन से क्या-क्या नहीं कहा गया है। उन्होंने ये भी याद किया कि दुनिया के और लोगों से बड़ी-बड़ी कॉन्फ्रेंस करके ऐसी बातें बुलवाई गई ताकि पूरे विश्व में भारत बदनाम हो।

उन्होंने कहा, “जिस रास्ते पर हम चले, आज विश्व के अर्थजगत के सभी ज्ञाता इस बात को मानते हैं कि भारत ने जिस आर्थिक नीतियों को लेकर इस कोरोना काल में अपने आप को आगे बढ़ाया है, वो अपने आप में दुनिया के लिए एक उदाहरण है। इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले और महल जैसे घरों में रहने के आदी लोग, छोटे किसान के कल्याण की बात करना भूल गए हैं। भारत की प्रगति के लिए छोटे किसान को सशक्त बनाना जरूरी है। छोटा किसान ही भारत की तरक्की को मजबूत करेगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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