Friday, March 29, 2024
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कचरे के ढेर व गंदे पानी से मुक्त होंगे शहर, दिल्ली का ‘पहाड़’ भी हटेगा: PM ने लॉन्च किया स्वच्छता 2.0, सफाईकर्मियों को बताया ‘महानायक’

"आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन कचरों को ठिकाने लगा रहा है, जबकि 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले कचरे का 20% से भी कम प्रोसेस होता था।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (1 अक्टूबर, 2021) को ‘स्वच्छ भारत मिशन – शहरी 2.0’ व ‘अमृत 2.0’ का शुभारंभ किया। इसके तहत शहरों में बन गए बड़े-बड़े कचरों के ढेर को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद किया कि कचरों का ऐसा ही एक बड़ा पहाड़ दिल्ली में भी बन गया है, जो कई दिनों से हटाए जाने की बाट जोह रहा है। उनका इशारा गाजीपुर के कचरे के सबसे बड़े ढेर की तरफ था, जिसे लेकर AAP सरकार भी निष्क्रिय है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था और अब 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया है। उन्होंने जानकारी दी कि अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है ‘कचरा मुक्त शहर’, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना। वहीं उन्होंने बताया कि मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना।

अर्थात, अपने शहरों को पानी व बाढ़ से सुरक्षित जगह बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। बकौल पीएम मोदी, इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया कि बाबासाहब भीमराव आंबेडकर असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे। प्रधानमंत्री ने ध्यान दिलाया कि बेहतर जीवन की आकांक्षा में गाँवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गाँवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है, जो उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है – एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी स्थिति में रहना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबासाहब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबासाहब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। हमारे सफाई मित्र, हर रोज झाड़ू उठाकर सड़कों को साफ करने वाले हमारे भाई-बहन, कूड़े की दुर्गंध को बर्दास्त करते हुए कचरा साफ करने वाले हमारे साथी, सच्चे अर्थों में इस अभियान के महानायक हैं। कोरोना के कठिन समय में उनके योगदान को देश ने करीब से देखा है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत मिशन – शहरी 2.0’ और ‘अमृत 2.0’ का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल को याद करते हुए बताया कि निर्मल गुजरात अभियान जब जन-आंदोलन बना था, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले। इससे गुजरात को नई पहचान तो मिली ही, राज्य में पर्यटन भी बढ़ा। जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है। उन्होंने लोगों को ये याद रखने की सलाह दी कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है।

उन्होंने समझाया कि स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महा-अभियान है, अर्थात स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है। प्रधानमंत्री ने आँकड़े गिनाते हुए कहा कि आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन कचरों को ठिकाने लगा रहा है, जबकि 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले कचरे का 20% से भी कम प्रोसेस होता था।

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि आज हम करीब रोज़ाना 70% ‘वेस्ट प्रोसेस’ कर रहे हैं, जिसे हमें अब शत-प्रतिशत तक लेकर जाना है। उन्होंने बताया कि 2014 के पहले के 7 वर्षों की बात करें, तो शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब सवा लाख करोड़ रुपए का ही बजट आवंटित था। उन्होंने जानकारी दी कि केंद्र सरकार के 7 वर्षों में शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अभी अगस्त के महीने में ही देश ने ‘National Automobile Scrappage Policy‘ लॉन्च की है, जो नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, ‘Waste to Wealth‘ के अभियान को, सर्कुलर इकॉनमी को और मजबूती देती है। उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी देश के शहरों से प्रदूषण कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।

इसका सिद्धांत है- Reuse, Recycle और Recovery. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान दिलाया कि कैसे सरकार ने सड़कों के निर्माण में भी कचरों के उपयोग पर बहुत ज्यादा जोर दिया है। उन्होंने कहा, “आज शहरी विकास से जुड़े इस कार्यक्रम में, मैं किसी भी शहर के सबसे अहम साथियों में से एक की चर्चा अवश्य करना चाहता हूँ। ये साथी हैं हमारे रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले- स्ट्रीट वेंडर्स। इन लोगों के लिए ‘पीएम स्वनिधि योजना’, आशा की एक नई किरण बनकर आई है।

प्रधानमंत्री ने खुशी जताई कि देश के दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से लोन दिया गया है। उन्होंने इन लोगों से भी स्वच्छता अभियान में सहयोग माँगा। इस मिशन का उद्देश्य होगा कि शहरों को कचरों से ढेर से और गंदे पानी से मुक्ति मिले। ‘स्वच्छता एप’ के जरिए लोग अपडेट भी करते हैं कि कहाँ ज्यादा कचरा है। पीएम मोदी ने ‘सोशल हाइजीन’ का मंत्र दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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