Thursday, November 14, 2024
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मंडी, मंडी से बाहर, डिजिटल प्लेटफार्म, जहाँ मन हो वहाँ बेचिए अपनी पैदावारः PM मोदी ने किसानों को गिनाए कृषि कानूनों के फायदे

"इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI India)’ की 93वीं वार्षिक आम बैठक को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने 20-20 के मैच में तेजी के साथ बहुत कुछ बदलते देखा है, लेकिन 2020 के इस वर्ष ने सभी को मात दे दी है। कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस साल न जाने उतार-चढ़ाव के कितने ही मौके आए। उन्होंने कृषि कानूनों पर बात करते हुए किसान वर्ग को भी समझाया।

उन्होंने बताया कि भारत में रिकवरी का औसत अच्छा है और ये शुभ संकेत है। FICCI India के सम्मलेन में पीएम मोदी ने कहा कि इतने उतार-चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा। लेकिन, अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र उम्मीद जगा रहा है।

प्रधानमंत्री ने सभी के भीतर आत्मविश्वास जगाते हुए कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में देश ने काफी कुछ सीखा है और इससे हमारी आकांक्षाओं को बल ही मिला है। उन्होंने उद्यमियों, किसानों और युवाओं को इसका क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा कि जो देश ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगियाँ बचा सकता है, वो सभी आर्थिक क्षेत्रों में भी पुनः विकास की स्थिति ला सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वैश्विक महामारी में भारत ने सबसे ज्यादा प्राथमिकता एक ही चीज को दी- लोगों की जान बचाने में।

कोरोना काल में भी FDI और PFI में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आए। पीएम मोदी ने इसके लिए ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत का प्राइवेट सेक्टर न सिर्फ हमारी घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, बल्कि एक वैश्विक छवि भी बना सकता है। उन्होंने आत्मनिर्भर अभियान की बात करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य है- भारतीय इंडस्ट्रियों को प्रतियोगी बनाना और देश में उत्तम गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स का उत्पादन करना।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया। आज इसका नतीजा देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियाँ बनाई, निर्णय लिए हैं, स्थितियों को सँभाला है, उसने पूरी दुनिया को चकित करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि अब इंस्पेक्टर राज और टैक्स टेररिज्म का जमाना जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने FICCI India के सम्मलेन में शामिल लोगों को भारत के कॉर्पोरेट टैक्स को लेकर भी आश्वस्त किया कि ये अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रतियोगी है। उन्होंने कहा कि एक वाइब्रेंट अर्थव्यवस्था में एक सेक्टर के विकास का असर दूसरे सेक्टर पर पड़ता है। उन्होंने याद दिलाया कि सरकार विकास के रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटा रही है और कृषि सेक्टर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि पिछले 6 वर्षों में भारत ने भी ऐसी ही सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को समर्पित है और जो हर स्तर पर देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ अभियान चल रहा है और इससे किस तरह दुनिया प्रभावित हुई है, उन्होंने इसकी भी चर्चा की और कहा कि छोटे ठेले वालों तक को भी डायरेक्ट पेमेंट्स मिल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हर महीने 4 लाख करोड़ रुपए का UPI से लेनदेन होते हैं और हर साल ये रिकॉर्ड टूट रहा है। उनके मुताबिक, सबसे बड़ी बात तो ये है कि ग्रामीण भारत में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय इंटरनेट यूजर्स हैं। इसी तरह से Tier-II और Tier-III शहरों में सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। साथ ही बताया कि अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं। उन्होंने कहा:

“इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है। आज देश का किसान मंडियों में, मंडी से बाहर और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर, हर जगह अपने उत्पाद बेच सकता है। किसानों की आय बढ़ा कर उन्हें समृद्ध करने के लिए हम हर कदम उठा रहे हैं। इसी तरह पीएम-वाणी योजना के तहत देशभर में सार्वजनिक WiFi हॉटस्पॉट्स का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इससे गाँव-गाँव में कनेक्टिविटी का व्यापक विस्तार होगा। मेरा आपसे आग्रह है कि रूरल और सेमी रूरल क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के इन प्रयासों में भागीदार बनें।”

FICCI India के वार्षिक सम्मलेन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किए गए हैं। इससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि 21वीं सदी के भारत के विकास को गाँव और छोटे शहर ही सपोर्ट करने वाले हैं। उद्यमियों को प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि उन्हें गाँव और छोटे शहरों में निवेश का मौका बिल्कुल नहीं गँवाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो। जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा। बता दें कि ‘कृषि आंदोलन’ के नाम पर दिल्ली दंगों और भीमा-कोरेगाँव हिंसा के आरोपितों का समर्थन हो रहा है। साथ ही प्रदर्शन तेज होने के साथ हिंसा की भी आशंका जताई जा रही है, जिस कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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