कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा की सुरक्षा में हुई तथाकथित चूक के बारे में न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ ने हैरतअंगेज़ खुलासा किया है। अंग्रेजी समाचार चैनल के दावे के अनुसार यह पूरा प्रकरण जानबूझकर किया गया ड्रामा प्रतीत हो रहा है। क्योंकि जिस गाड़ी के प्रियंका के घर में ‘घुस आने’ को उन्हें मिली ज़ेड प्लस सुरक्षा की खामी बताया जा रहा है, उस गाड़ी में बैठी महिला को प्रियंका के ही निजी सचिव ने मिलने का समय दिया था। और तो और वो महिला कॉन्ग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकीं हैं।
गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी वाड्रा को कुछ दिन पहले तक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की बेटी होने और राजीव गाँधी की हत्या किए जाने के चलते हाई-रिस्क सिक्योरिटी वाला व्यक्ति मानते हुए एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। आम तौर पर यह सुरक्षा कवच केवल तत्कालीन प्रधानमन्त्री को मुहैया कराई जाता है। हाल ही में मोदी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने एसपीजी एक्ट को संशोधित करने का प्रस्ताव संसद में पेश किया है, जिसके तहत इसे फिर से केवल वर्तमान प्रधानमंत्री की सुरक्षा वाला बिल बना दिया जाएगा। यह बिल लोक सभा से पारित हो चुका है, और इसे राज्य सभा में पेश किया जाना है।
इसी के साथ गृह मंत्रालय की सुरक्षा आकलन समिति ने प्रियंका गाँधी, कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी और पार्टी अध्यक्षा सोनिया गाँधी की सुरक्षा का दर्जा बदलकर ज़ेड प्लस कर दिया था। इसी के बाद कल (2 दिसंबर, 2019, सोमवार को) कॉन्ग्रेस ने अचानक दावा करना शुरू कर दिया था कि एसपीजी से ज़ेड प्लस सुरक्षा हो जाने के बाद प्रियंका के घर में एक परिवार अनाधिकारिक तरीके से घुस आया था।
लेकिन आज टाइम्स नाउ की तहकीकात में कथित तौर पर अनधिकृत तरीके से घुसने वाली एसयूवी गाड़ी के मालिक चंद्रशेखर त्यागी ने दावा किया है कि वे और उनकी बहन गरिमा त्यागी समय लेकर प्रियंका गाँधी से मिलने पहुँचे थे। यही नहीं, उनकी बहन गरिमा त्यागी कॉन्ग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकीं हैं, और पूरा परिवार कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार का वफ़ादार रहा है।
#Exclusive | TIMES NOW investigates the alleged ‘breach’ in @priyankagandhi’s security. The car owner & the occupant have been tracked down.
— TIMES NOW (@TimesNow) December 3, 2019
TIMES NOW’s Pranesh with more details. Listen in. | #PriyankaFakeBreach pic.twitter.com/S13YdFZyZs
चंद्रशेखर त्यागी की टाइम्स नाउ के साथ बातचीत को सुनें तो उसमें उस समय (जब त्यागी परिवार प्रियंका से मिलने पहुँचा था) तो किसी तरह की नाराज़गी भी नहीं जताई गई थी। केवल प्रियंका ने दो दिन बाद आने का समय लेने के लिए कहा क्योंकि उस समय वे कहीं जा रहीं थीं।
#Exclusive | Big twist in @PriyankaGandhi security threat saga. TIMES NOW investigates the ‘breach.’ Car owner & occupant tracked down. The car owner tells Nikesh Singh, ‘We’re long-term @INCIndia loyalists, we went to seek time from Priyanka.’ | #PriyankaSecurityThreatTwist pic.twitter.com/ueKa4Dxkiw
— TIMES NOW (@TimesNow) December 3, 2019
इस पूरे मामले में ‘चूक’ जैसा कुछ रहा तो केवल यह कि सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ़ के सुरक्षाकर्मियों ने त्यागी परिवार की गाड़ी की तलाशी नहीं ली। लेकिन जिस तरह का मसला कॉन्ग्रेस इसे बना रही है, कि प्रियंका की सुरक्षा एसपीजी कवर जाने से खतरे में पड़ गई है, कोई भी, कैसे भी उनके दरवाज़े पहुँच सकता है, वैसी कोई भी चीज़ इस घटना में देखने को नहीं मिली है।
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