राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को उत्तर प्रदेश के मेरठ जाने से रोक दिया गया है। दोनों कॉन्ग्रेस नेता बिजनौर से मेरठ की तरफ आ रहे थे लेकिन पुलिस ने दोनों को परतापुर से ही वापस लौटा दिया। उन्हें मेरठ सीमा पर मोहिउद्दीनपुर में ही रोकने की तैयारी कर ली गई थी। इसके लिए खरखौदा वाले रोड पर पुलिस ने पूरी तरह से नाकाबंदी की थी। लेकिन, वहाँ पुलिस प्रियंका और राहुल को नहीं रोक पाई क्योंकि उनके सुरक्षाकर्मियों ने सीओ व अन्य पुलिसवालों को धक्का देकर किसी तरह गाड़ी आगे बढ़ा दिया। वहाँ मौजूद एक सीओ ने बताया कि एक पल के लिए उन्हें ऐसा लगा कि गाड़ी उन्हें टक्कर मार देगी।
दरअसल, राहुल और प्रियंका सीएए हिंसा में मारे गए मोहसिन के परिजनों से मिलने पहुँचे थे। पूरे उत्तर प्रदेश में सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा और उपद्रव किया गया। दंगाइयों ने पुलिस से झड़प की, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और क़ानून-व्यवस्था अपने हाथ में लिया। इस हिंसा में मारे गए लोगों का समर्थन करते हुए कॉन्ग्रेस ने योगी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि वो बुधवार (दिसंबर 25, 2019) को फिर से मेरठ जाएँगे।
मेरठ में सीएए को लेकर हुई हिंसा में मोहसिन, आसिफ, जहीर, आलिम और दिल्ली के आसिफ की मौत हो गई थी। इसमें 35 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस मामले में अब तक 102 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। पुलिस की ‘सोशल मीडिया लैब’ डिजिटल रूप से भड़काऊ पोस्ट्स व ट्वीट्स पर नज़र रख रही है। कई क्षेत्रों में ‘शांति कमिटियों’ का गठन कर के सामाजिक सौहार्द बरक़रार रखने का प्रयास जारी है। पुलिस ने कहा है कि बाकी आरोपितों की गिरफ़्तारी के लिए धर-पकड़ जारी है।
मेरठ प्रशासन की ओर से रोके जाने के बाद वापस दिल्ली के लिए रवाना हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी. @supriya23bh pic.twitter.com/nUOBzHCn75
— TV9 भारतवर्ष (@TV9Bharatvarsh) December 24, 2019
कॉन्ग्रेस नेता इमरान मसूद ने कहा कि राहुल व प्रियंका मृतक के परिजनों का दुःख बाँटने आए थे। दोनों नेताओं ने परिजनों से फोन पर भी बातचीत की। इलाक़े में बड़ी संख्या में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता जमा हो गए थे, जिन्हें राहुल-प्रियंका के न पहुँचने से निराशा हुई।