Monday, July 14, 2025
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कौन हैं वे योगी जिनमें राजस्थान देख रहा ‘भविष्य’, वसुंधरा से ज्यादा लोग चाहते हैं बाबा बने CM: जानिए योगी आदित्यनाथ से क्या है कनेक्शन

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। वोटों की गिनती 3 दिसंबर 2023 को होगी। विभिन्न एजेंसियों ने राज्य में सरकार बनाने को लेकर अपने एग्जिट पोल्स जारी कर दिए हैं। इस बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक सर्वे सामने आया है। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम महंत बालकनाथ योगी का है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। वोटों की गिनती 3 दिसंबर 2023 को होगी। विभिन्न एजेंसियों ने राज्य में सरकार बनाने को लेकर अपने एग्जिट पोल्स जारी कर दिए हैं। इस बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक सर्वे सामने आया है। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम महंत बालकनाथ योगी का है।

आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में राजस्थान में सीएम पद के चेहरे को लेकर उनकी राय पूछी गई। इसमें 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बालकनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। बालकनाथ ने भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे और कॉन्ग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट को भी पीछे छोड़ दिया है।

सर्वे में 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे वसुंधरा राजे को सीएम देखना चाहते हैं, जबकि दीया कुमारी को 1 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं। भाजपा में वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजेंद्र राठौड़ सहित कई नाम चर्चा में हैं। सर्वे में 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे भाजपा के किसी भी उम्मीदवार को सीएम बनते देखना चाहते हैं।

कौन हैं महंत बालकनाथ

हालाँकि, सीएम पद की रेस में बालकनाथ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसी नेता को पीछे छोड़ देना साधारण बात नहीं है। महंत बालकनाथ योगी इस समय अलवर से भाजपा के सांसद हैं। पार्टी ने इस बार के राजस्थान विधानसभा में उन्हें हरियाणा-राजस्थान सीमा पर आने वाले तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।

बाबा बालकनाथ उसी नाथ पंथ के योगी हैं, जिसके प्रमुख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। बालकनाथ योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं और राजस्थान में उन्हें फायरब्रांड नेता के रूप में जाना जाता है। इसलिए उन्हें ‘राजस्थान का योगी’ कहा जाता है।

बाबा बालकनाथ की अलवर और उसके आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनकी छवि को देखते हुए राजस्थान भाजपा में उन्हें उपाध्यक्ष भी बनाया गया है। बालकनाथ ने साल 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था। उन्होंने कॉन्ग्रेस के प्रभावशाली नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। 

बालकनाथ का प्रारंभिक जीवन

महंत बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गाँव में हुआ। उनके पिता एक किसान थे। उनके पिता का नाम सुभाष यादव और माँ का नाम उर्मिला देवी है। महंत बालकनाथ अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनका परिवार साधु-संतों की सेवा में लगा रहता था।

इसी दौरान उनके माता-पिता ने अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए उन्हें महंत खेतानाथ के आश्रम में छोड़ दिया। उस समय बालकनाथ की उम्र सिर्फ 6 साल की थी। खेतानाथ से दीक्षा लेने के बाद बालकनाथ महंत चांदनाथ के पास आ गए। इसके बाद साल 2016 में उन्होंने बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी चुन लिया।

महंत बालक नाथ नाथ संप्रदाय के आठवें संत है। बालक नाथ बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं। बालकनाथ रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत हैं। उनका मठ अपने नाथ संप्रदाय से जुड़ी हुई विभिन्न प्रकार के जन कल्याणकारी संस्थान भी चलाते हैं। इस कारण से उनकी पहचान एक जन नेता के रूप में है।

योगी आदित्यनाथ के नजदीकी

बालकनाथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं। सीएम योगी बालकनाथ के नामांकन में भी पहुँचे थे। बालकनाथ कई मौकों पर कह चुके हैं कि योगी आदित्यनाथ उनके बड़े भाई और मार्गदर्शक हैं। योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के सभी मठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वहीं, रोहतक मठ उपाध्यक्ष है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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