Friday, April 26, 2024
Homeराजनीति'ब्रह्मांड के केंद्र' में भारत माता की समृद्धि के लिए RSS प्रमुख मोहन भागवत...

‘ब्रह्मांड के केंद्र’ में भारत माता की समृद्धि के लिए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की प्रार्थना, मेघालय के इसी जगह पर है ‘स्वर्णिम पुल’ की मान्यता

अपने भाषण में मोहन भागवत ने इस पवित्र दर्शन का विलक्षण अनुभव प्राप्त करने पर अपना गहरा आभार व्यक्त किया, और कहा कि वे यू लुम सोहपेटबनेंग के पवित्र संदेश को पूरे देश में आगे बढ़ाएँगे।

RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने मेघालय में पवित्र पर्वत लुम सोहपेटबनेंग का दौरा किया। मोहन भागवत की मेघालय की दो दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में संघ के सरसंघचालक ने ‘सेंग खासी’ पदाधिकारियों के साथ पवित्र शिखर, यू लुम सोहपेटबनेंग (ब्रह्मांड की नाभि) के गर्भगृह में प्रार्थना के लिए शामिल हुए। यह सभी के भलाई के लिए, ‘का मेई री इंडिया’ (भारत माता) की वृद्धि और समृद्धि और उसके सभी नागरिको के उत्थान निमित्त ही था।

प्रार्थना सेंग खासी के प्रधान पुजारी स्कोर जाला द्वारा की गई थी, और स्वधर्म आस्था ‘नियाम खासी’ के लिए पवित्र अनुष्ठानों में समाप्त हुई, जिसमें सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, ‘ सेंग खासी किमी’ के अध्यक्ष तथा जोवाई के डोलोई ने संग भाग लिया। आशीर्वाद स्वरूप पवित्र चावल का वितरण भी किया गया और संघ प्रमुख ने पवित्र परिसर के भीतर एक पौधा लगाकर इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण अवसर का समापन किया।

सेंग खासी एक सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन है जिसका गठन 23 नवंबर, 1899 को सोलह युवा खासी पुरुषों द्वारा खासियों के अपने से चली आई परंपरा प्रेरित जीवन और धर्म की रक्षा, संरक्षण और प्रचार करने के लिए किया गया था। आज 123 साल बाद सेंग खासी इन खासी पहाड़ियों में 300 से अधिक शाखाओं में विकसित हो गया है, और यह संगठन लोगों की जड़ों और पहचान को मजबूत करके लोगों को गौरवान्वित करने के अपने उद्देश्य में प्रयास करना जारी रखता है।

अपने भाषण में मोहन भागवत ने इस पवित्र दर्शन का विलक्षण अनुभव प्राप्त करने पर अपना गहरा आभार व्यक्त किया, और कहा कि वे यू लुम सोहपेटबनेंग के पवित्र संदेश को पूरे देश में आगे बढ़ाएँगे। उन्होंने कहा, “मनुष्य और भगवान को जोड़ने वाला वह ‘स्वर्णिम पुल’ अब एक सोने के हृदय के भीतर ही निवास कर रहा है।”

यू लुम सोहपेटबनेंग का शिखर वह स्थान माना जाता है जहां एक “स्वर्णिम पुल” मनुष्य को स्वर्ग से जोड़ता था। ऐसा माना जाता है कि सोलह परिवारों ने दो दुनियाओं के बीच यात्रा की, जब तक कि सात पृथ्वी पर हमेशा के लिए धरती माता की देखभाल करने और धार्मिकता अर्जित करने और सत्य का प्रचार करने के लिए बने रहे। आज के संदर्भ में यह वह पवित्र उद्गम स्थल है, जहाँ भारत की सच्ची समृद्धि को दर्शाने वाली स्मरणीय घटना हुई है। भागवत ने इस पवित्र स्थान पर अपने दो दिन के व्यस्त कार्यक्रम को समाप्त किया और आगे के निश्चित कार्यक्रमों के निमित्त गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe