Sunday, September 1, 2024
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फारूक अब्दुल्ला की बेटी को छोड़ चुके हैं सचिन पायलट, चुनाव में दिए एफिडेविट से खुलासा: पत्नी के नाम की जगह लिखा ‘तलाकशुदा’

सचिन पायलट ने टोंक से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार के तौर पर 31 अक्टूबर 2023 को अपना पर्चा दाखिल किया। इसमें पत्नी के नाम वाले कॉलम में उन्होंने तलाकशुदा लिखा है। इससे पहले 2018 में चुनावी हलफनामे में उन्होंने सारा को पत्नी बताया था।

कॉन्ग्रेस नेता सचिन पायलट अपनी पत्नी सारा से तलाक ले चुके हैं। इसका खुलासा राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल पायलट के हलफनामे से हुआ है। सारा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी हैं और उमर अब्दुल्ला की बहन हैं।

सचिन पायलट ने टोंक से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार के तौर पर 31 अक्टूबर 2023 को अपना पर्चा दाखिल किया। इसमें पत्नी के नाम वाले कॉलम में उन्होंने तलाकशुदा लिखा है। इससे पहले 2018 में चुनावी हलफनामे में उन्होंने सारा को पत्नी बताया था। वैसे यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों ने तलाक कब लिया।

साल 2004 में हुई थी दोनों की शादी

सचिन पायलट और सारा अब्दुल्ला की शादी 15 जनवरी 2004 को हुई थी। दोनों के आरन और विहान नाम के दो बच्चे हैं। सारा अब्दुल्ला और सचिन पायलट की शादी काफी चर्चित रही थी। इनके अलग होने की चर्चा काफी समय से चल रही थी, लेकिन इसकी पुष्टि हुई है सचिन पायलट द्वारा विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर भले गए हलफनामे से। सचिन पायलट ने इसमें बताया है कि उनके दोनों बच्चे उन्हीं पर आश्रित हैं।

साल 2018 में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुई थीं सारा

सचिन पायलट ने साल 2018 के चुनावी हलफनामे में सारा अब्दुल्ला की संपत्ति की भी जानकारी दी थी, लेकिन इस बार के हलफनामे में उन्होंने खुद को तलाकशुदा बताया है। इससे पहले भी साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय दोनों के तलाक की अफवाहें उड़ी थी, लेकिन तब सचिन ने इसका खंडन किया था। साल 2018 में जब सचिन पायलट उप-मुख्यमंत्री बने थे, तो शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सारा अपने पिता फारूक अब्दुल्ला और दोनों बेटों आरन-विहान के साथ शामिल हुईं थी।

बता दें कि सचिन पायलट लंबे समय से राजनीति की दुनिया में हैं। साल 2004 में वो दौसा लोकसभा सीट से सांसद बने थे। साल 2009 में उन्होंने अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था और केंद्रीय मंत्री भी बने थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा था, लेकिन साल 2018 में उनकी अगुवाई में कॉन्ग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

हालाँकि शीर्ष नेतृत्व ने उनकी जगह अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना था। पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन कुछ समय बाद ही गहलोत और पायलट के बीच की तनातनी सार्वजनिक हो गई। पायलट की कैबिनेट से भी छुट्टी कर दी गई थी। फिलहाल सचिन पायलट एक बार फिर से टोंक विधानसभा सीट से चुनावी समर में उतर चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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