Saturday, July 27, 2024
Homeबड़ी ख़बरराजद्रोह के आरोपों के खिलाफ SC की शरण में पहुँचे शशि थरूर और राजदीप...

राजद्रोह के आरोपों के खिलाफ SC की शरण में पहुँचे शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई

नोएडा के सेक्टर 20 थाने में अभिजीत मिश्रा की शिकायत के बाद राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसमें कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर और टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई सहित 7 आरोपितों के नाम हैं।

राजद्रोह के मामले में फँसे पत्रकार राजदीप सरदेसाई और कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली में एक प्रदर्शनकारी ‘किसान’ की मौत होने के बाद इन दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई थी, जिसके बाद कई राज्यों में इनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी। हिंसा भड़काने के मामले में दोनों आरोपितों ने अब सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए याचिका दायर की है।

इन दोनों के अलावा, वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ और अनंतनाथ जैसों ने भी अपने खिलाफ दर्ज मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में अभिजीत मिश्रा की शिकायत के बाद राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसमें कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर और टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई सहित 7 आरोपितों के नाम हैं। आरोप है कि इन सभी ने फेक न्यूज़ फैला कर दंगा भड़काने की साजिश की।

अपनी शिकायत में मिश्रा ने कहा कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में निवास करते हैं। उनका आरोप है कि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे तिरुवनंतपुरम से कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर, हाल ही में ‘इंडिया टुडे’ से ऑफ एयर किए गए पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनंतनाथ, विनोद जोशी और एक अज्ञात – ये सभी शामिल हैं।

शिकायतकर्ता ने जनवरी 26 को दिल्ली में हुई हिंसा को जानबूझ कर अंजाम दी गई वारदात करार दिया है। उन्होंने इसे षड्यंत्र बताते हुए कहा कि सब कुछ एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया और इन लोगों का उद्देश्य था कि दिल्ली में दंगा होने के साथ-साथ सरकारी कर्मियों की हत्या भी हो। साथ ही गुमराह करने वाली और उकसाने वाली खबरें फैलाने के आरोप लगे। विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का आरोप भी लगाया गया है।

नोएडा के अलावा भोपाल के मिसरोद थाने में भी राष्ट्रद्रोह की धाराओं के तहत शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे सहित 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। भोपाल के ASP ने बताया था कि किसान आंदोलन की आड़ में इन शशि थरूर पर ऐसा ट्वीट करने का आरोप है जिससे दो समुदायों के बीच में अशांति फैले। आरोपितों के खिलाफ धारा 153A (1B) और 505 (2) के तहत FIR दर्ज की गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -