Tuesday, April 30, 2024
Homeराजनीतिइन्होंने बाल ठाकरे की विचारधारा से की दगाबाजी, ये हमास से भी कर सकते...

इन्होंने बाल ठाकरे की विचारधारा से की दगाबाजी, ये हमास से भी कर सकते हैं गठबंधन: उद्धव ठाकरे पर दशहरा रैली में बरसे CM एकनाथ शिंदे

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर अपने फायदे के लिए (उद्धव ठाकरे) लश्कर-ए-तैयबा और हमास से गठबंधन कर लें। उन्होंने खुलासा किया कि जब पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उन्हें मिला तो उद्धव गुट ने शिवसेना के खाते में पड़े 50 करोड़ रुपए निकालने की कोशिश की थी।

कभी विजयादशमी पर रैली से बाल ठाकरे अपनी और शिवसेना की ताकत का प्रदर्शन किया करते थे। शिवसेना में टूट के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दशहरा रैली के जरिए खुद को बाल ठाकरे की राजनीति का असली वारिस साबित करने की कोशिश करते हैं।

इसी क्रम में 24 अक्टूबर 2023 को रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने उद्धव गुट पर बाला साहेब की राजनीतिक विचारधारा से दगाबाजी करने का आरोप लगाया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव होने के बाद पता चल जाएगा कि कौन असली शिवसेना है और कौन नकली।

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर अपने फायदे के लिए (उद्धव ठाकरे) लश्कर-ए-तैयबा और हमास से गठबंधन कर लें। उन्होंने खुलासा किया कि जब पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उन्हें मिला तो उद्धव गुट ने शिवसेना के खाते में पड़े 50 करोड़ रुपए निकालने की कोशिश की थी। बैंक के इनकार करने के बाद पैसे के लिए उनको पत्र लिखा गया। शिंदे ने कहा कि मैंने तुरंत उन्हें पैसा दे दिया, क्योंकि उनको सिर्फ पैसों से प्यार है न कि बाला साहेब के विचारों से।

शिंदे ने एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2004 में मणिशंकर अय्यर के पुतले को बाला साहेब जूतों से मारना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर पर कोई विवादित बयान दिया था। लेकिन आज उद्धव उन्हीं के जूते उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे आज रावण जला है वैसे ही 2024 में जनता INDI गठबंधन नाम के रावण का दहन करेगी।

गौरतलब है कि जब तक शिवसेना एकजुट थी दशहरा रैली का आयोजन शिवाजी पार्क में होता था। इस बार उद्धव गुट की रैली शिवाजी पार्क में, जबकि शिंदे शिवसेना की रैली आजाद मैदान में हुई है। रैली के दौरान उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री शिंदे पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार मराठा लोगों पर अत्याचार कर रही है। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए कभी मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज नहीं हुआ, जबकि शिंदे सरकार में ऐसा किया गया।

उद्धव ठाकरे इस दौरान देश में मिलीजुली सरकार की वकालत करते नजर आए। उनका कहना था कि देश में भाजपा जैसी प्रचंड बहुमत वाली सरकार नहीं होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव कराने की चुनौती देते हुए कहा कि इसके बाद जनता बता देगी कि असली शिवसेना कौन सी है। वहीं उद्धव के करीबी सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी के नेताओं के शामिल किए जाने पर भी प्रश्न उठाए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मिडिल क्लास की संपत्ति नीलाम, कॉरपोरेट लोन माफ’: बैंक की नीलामी विज्ञापन पर ‘द हिंदू’ की डिप्टी एडिटर ने किया गुमराह, जानिए सच

अंग्रेजी समाचार द हिन्दू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह लोन 'वेव ऑफ' करने और 'राइट ऑफ' करने को लेकर भ्रमित हो गईं।

सेल्युलर जेल में हिंदुत्व को लेकर खुली वीर सावरकर की आँख, मुस्लिम कैदियों के अत्याचारों ने खोली ‘घर वापसी’ की राह: ‘नायक बनाम प्रतिनायक’...

सेल्युलर जेल में हिंदू क्रांतिकारी बहुसंख्यक थे। उनको नियंत्रित करने और यातनाएँ देने के मकसद से जेलर बारी ने मुसलमान अपराधी कैदियों को वार्डर, पहरेदार और हवलदार वगैरह नियुक्त कर दिया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -