Saturday, July 27, 2024
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राशन-सिलेंडर-बिस्तर लेकर सड़क पर उतरे किसान, फिर से शहर की सीमाओं को घेरा: पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ जमावड़ा

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले हो रहे इस तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की प्रमुख माँग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कानून की गारंटी है।

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने अपनी माँगों के समर्थन में पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन देने का एलान किया है। यह ज्ञापन चंडीगढ़ में दिया जाएगा। ज्ञापन देने के लिए SKM से जुड़े लोग चंडीगढ़ में सड़क पर मार्च करते हुए राजभवन तक जाएँगे। इस एलान के बाद चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर के पास रविवार (26 नवंबर, 2023) को किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया है। एहतियातन पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। आने-जाने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते से डायवर्ट किया गया है। यह प्रदर्शन दिल्ली में हुए तीन कृषि कानून विरोधी धरने के 3 साल पूरे होने पर किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले हो रहे इस तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की प्रमुख माँग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कानून की गारंटी है। इसके अलावा साल 2020-21 में तीन कृषि कानून को रद्द करने के लिए किए गए प्रदर्शनों के दौरान दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेना प्रदर्शन की दूसरी प्राथमिकता बताई गई है। साथ ही इन प्रदर्शनों के दौरान जिन किसानों की मौत हुई थी उनके घर वालों को मुआवजा, 1 सदस्य को नौकरी और उनके कर्ज की माफी जैसी माँगे भी शामिल हैं।

SKM ने एलान किया है कि वो अपनी माँगों का एक ज्ञापन पंजाब के राज्यपाल को सौंपेंगे। इस ज्ञापन को बाकायदा चंडीगढ़ में मार्च निकाल कर दिया जाएगा। चंडीगढ़ के विभिन्न रास्तों पर इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोगों को ट्रैक्टर-ट्रॉली पर आते ही देखा गया। ट्रॉलियों पर राशन, बिस्तर, गैस सिलेंडर और रोजमर्रा काम में आने वाली चीजें भी मौजूद हैं। पुलिस ने इस जमावड़े को देखते हुए अपनी सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद करनी शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस बल को शहर में लगाया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के इस प्रदर्शन के चलते चंडीगढ़ में ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट जाने वाले काई मार्गों में बदलाव किया गया है। प्रशासन को अंदेशा है कि आने वाले समय में प्रदर्शनकारियों की तादाद और बढ़ सकती है। माना यह भी जा रहा है कि प्रदर्शनकारी लम्बे समय तक रुकने का भी विचार कर सकते हैं। चंडीगढ़ आने वाले सड़कों पर भी कई जगह बैरिकेड देखे गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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