Friday, April 26, 2024
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ममता बनर्जी से मिले सुब्रमण्यम स्वामी, बंगाल की CM को बताया ‘साहसी और करिश्माई’: क्या सियासत के बुझे हुए कारतूसों का नया ठिकाना है TMC

"आज मैं कोलकाता में था। वहाँ मैं साहसी और करिश्माई नेता ममता बनर्जी से मिला। मैंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के खिलाफ उनकी लड़ाई की प्रशंसा की, जिसने कम्युनिस्टों का सफाया कर दिया था।"

ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) इस समय भारतीय राजनीति के अप्रासंगिक चेहरों का पसंदीदा ठिकाना है। खासकर, वे नेता जो बीजेपी में किनारे किए जा चुके हैं। इस सूची में नया नाम सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) का बताया जा रहा है। उन्होंने गुरुवार (18 अगस्त 2022) को कोलकाता सचिवालय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात की।

ममता को साहसी और करिश्माई नेता बताते हुए स्वामी ने ट्वीट कर इस मुलाकात की जानकारी दी है। उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “आज मैं कोलकाता में था। वहाँ मैं साहसी और करिश्माई नेता ममता बनर्जी से मिला। मैंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के खिलाफ उनकी लड़ाई की प्रशंसा की, जिसने कम्युनिस्टों का सफाया कर दिया था।”

इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में स्वामी के टीएमसी में शामिल की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालाँकि, पूर्व में स्वामी ऐसी खबरों का खंडन कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें टीएमसी में शामिल होने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह पहले से ही ममता बनर्जी के साथ हैं। इससे पहले भी कई मौकों पर वे ममता बनर्जी की तारीफ कर चुके हैं। 1 जुलाई 2022 को उन्होंने ममता को बुद्धिमान नेता बताते हुए कहा था, “हमें वैचारिक मतभेद होने पर भी प्रतिभा को पहचानना होगा।”

मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में भी सुब्रमण्यम स्वामी टीएमसी चीफ ममता बनर्जी से मिले थे। दोनों नेताओं की यह बैठक दिल्ली में हुई थी। उस समय, उन्होंने जेपी (जयप्रकाश नारायण), मोरारजी देसाई, राजीव गाँधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के साथ टीएमसी सुप्रीमो की तुलना करते हुए ट्वीट किया था। इस ट्वीट में कहा था कि ममता बनर्जी में बड़े नेताओं वाले गुण हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा था, ”मैं जितने भी नेताओं से मिला और उनके साथ काम किया, उनमें ममता बनर्जी जयप्रकाश नारायण (जेपी), मोरारजी देसाई, राजीव गाँधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिंह राव से मेल खाती हैं। इन नेताओं की कथनी और करनी समान है। भारतीय राजनीति में यह दुर्लभ ही होता है।”

बीजेपी के पूर्व सांसद स्वामी से पहले यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे बीजेपी के नेता भी मोदी सरकार को कोसते-कोसते टीएमसी का दामन थाम चुके हैं। यशवंत सिन्हा ने विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल उपचुनाव में जीत हासिल कर लोकसभा पहुँचने में सफल हुए हैं। ऐसे में स्वामी पिछले कुछ समय से जिस तरह से ममता बनर्जी की सार्वजनिक प्रशंसा कर रहे हैं, उससे उनके भी टीएमसी में जाने की संभावना जताई जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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