Tuesday, May 20, 2025
Homeराजनीति'एक हफ्ते के भीतर लिखकर दो कि तुम्हें खेद है': तेजस्वी यादव को सुप्रीम...

‘एक हफ्ते के भीतर लिखकर दो कि तुम्हें खेद है’: तेजस्वी यादव को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लालू के बेटे ने गुजरातियों को कहा था ‘ठग’

गुजरातियों को ठग कहने के कारण तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत हुई थी, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुँचे और मामले को खत्म करने की अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि एक सप्ताह के भीतर तेजस्वी, गुजरातियों पर दिए गए बयान पर लिखित में दें कि वो अपना वक्तव्य वापस लेते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कहा है कि वह एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट रूप से यह लिखकर दें कि उन्हें गुजरातियों पर दिए गए बयान पर खेद है और अपना वक्तव्य वापस लें। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उनके खिलाफ दायर किए गए एक मानहानि के मामले में दी है।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने इस मामले को सुना। तेजस्वी इस मामले को खत्म करने को लेकर 22 जनवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे। यहाँ उन्होंने एक शपथपत्र दायर करके जानकारी दी थी कि वह गुजरातियों के खिलाफ दिया गया अपना बयान वापस लेना चाहते हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव को एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट शब्दों में यह लिखना होगा कि गुजरातियों पर दिए गए बयान पर उन्हें खेद है। वह अपने इस बयान को वापस लेते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह होनी है, ऐसे में उन्हें यह कहते हुए शपथ पत्र एक सप्ताह भीतर दाखिल करना होगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में तेजस्वी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने वाले गुजराती सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता के वकील से कहा कि वह उनसे पूछें कि वह इस मामले में आगे क्या चाहते हैं।

गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरातियों के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनका अपराध माफ भी कर दिया जाएगा। अगर वह देश से फरार भी हो जाएँ तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?”

इसको लेकर हरेश मेहता ने उनके खिलाफ गुजरात में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इसमें कहा गया था कि तेजस्वी यादव ने पूरे गुजराती समाज का अपमान किया है। अहमदाबाद में इस मामले में उन्हें समन भी जारी किया गया था लेकिन वह यहाँ पेश होने नहीं पहुँचे थे और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

तेजस्वी यादव अभी पटना में हैं। उन्होंने यह बयान बिहार के उपमुख्यमंत्री रहते हुए दिया था। अब उनकी कुर्सी भी चली गई है। 28 जनवरी, 2024 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राजद से समर्थन वापस लेकर NDA के साथ मिलकर सरकार बना ली है। तेजस्वी यादव से कल (30 दिसम्बर, 2024) को पटना में जमीन के बदले नौकरी मामले में ED पूछताछ भी करने वाली है। आज उनके पिता लालू प्रसाद यादव से पूछताछ हो रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले एक ऐसा ही मामला कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी के विरुद्ध दर्ज करवाया गया था। राहुल गाँधी ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति मोदी को लेकर कहा था कि ‘सारे मोदी चोर’ होते हैं। इस पर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला चला था। इस मामले में उन्हें 2 वर्ष की सजा अहमदबाद की अदालत ने सुनाई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता जिनके लिए ₹588 करोड़ की प्रॉपर्टी छोड़कर गए हैं रतन टाटा: पहले वसीयत पर उठाया सवाल, अब किया स्वीकार

मोहिनी दत्ता को रतन की वसीयत में 588 करोड़ रुपए मिले। लोगों के मन में सवाल है कि परिवार के बाहर वसीयत में हिस्सा पाने वाले मोहिनी मोहन दत्ता आखिर कौन है।

इस्लामी हिंसा ने शरणार्थी बनाया, मिशनरी ताक़तों ने मार डाला… जब त्रिपुरा के बागबेर में हुआ हिन्दुओं का नरसंहार, चर्चों के पैसे से पलता...

NLFT एक ईसाई उग्रवादी संगठन था। इसका समर्थन कई चर्चों और विदेशी मिशनरी नेटवर्क से होता था। वे त्रिपुरा को एक स्वतंत्र ईसाई मुल्क बनाना चाहते थे।
- विज्ञापन -