Tuesday, March 19, 2024
Homeराजनीतिब्रायन के वो तीन बयान जो बताते हैं TMC बंगाल में हार रही है:...

ब्रायन के वो तीन बयान जो बताते हैं TMC बंगाल में हार रही है: प्रशांत के बाद डेरेक ओ’ब्रायन की क्लब हाउस में एंट्री

क्लब हाउस की इस बातचीत पर जो उपस्थित थे उन्होंने बताया कि ब्रायन ने पूरी कोशिश की यह बताने के लिए कि टीएमसी बंगाल चुनावों को पूरी तरह से जीतने की स्थिति में है किन्तु उनकी कई बातों से ऐसा भी लग रहा था कि टीएमसी बंगाल के अंदर भाजपा से हारकर सत्ता खोने वाली है।

एक ऑनलाइन कंटेन्ट क्रिएशन ऐप्लीकेशन (जिसे क्लब हाउस या स्पेस भी कहा जाता है) पर चर्चा करते हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बात को नजरअंदाज किया कि उनकी चर्चा सार्वजनिक तौर पर सुनी जा रही है। इस लापरवाही में किशोर ने यह स्वीकार कर लिया कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) का आंतरिक सर्वे पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा को एक बड़ा बहुमत दे रहा है। हालाँकि अपने कुछ करीबी ‘पत्रकारों’ से बेपरवाह चर्चा करते हुए प्रशांत किशोर को जब यह पता चला कि चर्चा को सार्वजनिक तौर पर सुना जा रहा है तब उन्होंने अपनी बात को पलट दिया और ममता बनर्जी की बंगाल में वापसी की बात करने लगे। अब टीएमसी के ही डेरेक ओ’ब्रायन भी क्लब हाउस पर कुछ ‘लिबरल विचारकों’ के साथ चर्चा में शामिल हुए। ऐसा अनुमान है कि प्रशांत किशोर द्वारा की गई गलती को सुधारने के लिए ब्रायन क्लब हाउस पर आए थे।

क्लब हाउस की इस बातचीत पर जो उपस्थित थे उन्होंने बताया कि ब्रायन ने पूरी कोशिश की यह बताने के लिए कि टीएमसी बंगाल चुनावों को पूरी तरह से जीतने की स्थिति में है किन्तु उनकी कई बातों से ऐसा भी लग रहा था कि टीएमसी बंगाल के अंदर भाजपा से हारकर सत्ता खोने वाली है।

कॉन्ग्रेसी ट्रोल साकेत गोखले से बात करते हुए डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि टीएमसी के लिए भाजपा कभी प्रमुख चिंता का विषय नहीं थी बल्कि टीएमसी समेत सभी विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अपना प्रमुख विरोधी मानते हैं और उन्हें हटाने का प्रयत्न करते हैं।

लंबे समय तक ममता बनर्जी और उनकी टीएमसी, पीएम मोदी और अमित शाह को बाहरी कहती रहीं और यह दावा करती रहीं कि बंगाल में उनकी लोकप्रियता बिल्कुल भी नहीं है लेकिन ब्रायन के इस एक वक्तव्य ने कि टीएमसी और अन्य विपक्षी पार्टियों का पूरा फोकस पीएम मोदी और शाह हैं, पूरी सच्चाई कह दी। सच तो यह है कि विपक्षी दलों के द्वारा बेफिजूल विवादों, झूठे भ्रष्टाचार के आरोपों, अलगाववादी प्रवृत्तियों, इस्लामिक कट्टरपंथ और खालिस्तानी षड्यंत्रों के उपयोग के बाद भी देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता वैसी ही बनी हुई है।

शायद यही वह पहलू है जिसके कारण टीएमसी और डेरेक ओ’ब्रायन चिंता में है और उनकी चिंता का विषय है एक विशाल जन समुदाय में पीएम मोदी की अथाह लोकप्रियता। अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करने वाले विपक्षी दलों को भय इस बात का है कि पीएम मोदी को लेकर मतदाताओं में जो गर्व का भाव है वह उनके सभ्यतागत संस्कारों और हिन्दू पहचान के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके बाद यही तथ्य सामने आता है कि पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिन्दुत्व की लहर, जो कि भाजपा की ही सहायता करने वाली है, के बाद भी डेरेक ओ’ब्रायन यही कहेंगे कि भाजपा से पहले पीएम मोदी और अमित शाह को हटाने की जरूरत है। 

इसके बाद डेरेक ओ’ब्रायन का एक और चौंकाने वाला बयान आता है कि भले ही सीपीआई (एम) ने उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या की हो लेकिन फिर भी वो भाजपा की तुलना में बेहतर विपक्षी होंगे। इसका यही अर्थ हुआ कि ब्रायन के अनुसार एक पार्टी जिसने नरसंहार किया हो वह उस पार्टी से बेहतर है जो हिंदुओं के अंदर चेतना जागृत करने और उन्हें एक करने का कार्य करती हो। बल और भय की सहायता से शासन करने वाले टीएमसी और सीपीआईएम के लिए यह मायने नहीं रखता कि हिंदुओं पर कितना अत्याचार हुआ अथवा सत्ता में बने रहने के लिए कितने नागरिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उनके लिए आवश्यक है कि राजनैतिक शक्ति उन्हीं के साथ बनी रहे बजाय उस पार्टी के जो जनता के सहयोग और अपार समर्थन के बाद जीत हासिल करती है।

डेरेक ओ’ब्रायन का तीसरा बयान उनके भय को और भी पुख्ता कर देता है। ब्रायन ने कहा कि टीएमसी ने चुनाव आयोग से यह निवेदन किया है कि बंगाल में बाकी बचे हुए चुनाव को एक ही चरण में निपटा दिया जाए। ममता बनर्जी ने कहा कि यह अनुरोध कोरोनावायरस की दूसरी वेव के चलते किया गया है।  

क्लबहाउस में चर्चा के दौरान डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि बाकी बचे चुनाव को एक ही चरण में करवाने की माँग को चुनाव आयोग नकार सकता है किन्तु कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए चुनाव प्रचार और रैलियों को प्रतिबंधित कर सकता है। हालाँकि ब्रायन यह कभी भी नहीं चाहेंगे क्योंकि यदि रैलियाँ और चुनाव प्रचार बंद हुआ तो इसका फायदा भाजपा को ही होगा क्योंकि भाजपा सोशल मीडिया में काफी मजबूत है और डिजिटल माध्यमों से चुनाव प्रचार में भाजपा का कोई सानी भी नहीं है।

डेरेक ओ’ब्रायन का यही मानना है कि चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित करके चुनाव आयोग एक तरह से भाजपा की ही सहायता करेगा। भले ही टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव को एक ही चरण में करवाने के पक्ष में हो लेकिन वो कभी भी चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं करेंगी क्योंकि उन्हें इस बात का भय है कि ऐसा करने से टीएमसी को नुकसान होगा। भले ही चुनावी रैलियों से कोविड-19 का खतरा बढ़ जाए।

डेरेक ओ’ब्रायन के इन बयानों से यही ज्ञात होता है कि बंगाल में टीएमसी की हार के विषय में प्रशांत किशोर ने जो कहा था वह कभी भी गलत था ही नहीं।  

डेरेक ओ’ब्रायन के पहले क्लब हाउस में प्रशांत किशोर का कबूलनामा :

7 अप्रैल को क्लबहाउस की चर्चा का एक ऑडियो क्लिप ट्विटर पर वायरल हुआ था जिसमें प्रशांत किशोर ने लुटियन्स के पत्रकारों से चर्चा करते हुए बंगाल में भाजपा की जीत की बात स्वीकार की थी। प्रशांत किशोर को अंदाजा भी नहीं था कि उनकी यह बात रिकॉर्ड की जा रही है। इसी लापरवाही में किशोर ने पूरी चुनावी गणित सबके सामने खोल कर रख दी। उन्होंने बताया कि मोदी और हिन्दुत्व फैक्टर के कारण भाजपा बंगाल में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।

इसके अलावा 27% अनुसूचित जाति, 75% मतुआ समुदाय और लगभग एक करोड़ हिन्दी भाषी मतदाताओं का सहयोग भी भाजपा को प्राप्त होगा जिसके कारण बंगाल में भाजपा की जीत सुनिश्चित है। किशोर ने यह भी कहा था कि शुभेन्दु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने अथवा उनके खुद के टीएमसी के साथ होने से चुनाव परिणामों पर कोई अंतर नहीं आया है।

प्रशांत किशोर ने कहा था कि यदि भाजपा पश्चिम बंगाल के चुनावों में तीन अंकों में सीट प्राप्त करने में सफल हो जाति है तो वह राजनीतिक क्रियाकलापों से सन्यास ले लेंगे और किसी के लिए भी किसी प्रकार का कोई राजनीतिक कार्य नहीं करेंगे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रामजन्मभूमि के बाद अब जानकी प्राकट्य स्थल की बारी, ‘भव्य मंदिर’ के लिए 50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी बिहार सरकार: अयोध्या की तरह...

सीतामढ़ी में अब अयोध्या की तरह ही एक नए भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पुराने मंदिर के आसपास की 50 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में बिहार कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया है।

केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर K कविता ने रची थी साजिश, AAP को दिए थे ₹100 करोड़: दिल्ली शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

बीआरएस नेता के कविता और अन्य लोगों ने AAP के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर शराब नीति कार्यान्वयन मामले में साजिश रची थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe