राजस्थान के पुलिस अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या मामले की सीबीआई जॉंच की मॉंग जोर पकड़ती जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।
फिलहाल मामले की जॉंच सीआईडी क्राइम ब्रांच के पास है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बुधवार को क्राइम ब्रांच की टीम दिनभर राजगढ़ थाने में रही। पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। विश्नोई और अन्य लोगों के सोशल मीडिया पोस्ट, ह्वाट्सएप चैट और कॉल डिटेल की भी जॉंच की जा रही है।
विश्नोई चुरू जिले के राजगढ़ थाने के ही प्रभारी थे। शनिवार (23 मई 2020) को वे अपने सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटके मिले थे। इस मामले में सादुलपुर की कॉन्ग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उन पर पुलिसकर्मियों की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने का आरोप है।
विश्नोई ने जो दो सुसाइड नोट छोड़े थे उसमें भी उन्होंने दबाव की बात कही थी। शुरुआत से ही इस मामले की सीबीआई जॉंच की मॉंग की जा रही है। राज्यवर्धन राठौड़ ने ट्वीट कर कहा है, “विष्णुदत्त विश्नोई जी जैसे ईमानदार पुलिस अधिकारी को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर बाध्य करने वालों का खुलासा होना बेहद जरूरी है, जिससे पुलिसकर्मी निर्भीक हो कार्य कर सकें। मैं राजस्थान राज्य सरकार से इस मामले की त्वरित एवं निष्पक्ष जाँच हेतु इसे CBI को सौंपने की माँग करता हूँ।”
विष्णुदत्त विश्नोई जी जैसे ईमानदार पुलिस अधिकारी को आत्महत्या जैसे कदम उठानें पर बाध्य करने वालो का खुलासा होना बेहद जरूरी है जिससे पुलिसकर्मी निर्भीक हो कार्य कर सकें।
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) May 28, 2020
मैं राजस्थान राज्य सरकार से इस मामले की त्वरित एवं निष्पक्ष जाँच हेतु इसे CBI को सौंपने की मांग करता हूँ। pic.twitter.com/fAODfdAHHp
विष्णुदत्त विश्नोई की पत्नी और उनके दोनों बच्चों ने भी गहलोत को मामले की सीबीआई जॉंच को लेकर पत्र लिखा था। कई अन्य नेताओं ने जिसमें कुछ कॉन्ग्रेस के भी हैं पूर्व में यह मॉंग कर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया था कि विष्णुदत्त विश्नोई के आत्महत्या करने की खबर पुलिस को शनिवार 9:30 बजे लग गई थी। कथित तौर पर उनका शव 12 घंटे तक फंदे से लटका रहा। रात के 9:15 के करीब शव को नीचे उतारा गया।
इतना ही नहीं उनके आत्महत्या करने की खबर परिजनों को टीवी से लगी। सुबह के करीब 11:30 बजे। पुलिस का कहना है कि मामले की जॉंच सीआईडी (क्राइम ब्रांच) को सौंप दी गई थी। उनके इंतजार में शव को नीचे नहीं उतारा गया।
विष्णु के भाई संदीप ने जो एफआईआर दर्ज कराई है उसमें भी उन्होंने कहा है कि उन्हें और उनके माता-पिता को पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की सूचना नहीं दी। उन्हें सुबह के 11:30 बजे टीवी से इसका पता चला। इसके बाद वे सभी लोग गॉंव से राजगढ़ पहुॅंचे। विष्णु चुरू जिले के राजगढ़ थाने के ही प्रभारी थे।
एफआईआर में संदीप ने कहा है कि उनके भाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। जो दो सुसाइड नोट मिले हैं, उसमें भी विष्णुदत्त ने अत्यधिक दबाव होने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि थाने के रोजनामचे में इस दबाव के बारे में कई रपटें लिखी हैं।