Thursday, April 25, 2024
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हम सब डरे हैं, MLA झूठी शिकायत करती हैं: विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या के बाद पूरे थाने ने माँगा ट्रांसफर

विश्नोई चुरू जिले के राजगढ़ थाना प्रभारी थे। शनिवार की सुबह अपने सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटके मिले थे। थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने पत्र में सादुलपुर की विधायक और उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिसकर्मियों की उच्च अधिकारियों से झूठी शिकायतें करने का आरोप लगाया गया है। कॉन्ग्रेस की कृष्णा पूनिया सादुलपुर से विधायक हैं।

राजस्थान के राजगढ़ थाने के एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा बीकानेर रेंज के आईजी को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। पत्र में डरे होने की बात कहते हुए पुलिसकर्मियों ने सामूहिक तबादले की गुहार लगाई है।

पत्र में सादुलपुर की विधायक और उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिसकर्मियों की उच्च अधिकारियों से झूठी शिकायतें करने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि इसके कारण ही हाल में थाने में तैनात कुछ लोगों को लाइन हाजिर किया गया था।

पत्र में लिखा गया है कि राजगढ़ थाने में तैनात सभी लोग डरे हुए और इस घटना से दुखी हैं। उनका मनोबल टूट गया है। इसलिए उन सभी का कहीं और सामूहिक तबादला कर दिया जाएग।

गौरतलब है कि सादुलपुर से कॉन्ग्रेस की कृष्णा पुनिया विधायक हैं। विश्ननोई सुसाइड केस में उन पर लगातार उँगली उठ रही है। हालॉंकि उन्होंने इसके लिए बीजेपी की ओछी राजनीति को जिम्मेदार बताया है। पूनिया ने उन्होंने विश्नोई की कॉल डिटेल निकाल पूरे मामले की जॉंच की मॉंग की है।

विश्नोई चुरू जिले के राजगढ़ थाना प्रभारी थे। शनिवार की सुबह अपने सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटके मिले थे। कहते हैं कि उनकी पोस्टिंग पब्लिक डिमांड पर होती थी। जब किसी इलाके में अपराध बेकाबू हो जाता था तो विश्नोई को वहॉं भेजा जाता था। जाहिर है ऐसे अधिकारी की आत्महत्या की खबर से हर किसी को हैरान होना था और वे हुए भी।

विश्नोई दो सुसाइड नोट छोड़कर गए हैं। इनमें से एक में अपने जिले की एसपी तेजस्विनी गौतम को उन्होंने लिखा है, “आदरणीय मैडम। माफ करना। प्लीज, मेरे चारों तरफ इतना प्रेशर बना दिया गया कि मैं तनाव नहीं झेल पाया। मैंने अंतिम साँस तक मेरा सर्वोत्तम देने का राजस्थान पुलिस को प्रयास किया। निवेदन है कि किसी को परेशान नहीं किया जाए। मैं बुजदिल नहीं था। बस तनाव नहीं झेल पाया। मेरा गुनहगार मैं स्वयं हूँ।”

दूसरा सुसाइड नोट उन्होंने अपने माता-पिता के नाम से लिखा था। इसमें लिखा है, “आदरणीय मॉं-पापा। मैं आपका गुनाहगार हूँ। इस उम्र में दुख देकर जा रहा हूॅं। उमेश, मन्कू और लक्की मेरे पास कोई शब्द नहीं है। आपको बीच मझधार में छोड़कर जा रहा हूँ। पता है ये कायरों का काम है। बहुत कोशिश की खुद को सॅंभालने की, पर शायद गुरु महाराज ने इतनी सॉंस दी थी। उमेश दोनों बच्चों के लिए मेरा सपना पूरा करना। संदीप भाई पूरे परिवार को सॅंभाल लेना प्लीज। मैं खुद गुनाहगार हूॅं। आप सबका विष्णु।”

यही नहीं फंदे पर लटके पाए जाने से एक दिन पहले विश्नोई ने एक परिचित के साथ व्हाट्सएप पर चैटिंग की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गंदे पॉलिटिक्स में फॅंसाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने की बात भी कही थी।

वायरल हो रही विश्नोई की व्हाट्सएप चैटिंग

विश्नोई की आत्महत्या मामले में लॉरेंस गैंग का नाम सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि विश्नोई जिस मर्डर केस की तहकीकात में जुटे थे उसके तार इसी गैंग से जुड़े थे। इसी जॉंच के सिलसिले में वे आत्महत्या से पहले रात के तीन बजे थाने भी गए थे।

पोस्टमार्टम के बाद विश्नोई का शव रविवार को श्रीगंगानगर जिले स्थित उनके पैतृक गॉंव ले जाया गया। भारत माता की जय और विष्णुदत्त अमर रहे, जैसे नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार हुआ। गहलोत सरकार ने मामले की जॉंच सीआईडी (क्राइम ब्रांच) के एसपी विकास शर्मा को सौंपी। बावजूद इसके सीबीआई जॉंच की मॉंग उठ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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