Saturday, July 27, 2024
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जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल धनखड़ को छात्रों ने घेरा, दिखाए काले झंडे, कहा-BJP कार्यकर्ता वापस जाओ

राज्यपाल जैसे ही विश्वविद्यालय पहुँचे, छात्रों ने उनकी गाड़ी रोक ली। राज्यपाल की गाड़ी के सामने छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने लगे। गो बैक के नारे लगाए। छात्रों ने उन्हें काले झंडे और पोस्टर्स दिखाए और साथ ही ‘भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ’ के नारे भी लगाए।

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ सोमवार (दिसंबर 23, 2019) को फिर से बदसलूकी की गई। जगदीप धनखड़ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए पहुँचे थे। राज्यपाल जैसे ही विश्वविद्यालय पहुँचे, छात्रों ने उनकी गाड़ी रोक ली। राज्यपाल की गाड़ी के सामने छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने लगे। गो बैक के नारे लगाए। छात्रों ने उन्हें काले झंडे और पोस्टर्स दिखाए और साथ ही ‘भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ’ के नारे भी लगाए।

राज्यपाल धनखड़ जादवपुर यूनिवर्सिटी में चांसलर के तौर पर बैठक में हिस्सा लेने गए थे लेकिन छात्रों ने इसका बहिष्कार किया। छात्रों ने अचानक राज्यपाल की कार घेर ली और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान राज्यपाल तकरीबन 45 मिनट अपनी कार में ही बंद रहे। बाद में सुरक्षा गार्ड उन्हें निकाल कर बाहर ले गए।

राज्यपाल धनखड़ ने रविवार (दिसंबर 22, 2019) को एक ट्वीट में लिखा था, “सोमवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी के 9वें कोर्ट की 10वीं बैठक होनी है। मैं चांसलर के तौर पर इसकी अध्यक्षता करूँगा। 23 दिसंबर दिन सोमवार को 2 बजे दिन में यूनिवर्सिटी के कमेटी रूम नंबर 1 में बैठक होगी।” सोमवार को अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल यूनिवर्सिटी पहुँचे लेकिन उनके खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले विश्वविद्यालय में छात्रों ने केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का घेराव किया था। बाबुल सुप्रियो के कहने के बावजूद वाइस चांसलर ने कैंपस में पुलिस बुलाने से इनकार किया था और जब खुद राज्यपाल उन्हें छुड़ाने गए थे तो छात्रों ने उनका भी घेराव किया था। इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया था कि कोलकता में दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान उन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी की उपस्थिति में उन्हें सरेआम अपमानित किया गया, जिससे वह व्यथित हैं और इसका उन्हें बहुत दुःख हुआ है।

उन्होंने बताया था कि उन्हें पूजा महोत्सव के दौरान न तो मंच पर जगह दी गई और न ही टीवी पर एक सेकंड के लिए भी दिखाया गया। कार्यक्रम में पूरी कोशिश की गई कि उन्हें कैमरा फुटेज न मिले। जबकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अन्य नेताओं व अधिकारियों के साथ मंचासीन थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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