Thursday, May 15, 2025
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यमुना की सफाई का रोडमैप तैयार, 3 चरणों में होगा पूरा: PM मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘मास्टर प्लान’ की जिम्मेदारी जल शक्ति मंत्रालय को

जल शक्ति मंत्रालय ने 'यमुना मास्टर प्लान' तैयार किया है, जिसे पीएम मोदी की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्लान में गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर यमुना रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना है।

दिल्ली में यमुना नदी की सफाई और कायाकल्प के लिए गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य यमुना नदी की मौजूदा स्थिति का आकलन करना और इसके सफाई कार्यों की चल रही व भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करना था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि बैठक में विभिन्न एजेंसियों के कार्य योजना की समीक्षा की गई, जिसमें यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए समयबद्ध रणनीति बनाई गई।

इस कार्य योजना को तीन हिस्सों में बाँटा गया है: अल्पकालिक (3 महीने), मध्यमकालिक (3 महीने से 1.5 साल) और दीर्घकालिक (1.5 से 3 साल)। इनमें नालों का प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, सीवेज प्रबंधन, सेप्टेज और डेयरी कचरा प्रबंधन, औद्योगिक कचरा प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार संरचना में कमियों की पहचान, निगरानी उपाय, यमुना में जल प्रवाह सुधार, बाढ़ क्षेत्र संरक्षण, ग्रीन रिवर फ्रंट विकास और जन जागरूकता जैसे कार्य शामिल हैं। प्रत्येक कार्य के लिए स्पष्ट समय सीमा निर्धारित की गई।

यमुना की सफाई बीजेपी का प्रमुख चुनावी वादा रहा है। फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेजर जैसे उपकरणों के साथ सफाई शुरू कर दी थी। जल शक्ति मंत्रालय ने ‘यमुना मास्टर प्लान’ तैयार किया है, जिसे पीएम मोदी की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्लान में गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर यमुना रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना है।

बैठक में नालों की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की निगरानी और नए प्लांट्स के निर्माण पर जोर दिया गया। दिल्ली में 400 मिलियन गैलन प्रतिदिन सीवेज के उपचार में कमी को पूरा करने के लिए समयबद्ध योजना बनाई गई।

इसके अलावा, औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषित पानी को नालों में बहने से रोकने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को सख्त निर्देश दिए गए। यमुना की सफाई के लिए दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम, पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण जैसे कई विभागों के बीच समन्वय पर बल दिया गया। यह प्रयास 2027 तक यमुना को स्वच्छ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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