Sunday, July 13, 2025
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11 लाख 50 हजार श्रमिकों को रोजगार के लिए योगी ने किया 4 MOU पर हस्ताक्षर, निःशुल्क ट्रेनों-बसों का संचालन आगे भी रहेगा जारी

योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन व अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ 11 लाख 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए चार एमओयू पर हस्ताक्षर किया। मजदूरों को रोज़गार देने और यूपी में विकास को बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट में ढाई लाख, इंडस्ट्री एसोसिएशन में पाँच लाख, लघु उद्योग में दो लाख और........

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में हुए लम्बे लॉकडाउन से बड़े पैमानें पर प्रवासी मजदूरों और कामगारों की आबादी प्रभावित हुई है। मजदूरों के हालात को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार (29मई,2020) को बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि पूरे देश से श्रमिकों के लिए निशुल्क ट्रेनों का संचालन आगे भी तब तक जारी रहेगा, जब तक वापस आने के इच्छुक कामगार प्रदेश नहीं लौट आते।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित प्रदेश वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकार की निशुल्क ट्रेन एवं बस व्यवस्था से अब तक 27 लाख से अधिक कामगार व श्रमिकों की सुरक्षित और सकुशल प्रदेश वापसी कराई है।

प्रदेश सरकार ने राज्य सरकारों से श्रमिकों/कामगारों की सूची उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिससे श्रमिकों/कामगारों की प्रदेश वापसी के लिए नि:शुल्क ट्रेनों की व्यवस्था कराई जा सके।

हर हाथ को मिले काम, योगी सरकार की नीति

वहीं योगी सरकार ने मजदूरों के हालात को सुधारने के लिए अलग-अलग योजनाओं की भी पहल कर रही हैं। ताकि गृहराज्य वापस लौटे श्रमिको को रोजगार के लिए वापस अन्य राज्यों में न जाना पड़े।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन व अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ 11 लाख 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए चार एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

बता दें, मजदूरों को रोज़गार देने और यूपी में विकास को बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट में ढाई लाख, इंडस्ट्री एसोसिएशन में पाँच लाख, लघु उद्योग में दो लाख और सीआईआई में दो लाख लोगों को रोजगार देने पर एमओयू साइन किया गया है।

प्रवासी मजदूरों के लिए नई योजनाएँ

यह बात सभी जानते है कि उत्तर प्रदेश से लाखों की संख्या में लोग अन्य राज्यों में काम के सिलसिले में जाते हैं। लेकिन कितने लोग जाते है इसका अभी तक इसका कोई ब्यौरा सरकार के पास नहीं था। जिसके चलते महामारी के दौरान श्रमिकों को दूसरों राज्यों से लाना या उनका पता लगाना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

इस मुश्किल हालत से सबक लेते हुए अब योगी सरकार प्रस्तावित श्रमिक कल्याण आयोग में ऐसा प्रावधान करने जा रही है, जिससे अन्य राज्यों में यूपी के कितने श्रमिक और कामगार है इसका पूरा ब्यौरा सरकार के पास रहेगा।

योगी सरकार घर लौट रहे प्रवासी कामगारों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दे रही है, प्रवासियों के हुनर का लाभ लेकर यूपी के अर्थतंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। उनकी विशेषज्ञता के आधार पर उत्पादों और उत्पादन को बढ़ावा देने का भी काम किया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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