अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले हफ्ते भारत दौरे पर होंगे। वे दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा का दौरा करेंगे। अपने पहले भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के स्वागत के लिए अहमदाबाद पूरी तरह से तैयार है। इन तैयारियों के बीच लिबरल गिरोह भी सक्रिय हो गया है जिसका एकसूत्री एजेंडा नरेंद्र मोदी की आलोचना करना है। इस सूची में एक नाम सोशल मीडिया पर सक्रिय बुजुर्ग कॉमेडियन अतुल खत्री का भी है।
अतुल खत्री, जो समय-समय पर मोदी सरकार की नीतियों को कोसते रहते हैं। रंगोली चंदेल जैसी एसिड सर्वाइवर को ‘चांडाल’ कहते हैं। सीएए का विरोध करते हैं। वही अतुल खत्री आज अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे पर एक बार फिर अपनी कुंद और कुत्सित बुद्धि का प्रमाण देते पाए गए और दो लाइन के ट्वीट में ये भी दर्शा दिया कि वो लिबरल या प्रोग्रेसिव होने के नाम पर मुगलों के कितने अधीन हैं।
अतुल खत्री की परेशानी यह है कि जिन शहरों को नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को दिखाएँगे, उसके निर्माता मुगल हैं। जी हाँ, बुजुर्ग कॉमेडियन लिखते हैं, “कमाल है, मोदी जी ट्रंप को जो तीन शहर- दिल्ली, अहमदाबाद, आगरा दिखाएँगे, उन्हें मुगलों ने बसाया था।”
अब हालाँकि, इस ट्वीट को पढ़ने के बाद अतुल खत्री जैसे मूढों के लिए कहने को कुछ नहीं बचता। लेकिन, जानकारी के लिए बता दें कि जिस दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा का जनक अतुल खत्री मुगलों को बता रहे हैं। वास्तविकता में इन शहरों का विध्वंस मुगलों द्वारा किया गया था और उसी के खंडहर पर इन्होंने अपनी इमारतें बनवाईं, जिन्हें आज देश के ‘सेकुलर’ लोग भारत की शान कहते हैं। मुगलों के आने से कई सालों पहले से दिल्ली-अहमदादबाद और आगरा अस्तित्व में थे। ये अतीत में इंद्रप्रस्थ/ ढिल्लिका, कर्णावती और अग्रवन के नाम से जाने जाते थे।
ट्रू इंडोलॉजी के ट्वीट के अनुसार, पुराना किला के खंडहर में संस्कृत में लिखी एक शिलालेख मिली थी। इस शिलालेख के अनुवाद के अनुसार ढिल्लिका के निर्माता तोमर राजपूत थे और ये हरियाणा की राजधानी थी। आज ये शिलालेख दिल्ली म्यूजियम में है।
वैसे तो, मोदी विरोधी होने की भेड़चाल में अतुल खत्री जैसे लोग जो मान चुके हैं कि भारत का उद्भव ही मुगलों के आगमन से हुआ, उनके आगे तथ्य रखना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा होगा। खत्री ने जिन ट्विटर यूजर्स के लिए व्यंग्य लिखते हैं उन्होंने ही उन्हें इतिहास से रूबरू करवा दिया।
FOOL!
— True Indology (@TIinExile) February 18, 2020
All these cities existed LONG BEFORE a single rat eating Mughal invader set his foot in India.
Ahmedabad’s real name is Karṇavati.
Agra’s real name is Agrevaṇa.
Delhi’s real name is Dhillika.
Invaders only destroyed original settlements and built theirs on its ruins! https://t.co/AdiCai91aV
Indraprastha was the ancient name of Delhi region. In Medieval Pre Islamic India, it was known as Dhillika. Dhillika settlement was built by Tomar Rajputs. There is an inscription corroborating it. https://t.co/gGUxvvvQAo
— True Indology (@TIinExile) February 18, 2020
सोशल मीडिया पर यदि अतुल खत्री का ट्वीट खोला जाए तो उनके व्यंग्य पर हँसने वालों से ज्यादा उनकी बेवकूफी की खिल्ली उड़ाने वालों की संख्या ज्यादा दिखेगी। कम से कम फॉलोवर और हजारों की संख्या के फॉलोवर वाले यूजर अपने-अपने तरीके से अतुल खत्री को समझाते नजर आ रहे हैं। कोई उन्हें मुगलों का प्रोडक्ट बोल रहा है तो कोई उन्हें ‘पप्पू का भाई’ बता रहा।
You should also be shown …. Product of Mughals .for sure..
— R@n@ Ji (©®) (@Chetan_Raanaa) February 18, 2020
इन सभी शहरों का अस्तित्व द्वापर और त्रेता काल से है,
— Nitin ?? (@NitinArchitect) February 18, 2020
आपके लिए दुनिया 600 साल पहले शुरू हुई होगी।
पर सनातन धर्म और हिंदू सभ्यता का इतिहास हज़ारों वर्ष पुराना है।
नाम बदल कर क्रमशः करणावती, आर्यगृह और इंद्रप्रस्थ कर दिया जाए तो शायद आपको इतिहास ठीक से याद आ जाएगा ?