कनाडा के दक्षिण सरे स्थित सिमरनजीत सिंह नाम के एक खालिस्तान समर्थक के घर पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। पुलिस का कहना है कि रात भर गोलीबारी हुई है। सिमरनजीत सिंह पिछले साल मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का दोस्त था। यह हमला ड्रग्स तस्करी को लेकर गैंगवार भी बताई जा रही है। वहीं, अमेरिका में खालिस्तान समर्थक दो गुटों में झड़प हो गई है।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा परिषद के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने बताया कि यह घर सिमरनजीत सिंह का है और वह मृतक हरदीप सिंह निज्जर का दोस्त था। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के सदस्यों का मानना है कि हरदीप सिंह निज्जर के साथ संबंध होने के चलते मकान मालिक सिमरनजीत सिंह के घर पर गोलीबारी हुई है।
पुलिस का कहना है कि वह पड़ोसियों से जानकारी जुटा रही है। इसके साथ ही गोलीबारी को लेकर आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी जाँच की जा रही है। हालाँकि, इस गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इलाके में गोलियों से छलनी हुई एक कार मिली है। इसके साथ ही घर में गोली लगने के भी कई निशान भी मिले हैं।
बता दें कि पिछले साल जून में सरे शहर में हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या का आरोप कनाडा ने भारत पर लगाया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था। भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका बताते हुए कहा था कि अगर इससे संबंधित कोई सबूत हो तो दे।
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी आई थी कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ड्रग्स की तस्करी में वर्चस्व को लेकर हुई थी। कहा जाता है कि कनाडा में ड्रग्स तस्करी में खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तानी मूल के लोगों का नियंत्रण है। ड्रग्स के कारोबार पर नियंत्रण को लेकर पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के दो एजेंट- राहत राव और तारिक कियानी ने निज्जर की हत्या कर दी थी।
बता दें कि कनाडा में 29 साल के ट्रक ड्राइवर कोमलप्रीत सिद्धू को 406 किलो मेथामफेटामाइन (एक प्रकार का ड्रग्स) के साथ गिरफ्तार किया गया है। विनिपेग के कोमलप्रीत सिद्धू को मैनिटोबा रायल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स नेटवर्क के तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
मेक्सिको और उत्तरी अमेरिकी देशों के बीच ड्रग्स की तस्करी करने वाले नेटवर्क से जुड़े ब्रैम्पटन से 25 वर्षीय आयुष शर्मा और 60 वर्षीय गुरअमृत सिद्धू और कैलगरी से 29 वर्षीय सुभम कुमार को अंतरराष्ट्रीय वारंट के तहत कनाडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब इन्हें अमेरिका को सौंपने की तैयारी की जा रही है।
Violent clash during the so-called "Khalistan referendum" in San Francisco involving rival gangs, with Major Singh Nijjar's group sidelined by Pannu, and SFJ promoting the Sabi gang. The vdo from 28th January. pic.twitter.com/Q9VsyflHPI
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 3, 2024
सिर्फ ड्रग्स की तस्करी ही नहीं, बल्कि खालिस्तान के नाम पर भी गुटबाजी और पैसे बनाने का खेल भी सामने आया है। इसको लेकर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थक दो गुटों में झड़प भी हो गई है। सैन फ्रांसिस्को में तथाकथित ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान भारत विरोधी पोस्टर भी लगाए गए थे।
दरअसल, आरोप है कि आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मेजर सिंह निज्जर के समूह को किनारे कर दिया है और सरबजीत सिंह सबी गिरोह को बढ़ावा दिया है। इसी को लेकर दोनों गिरोहों में हिंसक झड़प हो गई। 28 जनवरी 2024 की इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि दोनों गुटों के समर्थक एक-दूसरे पर लात-घूँसे चला रहे हैं।