Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजबाढ़ से बेहाल मिथिलांचल में जान-माल भगवान भरोसे, राहत-बचाव की तो पूछिए मत

बाढ़ से बेहाल मिथिलांचल में जान-माल भगवान भरोसे, राहत-बचाव की तो पूछिए मत

सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मोतिहारी, अररिया समेत कई जिलों में जगह-जगह तटबंध टूटने के कारण स्थिति बेहद भयावह है। खासकर, ग्रामीण इलाकों की। मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा में तो दर्जनों गांव ऐसे हैं जो टापू बन चुके हैं।

बिहार के अधिकतर इलाके भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी, कमला, बागमती, गंडक, महानंदा समेत राज्य की सभी बड़ी नदियां उफान मार रही हैं। सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मोतिहारी, अररिया समेत कई जिलों में जगह-जगह तटबंध टूटने के कारण स्थिति बेहद भयावह है। खासकर, ग्रामीण इलाकों की। मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा में तो दर्जनों गांव ऐसे हैं जो टापू बन चुके हैं। इन गांवों के चारों तरफ बाढ़ का पानी है और सड़क संपर्क समाप्त हो गया है।

इस तरह के विकट हालात में भी राहत और बचाव का कार्य कुछ व्यक्तियों और सामाजिक संस्थानों के भरोसे ही चल रहा है। हालाँकि आपदा के 72 घंटे बाद राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए 196 राहत केंद्र और 644 सामुदायिक रसोई खोलने का दावा किया है। इनमें 148 केंद्र सीतामढ़ी जिले में खोले गए हैं और मधुबनी में केवल तीन। जबकि, मधुबनी और सीतामढ़ी दोनों जिलों के 15-15 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं। सरकार की तरफ से बताया गया है कि एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की 26 टुकड़ियां लोगों को बचाने में जुटी है।

लेकिन, प्रभावित इलाकों से आ रही ख़बरें कुछ अलग ही तस्वीर पेश करते हैं। बचाव के काम में जुटी मानव कल्याण केंद्र संस्था के पंकज झा ने ऑपइंडिया को बताया कि अभी भी पीड़ित सरकारी मदद के इंतजार में हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी टीम को झंझारपुर के नरुआर गाँव में एक बूढ़ी महिला के घर में फँसे होने की सूचना मिली। महिला का मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ था। जानकारी होने के बावज़ूद एनडीआरएफ की टीम गाँव नहीं पहुँची। आखिर में स्थानीय लोगों ने खुद जोखिम उठा महिला को बचाया।

पंकज झा और उनके साथी मुख्यतः झंझारपुर इलाक़े में बचाव-कार्य में लगे हुए हैं। यहाँ का नरुआर गाँव बाढ़ से ज्यादा प्रभावित है। इस गाँव के कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

पंकज झा ने बताया कि समय बीतने के साथ-साथ अन्य प्रबुद्ध जन भी राहत कार्य के लिए सामने आए हैं। इनमें कई वरिष्ठ नागरिक भी हैं, जिनके अनुभवों का लाभ बचाव-कार्य में जुटे लोगों को मिल रहा है।

पंकज झा व उनके अन्य साथी
रात में भी नहीं रुकता है बचाव व राहत कार्य
बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्रियाँ

स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बारे में पूछने पर पंकज झा ने बताया कि उनके साथ बचाव-कार्य कर रहे लोग स्थानीय प्रशासन पर ही निर्भर नहीं हैं। हालाँकि, उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि मेडिकल कैम्प के डॉक्टरों व एनडीआरएफ टीम का अब पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्हें अभी तक स्थानीय प्रशासन की मदद की ज़रूरत नहीं पड़ी है। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी जताई कि उनके पास इस बचाव कार्य के लिए मानव संसाधन की कमी नहीं है।

अपने साथियों संग राहत सामग्रियाँ जुटाने व पीड़ितों तक पहुँचाने में लगे पंकज झा

पंकज झा ने कहा कि चूँकि वे लोग आधिकारिक भूमिका में नहीं हैं, स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ से पहले क्या तैयारियाँ की गई थीं- इस बारे में उन्हें कोई ख़ास जानकारी नहीं है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe