Friday, September 20, 2024
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कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका: खाली करना होगा हेराल्ड हाउस, जुड़ा है राहुल-सोनिया का भी नाम

18 फरवरी 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने केंद्र सरकार और AJL की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कॉन्ग्रेस के लिए यह ख़बर अच्छी नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को ITO स्थित हेराल्ड हाउस खाली करने के अपने पुराने आदेश को बरकरार रखा है। कॉन्ग्रेस के लिए राहत सिर्फ इतनी है कि कोर्ट ने इसके लिए अभी कोई तय समय सीमा नहीं जारी की है।

18 फरवरी 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने केंद्र सरकार और AJL की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है। बड़ा झटका इसलिए क्योंकि हेराल्ड हाउस मामले में प्रत्यक्ष रूप से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और उनकी माँ सोनिया गाँधी जुड़ी हुई हैं।

इस मामले पर हाई कोर्ट में बहस के दौरान केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जिस तरह से शेयरों का हस्तांतरण हुआ, उससे हेराल्ड हाउस के स्वामित्व का मामला जुड़ा हुआ है और इसको देखा जाना चाहिए। गौर करने लायक बात यह है कि तुषार मेहता ने किसी का नाम अपनी दलील के दौरान नहीं लिया। लेकिन AJL की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलील देते हुए खुद ही फंस गए जब उन्होंने कहा था कि कंपनी के शेयर यंग इंडिया को हस्तांतरित (ज्यादातर शेयर) होने से राहुल गाँधी और उनकी माँ सोनिया गाँधी हेराल्ड हाउस के मालिक नहीं बन जाएँगे।

आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा एक जज के फैसले को चुनौती दी गई थी। उस फैसले AJL को हेराल्ड हाउस खाली करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि यदि परिसर को खाली नहीं किया गया तो बेदखली की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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