हरियाणा के एक सरकारी कर्मचारी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जयचंद नाम के इस कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मामला 2010 का है। कॉन्ग्रेस जमाने में राज्यपाल रहीं मार्गरेट अल्वा के स्वागत समारोह में ‘बटर चिकन’ नहीं परोसे जाने पर इस कर्मचारी को प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी।
कॉन्ग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को विपक्ष ने इस साल उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। बटर चिकन वाला मामला तब हुआ था, जब वे उत्तराखंड की राज्यपाल हुआ करती थीं। उस समय जगन्नाथ पहाड़िया हरियाणा के राज्यपाल थे। उन्होंने राजभवन में अल्वा के सम्मान में स्वागत समारोह रखा था। मेहमानों के भोजन के लिए दो मेन्यू तय किए गए थे। एक राज्यपाल सहित अन्य VIP लोगों के लिए था। दूसरा मेन्यू राजभवन के कर्मचारियों के लिए था।
जयचंद को इसी दौरान मेहमानों के एक समूह को बटर चिकन नहीं परोसने के लिए चार्जशीट किया गया था। हाई कोर्ट ने अब कहा है कि जयचंद पर लगे आरोप इतने भी गंभीर नहीं हैं कि उसे कड़ी सज़ा दी जाए। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मोगा ने की। जयचंद फिलहाल हरियाणा सरकार के आतिथ्य विभाग में तैनात हैं।
जयचंद को 2010 में अतिथियों को बटर चिकन न परोसने पर राज्य सरकार ने चार्जशीट किया था। उसका यह भी कहना है कि इसी वजह से एक अन्य स्टाफ को गंदी-गंदी गालियाँ भी दी गईं थी। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों से कोई भी गंभीर शिकायत नहीं दर्ज हुई है। उसका व्यवहार सामान्य रहा है। ऐसे में उसे गंभीर सज़ा दिए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
“charge-sheeted for not serving butter chicken to one set of guests at a gathering in 2010” —Dei!! There are already so many problems in the country and in between, this and all aa? 🤦🏼♂️ pic.twitter.com/rffcjQegwu
— Sachin Agarwal (@SachinA34217498) October 12, 2022
याचिकाकर्ता के अनुसार 2010 में हुए इस समारोह के समय राज्यपाल पहाड़िया के बेटे ओम प्रकाश पहाड़िया ने बचा हुआ बटर चिकन अपने कमरे में मँगवा लिया था। अपने वकील अश्वनी कुमार के माध्यम से जयचंद ने बताया कि राजभवन के तत्कालीन ADC खुद को बटर चिकन न मिलने से काफी नाराज हुए थे। इसके बाद अधिकारियों ने उसे प्रताड़ित किया। अपने आदेश में हाई कोर्ट ने अधिकारियों को कर्मचारियों के साथ नरमी से पेश आने की नसीहत भी दी है।