Monday, October 14, 2024
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‘यूक्रेन अपने नागरिकों को नुकसान पहुँचा रहा’: बोला उदारवादियों का प्रिय ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’, टूट पड़े वामपंथी

रिपोर्ट के अनुसार, "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून में सभी पक्षों को घनी आबादी वाले क्षेत्रों के भीतर या उसके आसपास सैन्य उद्देश्यों के इस्तेमाल से रोका गया है। नागरिकों को हमलों के प्रभाव से बचाने के लिए सैन्य ठिकानों के आसपास से उन्हें हटाना और हमलों के प्रभाव के बारे में उन्हें जानकारी देना शामिल है।"

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार (4 अगस्त 2022) को यूक्रेनी सेना पर मानवीय कानूनों का उल्लंघन करने और नागरिक वस्तुओं को सैन्य लक्ष्यों में बदलने का आरोप लगाया है। अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ ने कहा, “यूक्रेनी सैनिकों ने आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों में ठिकाने और ऑपरेटिंग हथियार प्रणाली स्थापित करके नागरिकों को नुकसान पहुँचाया है।”

इस पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक विस्तृत लेख भी प्रकाशित किया कि कैसे यूक्रेन की सेना अपने नागरिकों के जीवन को किस तरह खतरे में डाल रही है। महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने बताया, “हमने यूक्रेनी बलों के एक पैटर्न का दस्तावेजीकरण किया है, जो नागरिकों को जोखिम में डालते हैं। जब वे आबादी वाले क्षेत्रों में काम करते हैं तो युद्ध के कानूनों का उल्लंघन करते हैं।”

रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है, “अधिकांश रिहायशी इलाके जहाँ सैनिक थे, वे अग्रिम पंक्ति से कई किलोमीटर दूर थे। हालाँकि, इसके लिए विकल्प उपलब्ध थे, जिससे नागरिक खतरे में नहीं पड़ते, जैसे कि सैन्य ठिकाने या आसपास के घने जंगल या आवासीय क्षेत्रों से दूर अन्य संरचनाएंँ।”

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया कि कैसे यूक्रेन द्वारा स्कूलों और अस्पतालों को सैन्य लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, “अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून में सभी पक्षों को घनी आबादी वाले क्षेत्रों के भीतर या उसके आसपास सैन्य उद्देश्यों के इस्तेमाल से रोका गया है। नागरिकों को हमलों के प्रभाव से बचाने के लिए सैन्य ठिकानों के आसपास से उन्हें हटाना और हमलों के प्रभाव के बारे में उन्हें जानकारी देना शामिल है।”

वाम-उदारवादी का रुदन

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर वाम उदारवादियों गुट इस अंतरराष्ट्रीय एनजीओ को कठघरे में खड़े कर रहे हैं। उन्होंने एमनेस्टी पर पक्षपात और झूठी रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया है। कॉलिन दाराह नाम के एक यूजर ने लिखा, “शायद सबसे हास्यास्पद बयानों में से एक, जो मैंने कभी किसी एनजीओ से देखा है !! इसकी किसने पुष्टि की है?? यूक्रेन अपनी संप्रभुता, स्वतंत्रता और लोगों के लिए पूरी ताकत से लड़ रहा है। शर्मनाक बयान।”

एक अन्य यूजर ने पूछा, “तो आप दावा करते हैं कि रूसी आक्रमण किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता है? क्या आप मुझे बता सकते हैं कि यूक्रेनी लोगों का खून कितना स्वादिष्ट है? मुझे यकीन है, आप इसे रूसियों के साथ खूब पीते हैं।”

जोनाथन डेविस ने लिखा, “मैं हाल ही में #HumanRights की रक्षा करने के लिए उसका सदस्य बना था, लेकिन इस पोस्ट को देखकर मैं उस पर पुनर्विचार कर रहा हूँ। आप यूक्रेन की निंदा कैसे कर सकते हैं, जब वह एक ऐसे हमलावर से अपने देश की रक्षा कर रहा है जिसने लगातार अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।”

जिस गुट ने वर्षों तक पोषित किया और साथ खड़ा रहा, उसी से लताड़ खाने के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नाराजगी को शांत करने के लिए रूस पर भी निशाना साधा। उसने एक ट्वीट में कहा, “जबसे रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू किया है, तब से हम मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन को उजागर कर रहे हैं। इज़ियम की तबाही से लेकर मारियुपोल की घेराबंदी तक, कीव में बमबारी से लेकर लविव में विस्थापित लोगों तक, रूस का शुरू किया युद्ध आक्रामकता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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