Thursday, October 10, 2024
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चाइनीज ऐप बैन करने के भारत के फैसले को मिला अमेरिका का साथ, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी कदम

"हम कुछ मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के भारत के कदम का स्वागत करते हैं।" पॉम्पिओ ने इन ऐप्स को CCP के सर्विलांस का अंग बताया और कहा कि भारत के ऐप्स के सफाए के कदम से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा जैसा भारत की सरकार ने खुद भी कहा है।

भारत सरकार द्वारा लोगों की निजता का हवाला देकर चीन की 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद से इसे लेकर दुनिया भर में मामला गरमाया हुआ है। एक तरफ जहाँ चीनी सरकार ने भारत को अंतरराष्ट्रीय कानून का हवाला देकर इस पर विचार करने के लिए कहा है तो वहीं बुधवार (जुलाई 1, 2020) को इस मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भारत के फैसले पर कहा कि भारत का एप्स को हटाने का दृष्टिकोण भारत की संप्रभुता को बढ़ावा देगा और अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेगा।

भारत के 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के कदम का स्वागत करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को ‘निर्दयी’ बता डाला।

पॉम्पिओ ने बुधवार को कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निर्दयता का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। उन्होंने कहा, “हम कुछ मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के भारत के कदम का स्वागत करते हैं।” पॉम्पिओ ने इन ऐप्स को CCP के सर्विलांस का अंग बताया और कहा कि भारत के ऐप्स के सफाए के कदम से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा जैसा भारत की सरकार ने खुद भी कहा है।

गौरतलब है कि भारत ने सोमवार (जून 29, 2020) को 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं।

प्रतिबंधित सूची में वीचैट, बीगो लाइव, हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल – शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्टरी आदि शामिल हैं।

भारत सरकार ने इन 59 एप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लेते हुए कहा था कि ये सारे ऐप्स भारत की संप्रभुता, अखंडता, प्रतिरक्षा, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। सरकार ने भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और निजता पर चिंता जताते हुए कहा कि एंड्रायड और iOS प्लेटफॉर्म्स पर ये सारे ऐप्स डेटा चुराते हैं और विदेशों में स्थित सर्वर पर भेज देते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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