अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसके बाद घोषणा की कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भारत और पाकिस्तान के युद्ध विराम पर सहमत होने के लिए ‘बधाई’ संदेश के साथ आया, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाएगा। यह उल्लेखनीय है कि ट्रंप पहले पाकिस्तान पर 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को छह साल तक शरण देने और अमेरिका को उसकी जानकारी न देने का आरोप लगा चुका हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान को अमेरिका से बीते 15 वर्षों में लगभग 33 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता मिलती रही है।
पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता है, और आशंका है कि उसे मिलने वाली आर्थिक मदद का एक हिस्सा भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करेगा।
DOJ ने नशीले पदार्थों की तस्करी में पाकिस्तान की भूमिका बताई
क्रेब्सऑनसिक्योरिटी ने सोमवार (5 मई 2025) को रिपोर्ट किया कि अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने पाकिस्तान से जुड़ी कंपनियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिन पर खतरनाक सिंथेटिक ओपिओइड की शिपिंग और वैश्विक ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का आरोप है।
ये खुलासे डलास स्थित ईवर्ल्डट्रेड नामक कंपनी से जुड़े हैं। एक अनसील्ड आरोप पत्र के अनुसार, इस कंपनी ने आइसोटोनिटाज़ीन और कार्फेंटानिल जैसे अत्यधिक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड के वितरण में भूमिका निभाई, कार्फेंटानिल फेंटेनाइल से प्राप्त सबसे मजबूत सिंथेटिक ओपिओइड में से एक है। यह मॉर्फिन से 1000 गुना अधिक शक्तिशाली है। ये अमेरिका में नशीले पदार्थों से सबसे ज्यादा मौत के लिए जिम्मेदार हैं। CDC के अनुसार, जनवरी से जून 2023 के बीच, 37 राज्यों में कार्फेंटानिल से जुड़ी ओवरडोज़ होने के कारण मौत के 238 मामले दर्ज किए गए है।
कराची स्थित निदेशक और फर्म का eWorldTrade से संबंध
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, eWorldTrade ट्रेडमार्क अज़नीम बिलवानी के नाम पर पंजीकृत था, जो कराची, पाकिस्तान में रहते हैं और एबटैच लिमिटेड नामक पाकिस्तानी आईटी और मार्केटिंग फर्म के निदेशक भी हैं। इस कंपनी को पहले ट्रेडमार्क पंजीकरण घोटालों में कथित संलिप्तता के चलते यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस (USPTO) और गूगल द्वारा चिह्नित किया गया था। 2021 में USPTO ने एबटैच पर फाइलिंग फीस की अधिक वसूली, दस्तावेजों में हेरफेर कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने एबटैच पर प्रतिबंध लगा दिया। कुछ समय बाद, एबटैच ने अपना नाम बदलकर इंटरसिस लिमिटेड कर लिया, लेकिन उसका कराची का पता वही रहा।
एक्सैक्ट कनेक्शन – वैश्विक धोखाधड़ी का केंद्र कराची
जाँच में खुलासा हुआ कि एबटैच और बदनाम पाकिस्तानी कंपनी एक्सैक्ट के बीच गहरा संबंध था। 2015 में एक्सैक्ट को फर्जी डिग्रियाँ बेचने और ब्लैकमेल पर आधारित जबरन वसूली की अंतरराष्ट्रीय योजनाएँ चलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। शुरुआती दौर में पाकिस्तानी अदालतों ने कई एक्सैक्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर दोषी ठहराया, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार इनमें से किसी ने भी अपनी सज़ा पूरी नहीं की। इनमें से कई ने बाद में एबटैच और अन्य मोर्चों के तहत धोखाधड़ी गतिविधियाँ फिर से शुरू कर दीं। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ कॉलेजिएट रजिस्ट्रार्स एंड एडमिशन ऑफिसर्स (AACRAO) ने रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2016 में पाकिस्तानी जज ने रिश्वत लेकर एक्सैक्ट के अधिकारियों को बरी करने की बात मानी।
पाकिस्तान की FIA ने सबसे बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले और मुख्य आरोपितों के नाम उजागर किए
2021 में, पाकिस्तान की संघीय जाँच एजेंसी (FIA) ने अज़नीम बिलवानी और लगभग 50 अन्य लोगों पर एक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया, जिनमें से अधिकांश एबटैच से जुड़े थे। FIA के अनुसार, कराची स्थित डिजिटोनिक्स लैब्स, जिसे जुनैद मंसूर संचालित करता था, उसने जबरन वसूली और फर्जी USPTO प्रमाणपत्रों की बिक्री के जरिए हर महीने लगभग 2.5 मिलियन डॉलर यानी ₹ 21.18 करोड़ की कमाई की। कंपनी पर ट्रेडमार्क बनाने और फर्जीवाड़े के अन्य कई आरोप भी लगे। जाँच में सामने आया कि ईबुक पब्लिशिंग, मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, फिशिंग वेबसाइट्स और लोगो डिजाइन जैसी सेवाओं के नाम पर ग्राहकों से अग्रिम भुगतान लेकर धोखाधड़ी की जाती थी, और बाद में उनकी जानकारी को बाहर लाने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। इस घोटाले में जुनैद मंसूर के भाई कासिम मंसूर का भी नाम शामिल था। FIA ने यह भी बताया कि इन पाकिस्तानी कंपनियों के नेटवर्क ने दुनियाभर में लोगों को निशाना बनाया और उससे दर्जनों फ्रंट वेबसाइट्स संचालित की।
टेक्सास में मौजूदगी से अमेरिका में पाकिस्तानी विस्तार का खुलासा
अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों और साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं द्वारा की गई जाँच से यह सामने आया कि वही पाकिस्तानी आरोपित जिन्होंने एक्सैक्ट और एबटैच के संचालन को बढ़ाया, उन्होंने ही टेक्सास में भी अपना कारोबार को बढ़ाया। रेट्रोक्यूब एलएलसी, 360 डिजिटल मार्केटिंग एलएलसी, मैजेस्टिक घोस्टराइटिंग और इंटरसिस लिमिटेड जैसी कई कंपनियाँ 1910 पैसिफ़िक एवेन्यू, डलास में एक ही पते से काम करती पाई गईं।
इन कंपनियों में मुहम्मद बुरहान मिर्ज़ा और मुहम्मद सलमान यूसुफ़ जैसे एक्सैक्ट और एबटैच से जुड़े कई व्यक्ति शामिल थे। इन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अनुबंध का उल्लंघन जैसे कई मुकदमे भी दायर किए गए थे। इन आरोपों में धोखाधड़ी वाली घोस्टराइटिंग सेवाएँ, अकादमिक धोखाधड़ी सेवाएँ और अमेरिकी उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए बनाई गई अपसेलिंग योजनाएँ शामिल थीं।
Exporthub का फेंटेनाइल आपूर्ति लिस्टिंग से संबंध
ईवर्ल्डट्रेड के आरोपों के अलावा, जाँचकर्ताओं ने यह भी पाया कि कराची स्थित वेबसाइट exporthub.com, जो उसी क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं द्वारा संचालित है, पर चीन और अन्य देशों के आपूर्तिकर्ताओं से फेंटेनाइल साइट्रेट की लाइव लिस्टिंग मौजूद थी।
पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के रुख पर बढ़ती चिंता
ट्रंप ने न केवल पाकिस्तान के साथ व्यापार बढ़ाने का वादा किया है, बल्कि उन्होंने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के तरीकों को ढूंढ़ने की बात भी कही है, जिसे उन्होंने 1,000 साल पुराना संघर्ष बताया। हालाँकि पाकिस्तान का गठन 1947 में हुआ था, यानी 100 साल से भी कम समय पहले। पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क, जो आइसोटोनीटाज़ीन, कार्फेंटानिल और फेंटेनाइल साइट्रेट जैसे घातक सिंथेटिक ओपिओइड की तस्करी में लिप्त हैं, एक बार फिर इस दुष्ट राष्ट्र के खतरनाक दोहरे खेल को उजागर करते हैं। इस्लामाबाद को आईएमएफ से लोन मिल रहा है। खुद अमेरिका में भी सैकड़ों मौतें ड्र्ग्स की वजह से हो रही है जिसका संचालन कराची स्थित एक्सैक्ट और एबटैच से जुड़ी संस्थाएं कर रही हैं।
यह रिपोर्ट मूलतः हमारे यहाँ की इंग्लिश टीम ने बनाया है जिसको पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे।