भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने 3 दिवसीय बांग्लादेश दौरे के दौरान आज (17 दिसंबर 2021) ढाका में पुननिर्मित रमना काली बारी मंदिर का लोकार्पण किया। इस मंदिर को साल 1971 में पाकिस्तानी सेना ने ध्वस्त कर दिया था और पिछले कुछ सालों में ही इसका जीर्णोद्धार किया गया है।
काली बारी मंदिर के लोकार्पण पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस उद्घाटन को दोनों देशों के लिए भावनात्मक क्षण करार दिया। उन्होंने बताया था कि 17 दिसंबर को राष्ट्रपति कोविंद पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर का उद्घाटन करेंगे, जिसे 1971 में ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा पूरी तरह से नष्ट किया गया था। उनके अनुसार, यह पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर केवल प्रतीकात्मक ही नहीं, बल्कि यह दोनों देशों के लिए एक बहुत ही भावनात्मक क्षण है।
मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर बुधवार (15 दिसंबर) को बांग्लादेश के लिए रवाना हुए थे। वे वहाँ 50वें विजय दिवस समारोह में शामिल होने गए थे। इस राजकीय यात्रा के लिए उन्हें उनके समकक्ष अब्दुल हामिद ने निमंत्रण दिया था।
President Ram Nath Kovind inaugurates the renovated Ramna Kali Mandir in Dhaka. pic.twitter.com/WT1NHDEoLW
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 17, 2021
बता दें कि ढाका में स्थित काली बारी मंदिर वही जगह है जिसे पाकिस्तानी सेना ने 1971 में तोड़ डाला था। उस दौरान पाकिस्तानी सेना ने मंदिर में सैंकड़ों हिंदुओं की हत्या की थी। ये हत्याएँ ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत की गई थीं। इस ऑपरेशन में हिंदुओं के साथ लाखों स्थानीय तब के पूर्वी पाकिस्तान में मारे गए थे।
President Ram Nath Kovind inaugurates the renovated Ramna Kali Mandir in Dhaka, Bangladesh
— ANI (@ANI) December 17, 2021
The temple was destroyed by the Pakistani forces during the 1971 war. pic.twitter.com/FP2dLKE7iN
रिपोर्ट्स के अनुसार, 600 साल पुराने इस मंदिर पर 27 मार्च 1971 को ताबड़तोड़ गोलियाँ दागी गई थीं। मंदिर के पुजारी श्रीमठ स्वामी परमानंद गिरी ने मूर्तियों को हाथ में पकड़ा था, मगर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें भी जिंदा नहीं छोड़ा। अनुमान है कि कुछ 250 हिंदू पुरूष, महिलाएँ और बच्चे उस दिन हमले में मारे गए थे।