अफगानिस्तान में सिख व्यक्ति निधान सिंह सचदेवा का 1 महीने पहले अपहरण कर लिया गया था। अब उन्हें शनिवार (जुलाई 18, 2020) को छोड़ दिया गया। सिख निधान सिंह सचदेवा को अफगानिस्तान के पक्तिआ प्रान्त में स्थित एक गुरूद्वारे से अपहृत कर लिया गया था। भारत ने उनकी रिहाई के लिए अफगानिस्तान सरकार को धन्यवाद दिया है। इस दौरान CAA का भी जिक्र किया गया।
भारत सरकार ने इशारा किया है कि निधान सिंह सचेदवा भारतीय नागरिकता के लिए CAA के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। सचदेवा और उनका परिवार 1990 के दशक से ही भारत में रहता आ रहा है और CAA के माध्यम से भारतीय नागरिकता पाने के योग्य भी है। बता दें कि दिसंबर 31, 2014 को CAA का कट-ऑफ डेट रखा गया है। सचेदवा ‘लॉन्ग टर्म वीजा’ लेकर लम्बे समय से दिल्ली में रह रहे हैं।
जब उनका अपहरण किया गया, तब वो चमकनी स्थित थाला श्री गुरु नानक साहिब गुरुद्वारा में थे। बता दें कि सचदेवा अक्सर गुरुद्वारों में जाकर ‘सेवा’ करते रहे हैं। जून 17 को उनके अपहरण के बाद उनकी पत्नी महरवंती ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। 25 जून को भेजे गए पत्र में उन्होंने अपने पति की रिहाई के लिए सरकारी मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने खुलासा किया था कि पक्तिआ पिछले कुछ समय से तालिबानी क्रियाकलापों का केंद्र बन कर उभरा है।
उन्होंने बताया था कि ये इलाक़ा हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना बन गया है और निधान सिंह सचेदवा को भी आतंकियों ने ही अपहृत किया है। उन्होंने पीएम मोदी को भेजे पत्र में आगे लिखा था:
“अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है। यहाँ उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है और वो आज भी बेहाल हैं। हमारी अपील को अफगानिस्तान में उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाई जाए, ताकि मेरे पति की रिहाई हो सके। उन्हें जल्द से जल्द स्वदेश लाने की कोशिश की जाए और हमारे पूरे परिवार को भारतीय नागरिकता दी जाए। उन्हें नई दिल्ली लाने के लिए प्रयास किए जाएँ।”
बता दें कि CAA के तहत पाँच धर्मों के लोग भारतीय नागरिकता ले सकते हैं, जो कट-ऑफ तारीख से पहले से भारत आकर रह रहे हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले प्रताड़ितों को ये सुविधा दी गई है। सचेदवा के पुत्र जसमीत सिंह ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि उनके पिता ने एक वीडियो में बताया है कि बंधक रहने के दौरान उन्हें जम कर प्रताड़ित किया गया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने निधान सिंह सचदेवा की रिहाई के लिए अफगानिस्तान सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रबुद्धजनों की भी तारीफ की है, जिनके प्रयासों के कारण उन्हें छुड़ाया जा सका। मंत्रालय ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि वो अपने ‘बाहरी ताकतों’ के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है। अब ये पता लगाया जा रहा है कि निधान सिंह का अपहरण क्यों किया गया?
Sikh community leader Nidan Singh Sachdeva released from captivity in Afghanistan
— Amrita Bhinder (@amritabhinder) July 18, 2020
We convey our appreciation to govt of Afg & tribal elders whose efforts secured the return
Targeting minority community by terrorists remains matter of grave concern: MEA https://t.co/BaaCT8Bg7L
इससे पहले ख़बरों में कहा गया था कि यह अपहरण स्थानीय माफिया की करतूत हो सकती है। इसमें तालिबान शामिल नहीं है, जैसा कि पहले आरोप लगाया गया था। दिल्ली में रहने वाले निधान सिंह के चचेरे भाई चरण सिंह सचदेवा ने बताया था कि निधान का अपहरण तालिबान ने बल्कि स्थानीय भू-माफिया ने किया है। उन्होंने कहा था कि अपहरणकर्ताओं ने पहले तस्वीरें और वीडियो व्हाट्सएप पर भेजे थे।
निधान सिंह डायबिटीज के मरीज हैं। बताया गया था कि माफियाओं ने गुरुद्वारा की जमीन पर कब्जा कर लिया था, क्योंकि लोग वार्षिक मेला यात्रा के लिए मुश्किल ही वहाँ जाते हैं। निदान जमीन पर वापस नियंत्रण पाने की कोशिश में लगे हुए थे। गुरुद्वारे की जमीन अफगानिस्तान में सिख समुदाय की है और निधान सिंह का परिवार इस गुरुद्वारे की देखभाल करता है। यह गुरुद्वारा पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित है और वहाँ सिखों की जनसँख्या काफी कम है।