Friday, April 26, 2024
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‘आगजनी करने वाला खुद को फायर फाइटर बताए, वैसा ही Pak का रवैया’: इमरान खान की कर दी बोलती बंद, जानिए कौन हैं स्नेहा दुबे

जब वो 12 वर्ष की थीं, तभी से उनका सपना था कि वो IFS अधिकारी बनें। 2011 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही भारतीय सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में कश्मीर राग अलापा, लेकिन भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी स्नेहा दुबे ने उन्हें आईना दिखा दिया। स्नेहा दुबे ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान, जहाँ आतंकी खुलेआम घूमते हैं, उसका रवैया ऐसा ही है जैसे कोई आगजनी करने वाला दंगेबाज खुद को ‘फायर फाइटर’ बताए। इमरान खान ने मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाए जाने से लेकर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी जिक्र किया था।

उन्होंने दावा किया था कि इस्लामोफोबिया का सबसे बुरा और व्यापक रूप फ़िलहाल भारत में सत्ता पर काबिज है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इमरान खान ने वीडियो के जरिए दिए गए सम्बोधन में ये बातें कहीं। स्नेहा दुबे ने उन्हें आईना दिखाते हुए कहा कि आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान के कारण सिर्फ भारत ही नहीं, कई देश इसकी नीतियों के कारण परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों का शत-प्रतिशत भूभाग भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।

युवा IFS अधिकारी ने कहा कि इसमें वो क्षेत्र भी शामिल हैं, जिन पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्ज़ा जमा रखा है। साथ ही पाकिस्तान से कब्ज़ा हटाने को भी कहा। स्नेहा दुबे 2012 बैच की IFS अधिकारी हैं, जिन्होंने गोवा से अपनी स्कूलिंग की है। इसके बाद उन्होंने पुणे स्थित फ़र्ग्यूशन कॉलेज से उच्च-शिक्षा प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने दिल्ली स्थित JNU से ‘अंतरराष्ट्रीय अध्ययन’ में MPhil की डिग्री प्राप्त की।

जब वो 12 वर्ष की थीं, तभी से उनका सपना था कि वो IFS अधिकारी बनें। 2011 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही भारतीय सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। देश-विदेश की यात्रा में रुचि रखने वाली स्नेहा दुबे खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। उनके पिता एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं तो उनकी माँ एक शिक्षक हैं।

अपने परिवार में सरकारी सेवा में नौकरी करने वाली वो पहली व्यक्ति हैं। IFS अधिकारी बनने के बाद उन्हें सबसे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय में पदस्थापना मिली थी। फिर उन्हें स्पेन की राजधानी मैड्रिड में स्थित भारतीय दूतावास में भेजा गया। इतनी युवा उम्र में ऐसी सफलता प्राप्त करने के लिए लोग उनकी तारीफ़ कर रहे हैं। उन्होंने अपने सम्बोधन में बांग्लादेशियों के खिलाफ सांस्कृतिक और मजहबी नरसंहार का भी जिक्र किया।

मैड्रिड में ‘थर्ड सेक्रेटरी’ रहीं IFS अधिकारी स्नेहा दुबे अब UNGA में भारत की ‘फर्स्ट सेक्रेटरी’ हैं। उन्होंने MPhil से पहले MA किया था। स्नेहा दुबे का कहना है कि विदेश सेवा में उनकी रुचि इसीलिए है क्योंकि उन्हें नई-नई संस्कृतियों के बारे में जानना-समझना अच्छा लगता है, जो सामंजस्य बिठाने के लिए एक अहम प्रक्रिया है। अब UNGA में उन्होंने जिस तरह से पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी है, सोशल मीडिया पर उनकी खूब तारीफ़ हुई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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