भारत ने पाकिस्तान से POK को खाली करने को कहा है। भारत ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मामला केवल द्विपक्षीय तरीके से ही हल होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भले ही पाकिस्तान के साथ सीजफायर हो गया हो, सिंधु जल समझौता निलंबित ही रहेगा।
यह सारी बातें भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (13 मई, 2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारा लंबे समय से रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रुप से हल करना होगा। इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।”
उन्होंने कहा कि लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है।” विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के विदेशी मीडिया को दिए गए साक्षात्कार पर बोलते हुए कहा कि पाकिस्तानी अपनी हार को भी उपलब्धियों की तरह पेश कर रही है।
रणधीर जायसवाल ने कहा, “पिछले हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और अन्य आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। उसके बाद हमने उसकी सैन्य क्षमताओं को काफी हद तक कम कर दिया और प्रमुख एयरबेसों को निष्क्रिय कर दिया। अगर पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसे उपलब्धियों के रूप में पेश करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है।”
MEA प्रवक्ता ने बताया कि 9 मई 2025 की रात तक पाकिस्तान भारत को बड़े हमले की धमकी दे रहा था, लेकिन जब 10 मई 2025 की सुबह उनकी कोशिश विफल हो गई और उन्हें भारत की तरफ से विनाशकारी जवाब मिला तो पाकिस्तान के सुर बदल गए। उन्होंने बताया कि इसके बाद पाकिस्तान DGMO ने भारत से संपर्क किया।
उन्होंने आगे कहा, “उसी दिन सुबह 12.37 बजे पाकिस्तान के DGMO ने हमसे संपर्क किया, क्योंकि तकनीकी कारणों से वे हॉटलाइन के माध्यम से भारत से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। फिर भारतीय DGMO की उपलब्धता के आधार पर दोपहर 03.35 बजे कॉल तय की गई।”
सिंधु जल संधि रहेगी स्थगित
सिंधु जल समिति पर बोलते हुए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) के निर्णय के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है, ऐसे में CCS के निर्णय के अनुसार भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।