बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को अपना ही ट्वीट हटाना पड़ा, जिसमें उसने ऑपइंडिया की हिंदुओं पर हमले की खबर को ‘गलत’ ठहराने की कोशिश की थी।
बता दें कि 27 मई 2025 को यूनुस ने ट्वीट किया था कि ऑपइंडिया ने एक लेख छापा, जिसका शीर्षक था, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर फिर टूटा मुस्लिम भीड़ का कहर, घरों में लगाई आग-मचाई लूटमार: इस बार लोकल नेता की मौत को बनाया हिंसा का बहाना‘ इस लेख में जेसोर जिले के अभयनगर में हिंदुओं पर हमले और पत्रकार मुन्नी शाहा की गिरफ्तारी का जिक्र था।
अमेरिका समर्थित सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में आए यूनुस ने हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को ‘गुस्से और बदले’ की प्रतिक्रिया बताया, न कि ‘टारगेटेड कम्युनल रायट्स’ यानी सांप्रदायिक नफरत की बात को उसने खारिज करने की कोशिश की। हालाँकि बाद में उसे अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा, क्योंकि ऑपइंडिया ने उसे फिर से आईना दिखा दिया।

ऑपइंडिया ने यह स्पष्ट किया कि मुहम्मद यूनुस ने अनजाने में हमारी रिपोर्ट की पुष्टि कर दी, इसके बावजूद यूनुस ने जेसोर में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की खबरों को दबाने की बेतहाशा कोशिश की।
Mohammad Yunus, the caretaker chief of #Bangladesh, specifically targeted #OpIndia and our reportage about atrocities against Hindus. He also justified the violence against Hindus.
— OpIndia.com (@OpIndia_com) May 29, 2025
Here is @unsubtledesi’s message to him pic.twitter.com/v3TFMfaF1F
ऑपइंडिया की संपादक नुपुर जे शर्मा ने यूनुस की आलोचना की और कहा कि उनके शासन में इस्लामी कट्टरपंथियों का हौसला बढ़ा है, जिससे हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। शर्मा ने यूनुस पर आरोप लगाया कि उसके शासन में इस्लामी कट्टरपंथियों का हौसला बढ़ा है और हिंसक इस्लामी भीड़ों को धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर अत्याचार करने की खुली छूट मिल गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यूनुस का प्रयास न केवल सच्चाई को दबाने वाला था, बल्कि उनके भीतर के इस्लामी कट्टरपंथी इरादे को भी उजागर कर गया। ऑपइंडिया की संपादक की प्रतिक्रिया के बाद यूनुस को ये बात समझ आ गई कि वो पूरी तरह से एक्सपोज हो गया है, तब जाकर उसने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
ऑपइंडिया की खबर तथ्यों पर आधारित थी और बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो की रिपोर्ट पर थी, जिसमें जेसोर में हिंदुओं के घर जलाए जाने की बात थी। ऑपइंडिया ने न केवल इस घटना को उजागर किया, बल्कि बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की सच्चाई को भी सामने लाने का काम किया है।
मुहम्मद यूनुस द्वारा ऑपइंडिया पर लगाया गया आरोप उसकी हताशा और सच्चाई से बचने की कोशिश को दर्शाता है। वह नहीं चाहता कि उसकी सरकार की विफलता और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार दुनिया के सामने आएँ। यूनुस की सरकार इन हमलों को नजरअंदाज कर रही है और मीडिया के जरिए सच्चाई को छिपाने या गलत बताने की कोशिश कर रही है।