बांग्लादेश के जेसोर जिले के मशीहाटी गाँव में गुरुवार (22 मई 2025) को मुस्लिम भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों में आग लगा दी। यह घटना मछली के बाड़े के अधिकार को लेकर हुए विवाद के बाद हुई, जिसमें किसान दल के नेता तारिकुल इस्लाम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दरअसल, तारिकुल इस्लाम की हत्या को बहाना बनाकर गाँव के हिंदू (मतुआ समुदाय) समाज को निशाना बनाया गया और चुन-चुन कर उनके घरों को आग लगा दी गई।
बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक, तारिकुल इस्लाम के दौरान मशीहाटी गाँव में एक कार्यक्रम चल रहा था। उसी दौरान एक हिंदू के घर में तारिकुल इस्लाम की हत्या की जानकारी सामने आई। इस हत्या को बहाना बनाकर इस्लामी दंगाइयों ने हिंसा भड़का दी। कट्टरपंथियों के झुँड ने गाँव में 20 से अधिक हिंदुओं के घरों में आग लगा दी, 4 दुकानों में तोड़फोड़ की और 2 दुकानों को आग के हवाले कर दिया। इस हमले में 10 से ज्यादा हिंदू लोग घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक, मृतक तारिकुल इस्लाम का मछली पालने के लिए बनाए गए तालाब (बाड़बंदी वाला क्षेत्र) को लेकर पिल्टू बिस्वास नाम के व्यक्ति से तनाव चल रहा था। इसी विवाद की वजह से तारिकुल की हत्या कर दी गई। ये तालाब पहले किसी और के पास था, लेकिन अब तारिकुल इस तालाब पर किसी भी तरह से कब्जा करना चाहता था, ये विवाद उसके लिए जानलेवा साबित हुई। लेकिन इस हत्या को बहाना बनाकर हिंदुओं के घरों को फूँका गया और एक सागर बिश्वास नाम के युवक को भी अगवा कर लिया।
#Bangladesh 🇧🇩 | On the night of 22.05.2025, Islamist mobs attacked Hindus in Moshiyahati village, #Jessore (Abhaynagar Upazila).
— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) May 23, 2025
Houses were vandalized, looted, and set on fire. everything of value was taken.
How long will this go on?#HindusUnderAttackInBangladesh @UN_HRC… pic.twitter.com/0blqhqiR3M
इस हिंसा के दौरान मुस्लिमों ने हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को निशाना बनाया। जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं।
🔻Jessore, Bangladesh
— Joy Das 🇧🇩 (@joydas1844417) May 23, 2025
Hindu colony of Abhaynagar sub-district was burned down at yesterday night.
Even Fire Service officials were restricted from entering by local Islamic extremists. pic.twitter.com/pe3tlQuW4m
मुस्लिमों के हमले के बाद गाँव के ज्यादा हिंदू पुरुष अपना घर छोड़कर भागने को विवश हो गए। ऐसे में इस्लामी कट्टरपंथियों को हिंसा करने की पूरी छूट मिल गई, क्योंकि उस भीड़ का सामना करने के लिए हिंदू मर्द वहाँ थे ही नहीं। ऐसे में इस्लामी कट्टरपंथियों ने 6 गाड़ियों (एक वैन और 5 बाइकों) को भी आग के हवाले कर दिया।
हिंसा पीड़ित लोग मतुआ समुदाय से हैं। एक पीड़ित ने बताया कि करीब 150 लोगों की भीड़ ने उनके घरों में तोड़फोड़ की, सारा सामान लूट लिया और आग लगा दी। सागर बिस्वास नामक 25 वर्षीय हिंदू युवक को भी मुस्लिम हमलावरों ने अगवा कर लिया। पुलिस, सेना के अधिकारी और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी घटना के करीब दो घंटे बाद पहुँचे।
Mass scale attack on Hindu community in Jessore, Abhaybagar, Dohor Moshiyahaati village happened yesterday night. At least 20 Hindu homes looted, arsoned, vandalized. Jhsts also attacked religious utsav, breaking 3 harmoniums n 3 dhols, spoilin food, and so on. #ডহরমশিয়াহাটী pic.twitter.com/LO11bZndjO
— The Hindu Ladka 🇧🇩 (@LadkaTheHindu) May 23, 2025
अभयनगर थाने के प्रभारी अब्दुल आलिम ने बताया कि मछली के घेर (तालाब) को लेकर विवाद में तारीकुल की गोली मारकर और काटकर हत्या की गई। अभी तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि डहर मशियाहाटी में स्थिति नियंत्रण में है और वहाँ पुलिस तैनात की गई है। वहीं, सागर बिश्वास को बरामद कर लिया गया है।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के केवल तीन दिनों के भीतर ही बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, दुकानों और व्यवसायों पर कम से कम 205 हमले हुए। इतना ही नहीं 60 हिंदू शिक्षक, प्रोफेसर और सरकारी अधिकारियों को अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर किया गया।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु और उनके सहयोगियों की हालिया गिरफ्तारी, इस्कॉन जैसे हिंदू संगठनों पर प्रतिबंध की कोशिशें और ‘देशद्रोह’ के आरोपों का इस्तेमाल कर हिंदू आवाजों को दबाने के प्रयास, ये सब मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत हिंदुओं के प्रति संगठित और योजनाबद्ध उत्पीड़न को उजागर करते हैं।
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा देश में अस्थिरता का लाभ उठाया जा रहा है। वो ‘ईशनिंदा‘ के नाम पर हिंदुओं का दमन कर रहे हैं। ईशनिंदा के नाम पर कई हिंदुओं पर हमलों की रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं।