Tuesday, April 1, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयजिसे काटना चाहता था शरजील इमाम, जिसे काटने आए थे बांग्लादेशी आतंकी, अब वहीं...

जिसे काटना चाहता था शरजील इमाम, जिसे काटने आए थे बांग्लादेशी आतंकी, अब वहीं मोहम्मद यूनुस ने चीन को दी दावत: क्या है ‘चिकन नेक’, क्या हैं इसके रणनीतिक मायने

मोहम्मद यूनुस ने अपने बयान में कहा, "भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग, जिसे सेवेन सिस्टर्स कहा जाता है, वे जमीन से घिरे हैं... उनके पास समुद्र का कोई रास्ता नहीं है।" मोहम्मद यूनुस ने आगे दावा किया कि इस इलाके में समुद्र के वह एक मात्र संरक्षक हैं।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चीन को रिझाने के लिए भारत के खिलाफ एक बार भी जहर उगला है। मोहम्मद यूनुस ने दावा किया है कि बंगाल की खाड़ी के अकेले मालिक वही हैं और भारत का इस इलाके से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने उत्तर पूर्व के राज्यों (सेवेन सिस्टर्स) के भारत से केवल जमीन के रास्ते जुड़े होने की तरफ इशारा किया है।

यह सारी बातें मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में अपने चीन दौरे में कही हैं। उनका यह बयान उनके आधिकारिक पेज से पोस्ट किया गया था। मोहम्मद यूनुस ने इस दौरान चीन को उत्तर पूर्व के राज्यों के पास के इलाके में आकर निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है, जो कि भारत के लिए एक रणनीतिक खतरा है।

मोहम्मद यूनुस क्या बोला?

मोहम्मद यूनुस ने अपने बयान में कहा, “भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग, जिसे सेवेन सिस्टर्स कहा जाता है, वे जमीन से घिरे हैं… उनके पास समुद्र का कोई रास्ता नहीं है।” मोहम्मद यूनुस ने आगे दावा किया कि इस इलाके में समुद्र के वह एक मात्र संरक्षक हैं।

उन्होंने कहा, “इसलिए यह एक बड़ी संभावनाएँ सामने लाता है। यह चीनी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है। चीन यहाँ आकर चीजें बनाएँ, उनका उत्पादन और बिक्री करे… यहाँ से चीन में ले जाए और उन्हें पूरी दुनिया म निर्यात करे।”

मोहम्मद यूनुस ने भले ही समुद्र की बात की हो लेकिन उनका इशारा उस ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ की तरफ था, जो भारत के लिए बड़ी सुरक्षा चुनौती बताया जाता रहा है। चिकन नेक कॉरिडोर लगभग 20 किलोमीटर चौड़ा जमीन का वह हिस्सा है जो शेष भारत को उत्तर पूर्व के बाकी 8 राज्यों से जोड़ता है।

क्या है चिकन नेक कॉरिडोर?

चिकन नेक यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी क्षेत्र को भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है। इसकी चौड़ाई मात्र 22 किलोमीटर है और यह भूटान, नेपाल और बांग्लादेश से सटा हुआ है।

अगर इस क्षेत्र में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, तो पूरे पूर्वोत्तर भारत का बाकी देश से संपर्क टूट सकता है। इस वजह से आतंकियों के लिए यह क्षेत्र हमेशा से एक संवेदनशील लक्ष्य रहा है।रणनीतिकार मानते हैं कि युद्ध की स्थिति में यह हिस्सा उत्तर-पूर्व में सेना की गतिविधि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

इसके कट जाने से देश के बाकी हिस्सों का उत्तर पूर्व से सम्पर्क नहीं रह जाएगा। यूनुस ने अपने बयान में इशारा कर दिया है कि वह इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पट्टी के पास चीन को लेकर आएँगे। इससे पहले देश के भीतर से भी इस हिस्से को देश से अलग करने की योजनाएँ बनती रही है।

शरजील भी इसे काटने की बात कह चुका

दिल्ली में दंगे भड़काने वाला शरजील इमाम भी इस हिस्से को भारत से अलग करने की सलाह मुस्लिमों को दे चुका है। उसने यह बयान एक सार्वजनिक सभा में दिया था। उसने शाहीन बाग़ में कहा था कि चिकन नेक मुस्लिम बहुल इलाका है और उसे भारत से काट दिया जाए।

शरजील इमाम ने 5 लाख मुस्लिमों को इकट्ठा करके असम और भारत को काट कर अलग कर देने और सेना ना पहुँचने देने की बात कही थी। इसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। वह वर्तमान में जेल में है। शरजील इमाम ही नहीं इस्लामी आतंकी भी इस जुगत में हैं कि वह चिकन नेक को काट कर भारत को तोड़ सकें।

हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार-उल-इस्लाम बांग्लादेश के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों का लक्ष्य था पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर के सात राज्यों को जोड़ने वाले ‘चिकन नेक’ इलाके में बड़े पैमाने पर अस्थिरता फैलाना।

मुर्शिदाबाद में गिरफ्तार यह आतंकी एक स्लीपर सेल का हिस्सा थे जो दक्षिण और उत्तर बंगाल के संवेदनशील इलाकों में अस्थिरता पैदा करने के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत में भी आतंक फैलाने की योजना बना रहे थे। इनके पास से इस योजना की एक पेनड्राइव भी बरामद हुई थी।

असम के मुख्यमंत्री ने जताई चिंता

मोहम्मद यूनुस के बयान का जवाब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दिया है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस द्वारा दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सेवेन सिस्टर्स राज्यों को जमीन से घिरा हुआ बताया है और बांग्लादेश को उनके समुद्री पहुँच के रूप में पेश किया है, अपमानजनक और अत्यधिक निंदनीय है। यह टिप्पणी भारत के रणनीतिक ‘चिकन नेक’ गलियारे से जुड़ी लगातार खतरे की कहानी को बता रही है।”

उन्होंने आगे लिखा, “ऐतिहासिक रूप से, भारत के भीतर के लोगों ने भी पूर्वोत्तर को बाक़ी देश से अलग करने के लिए रास्ते को काटने की सलाह दी है। इसलिए, चिकन नेक कॉरिडोर के नीचे और आसपास अधिक मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना जरूरी है। इसके अलावा, चिकन नेक को प्रभावी ढंग से दरकिनार करते हुए पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि भारत से जोड़ने वाले दूसरे सड़क मार्गों की खोज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हरिद्वार का औरंगजेबपुर बना शिवाजी नगर, मियांवाला हुआ रामवाला… उत्तराखंड में 17 जगहों के बदले नाम: बोले CM धामी- भारतीय संस्कृति-विरासत के आधार पर...

देहरादून जिले में वर्तमान स्थान मियांवाला का नाम रामजीवाला, पीरवाला का नाम केसरी नगर, चांदपुर खुर्द का नाम पृथ्वीराज नगर और अब्दुल्लापुर का नाम अब दक्षनगर किया गया है।

ईद मुबारक! कहीं मंदिर पर पत्थरबाजी तो कहीं भीड़ बन हिंदुओं पर टूट पड़े, रेप से लेकर धर्मांतरण तक… 70 घटनाएँ जो बताती हैं...

इन घटनाओं में सुनियोजित हमले, हत्याएँ, लव जिहाद, मंदिरों पर हमले, बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराध, जबरन धर्मांतरण और अन्य संगीन अपराध शामिल हैं।
- विज्ञापन -