साल 2008 में हुए मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। भारत में वांछित 63 वर्षीय तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है। भारत प्रत्यर्पण संधि के आधार पर तहव्वुर को भारत प्रत्यर्पित करने की माँग लंबे समय से करता आ रहा था।
भारत ने 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में तहव्वुर राणा की अहम भूमिका को लेकर भारत ने अमेरिका के साथ जरूरी दस्तावेज साझा किए थे। इसके बाद प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए तहव्वुर ने निचली अदालत में याचिका दी थी। निचली अदालत ने प्रत्यर्पण को मंजूरी तो तहव्वुर ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।
बता दें कि मुंबई हमले की जाँच करने वाली एजेंसी ने 405 पन्नों की चार्जशीट में तहव्वुर राणा को आरोपित बनाया था। चार्जशीट के अनुसार, तहव्वुर पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI और इस्लामी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। वह हमले का मास्टरमाइंड एवं मुख्य आरोपित डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद सईद गिलानी की मदद कर रहा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि तहव्वुर और हेडली ने मुंबई हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया था। तहव्वुर ने आतंकियों को बताया था कि मुंबई में हमलावर आतंकियों को कहाँ ठहरना है और उन्हें कहाँ-कहाँ हमले करने हैं। तहव्वुर ने उसकी मदद की थी। अमेरिका में सुनवाई के दौरान तहव्वुर ने यह भी बताया था कि उसे पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है।
तहव्वुर ने यह भी बताया था कि उसे जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है और उनसे क्या बात कर रहा है। उसे हमले की योजना और टारगेट के बारे में भी बता था। तहव्वुर राणा अपने बचपन के दोस्त और आतंकियों के मददगार डेविड कोलमैन हेडली की आर्थिक सहित हर तरह से मदद करके इस्लामी आतंकियों का सपोर्ट कर रहा था। यह बात उसने अमेरिकी कोर्ट में मानी है।
हेडली अमेरिकी नागरिक है। उसकी माँ अमेरिका और उसके अब्बू पाकिस्तानी मूल के थे। अमेरिकी अधिकारियों ने अक्टूबर 2009 में हेडली को अमेरिका के शिकागो से गिरफ्तार किया था। अमेरिकी कोर्ट ने 24 जनवरी 2013 को मुंबई में आतंकी हमलों में शामिल होने का दोषी मानते हुए हेडली को 35 साल जेल की सजा सुनाई थी। भारत हेडली के प्रत्यर्पण की भी लगातार माँग कर रहा है।
तहव्वुर और हेडली बचपन के दोस्त हैं। हेडली भी शुरुआती 5 साल की पढ़ाई पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में की है। इसके बाद वह परिवार के साथ अमेरिका चला गया। तहव्वुर राणा भी इसी स्कूल में पढ़ा है। बाद में वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम करने लगा। फिर वह कनाडा चला गया। कुछ साल के बाद उसे कनाडा की नागरिकता मिल गई।
तहव्वुर ने शिकागो में ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की। इस फर्म की एक शाखा मुंबई में भी थी। इसी फर्म के सहारे हेडली भारत आया था और हमले करने वाली जगहों की रेकी की थी। तहव्वुर राणा फिलहाल अमेरिका के लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है। उसे एफबीआई ने साल 2009 में शिकागो से दबोचा था।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया था। आतंकियों ने मुंबई के लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, होटल ताज पैलेस, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और सेंट जेवियर कॉलेज ने निशाना बनाया था। वे अपने साथ भारी मारा मात्रा में IED, RDX, हैंड ग्रेनेड और AK-47 लेकर आए थे।
इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 लोग मारे गए थे। मृतकों में अमेरिकी सहित कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इन आतंकियों के खिलाफ NSG, मरीन कमांडो फोर्स, मुंबई पुलिस, RAF, CRPF, मुंबई फायर ब्रिगेड और रेलवे पुलिस फोर्स ने ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया था। साल 2012 में उसे फाँसी दी दे गई थी।