Friday, December 1, 2023
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कोरोना ने इस्लाम को ख़तरे में डाल दिया है, या अल्लाह! इसे काफ़िर मुल्कों की तरफ़ मोड़ दो: मौलाना ने की दुआ

दुआ में वो कहता है कि "कोरोना वायरस ने इस्लाम को ख़तरे में डाल दिया है, या अल्लाह इसे काफिर मुल्कों की तरफ़ पलटा दे।" जहाँ पाकिस्तान ख़ुद कोरोना वायरस और कमजोर नेतृत्व के संकट से जूझ रहा है, वहाँ के मुल्ले-मौलवी लोगों को जागरूक करने की बजाए इसी तरह की हरकतों में लगे हुए हैं।

जहाँ एक तरफ कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हलकान कर रखा है और लोग इससे बचाव के उपाय करने में जुटे हैं, कुछ मुल्ला-मौलवी सिर्फ़ अन्धविश्वास की बातें कर अफवाह फैलाने में लगे हुए हैं। पाकिस्तान के एक मौलवी ने कबूतर के शरीर के एक विशेष स्थान को पका कर खाने को कोरोना वायरस से संक्रमण का इलाज बताया था। अब वहीं के एक और मौलवी ने अल्लाह से दुआ की है कि कोरोना वायरस ‘को काफिर मुल्कों’ की तरफ भेज दिया जाए।

समझा जा सकता है कि काफिर से उनका इशारा किस तरफ था। कट्टरपंथियों का मानना है कि इस्लाम को न मानने वाले लोग काफिर होते हैं। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप उस पाकिस्तानी मौलवी को दुआ करते हुए देख सकते हैं। दुआ में वो कहता है कि “कोरोना वायरस ने इस्लाम को ख़तरे में डाल दिया है, या अल्लाह इसे काफिर मुल्कों की तरफ़ पलटा दे।” जहाँ पाकिस्तान ख़ुद कोरोना वायरस और कमजोर नेतृत्व के संकट से जूझ रहा है, वहाँ के मुल्ले-मौलवी लोगों को जागरूक करने की बजाए इसी तरह की हरकतों में लगे हुए हैं।

उक्त मौलवी ने कहा कि अल्लाह ने अगर मदद नहीं की तो कोरोना सब कुछ ख़त्म कर देगा। उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पूरे देश में लॉकडाउन पर विचार करने से इनकार कर दिया है। उन्हें अर्थवयवस्था की चिंता सता रही है। वो पहले भी कह चुके हैं कि अगर पाकिस्तान में लॉकडाउन हुआ तो खाने के लाने पड़ जाएँगे। मुल्क में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 2000 के पार होने को है लेकिन इमरान ने लोगों को घर में रहने और बीमार होने के बावजूद हॉस्पिटलों में लाइन न लगाने की सलाह दी है।

भारत में भी मौलवियों और मस्जिदों के नखरे नहीं थम रहे हैं। कई मस्जिदों को जानबूझ कर खुला रखा गया तो पटना, राँची और दिल्ली की मस्जिदों में विदेशी नागरिकों को छिपाया गया। इनमें से कई कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एक अन्य घटना के दौरान जब पुलिस एक मौलवी के पास मदद के लिए गई तो उसने लोगों को नमाज पढ़ने के लिए भीड़ न जुटाने की सलाह देने से इनकार कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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