Monday, October 7, 2024
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9/11 के बाद अमेरिका पर सबसे क्रूर हमला करना चाहता था पाकिस्तानी शाहजेब खान, ISIS का है समर्थक: कनाडा में गिरफ्तार

शाहजेब ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका में यहूदियों को निशाना बनाने के लिए 7 अक्टूबर और 11 अक्टूबर सबसे अच्छे दिन हैं, क्योंकि 7 अक्टूबर को वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और 11 अक्टूबर योम किप्पुर है। दरअसल, पिछले साल 7 अक्टूबर को ही हमास ने इजरायल में हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था। इसी लिए वह इस दिन को चुनना चाहता था।

कनाडा में रहने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक को कुख्यात आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड अल-शाम (ISIS)’ की मदद और संसाधन देने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान नागरिक की पहचान 20 वर्षीय मुहम्मद शाहज़ेब खान उर्फ शाहज़ेब जादून के रूप में हुई है। इस संबंध में न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी।

अमेरिकी न्याय विभाग के अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा, “आरोपित पर आरोप है कि उसने इस साल 7 अक्टूबर के आसपास न्यूयॉर्क शहर में एक आतंकवादी हमले की योजना बनाई थी। इस हमले का घोषित लक्ष्य ISIS के नाम पर ज़्यादा से ज़्यादा यहूदियों का कत्लेआम करना था। कनाडा के सहयोग से आरोपित पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया गया।”

उन्होंने कहा, “इस देश के सभी समुदायों की तरह यहूदी समुदायों को भी इस बात का डर नहीं होना चाहिए कि उन्हें नफ़रत से प्रेरित आतंकवादी हमले का निशाना बनाया जाएगा।” गारलैंड ने बताया कि शाहजेब आतंकी संगठन हमास पर इजरायल की कार्रवाई का बदला लेना चाहता था। इसके लिए वह अमेरिका में यहूदी लोगों को मारने के लिए संकल्प लिया था।

न्यूयॉर्क में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कनाडा में टोरंटो के नजदीक रहने वाले शाहजेब खान ने कनाडा से न्यूयॉर्क शहर जाने का प्रयास किया। वहाँ उसका इरादा न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक यहूदी केंद्र पर ISIS के समर्थन से सामूहिक हमला करना था। इसमें गोलीबारी करने के लिए उसके द्वारा स्वचालित और अर्ध-स्वचालित हथियारों का उपयोग करना था।

शाहजेब खान ने नवंबर 2023 में या उसके आसपास ISIS के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करना और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन पर बात करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा, वह ISIS के प्रोपेगेंडा वीडियो और साहित्य बाँटने एवं प्रसारित करने का काम करता था। इस बीच शाहजेब ने ISIS समर्थक जानकर दो अंडरकवर कानून प्रवर्तन अधिकारियों से बात करना शुरू कर दिया।

बातचीत के दौरान उसने बताया कि वह ISIS का समर्थक है और वह अमेरिकी शहर में हमले करने की योजना बना रहा है। उसने यह भी बताया कि वह सक्रिय रूप से ISIS समर्थकों का एक ‘ऑफ़लाइन सेल’ बनाने का प्रयास कर रहा था, ताकि ऑटोमेटिक राइफलों का उपयोग करके शहर में हमला कर सके और इजरायली एवं यहूदी को निशाना बनाया जा सके।

बातचीत के दौरान शाहजेब खान ने हमलों को अंजाम देने के लिए स्वचालित एवं अर्ध स्वचालित असॉल्ट राइफलें, गोला-बारूद और अन्य सामग्री प्राप्त करने का बार-बार निर्देश दिया। इसके साथ ही उसने अमेरिकी शहर के उन स्थानों की पहचान करने के लिए भी कहा, जहाँ हमले को अंजाम दिया जाना था। उसने यह बताया कि हमले के लिए वह कनाडा से अमेरिका में कैसे घुसेगा।

शाहजेब ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका में यहूदियों को निशाना बनाने के लिए 7 अक्टूबर और 11 अक्टूबर सबसे अच्छे दिन हैं, क्योंकि 7 अक्टूबर को वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और 11 अक्टूबर योम किप्पुर है। दरअसल, पिछले साल 7 अक्टूबर को ही हमास ने इजरायल में हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था। इसी लिए वह इस दिन को चुनना चाहता था।

शाहजेब ने अंडरकवर बने अधिकारियों से अपने हमले के लिए राइफलें, गोला-बारूद के साथ-साथ ISIS के कुख्यात स्टाइल में लोगों का गला काटने के लिए कुछ अच्छे चाकू की भी माँग की थी। अमेरिका में घुसने के लिए उसने मानव तस्कर की सहायता लेने की भी बात कही। उसने कहा, “अगर हम अपनी योजना में सफल होते हैं तो यह 9/11 के बाद अमेरिकी धरती पर सबसे बड़ा हमला होगा।”

शाहजेब ने हमले के लिए 4 सितंबर या उसके आसपास अमेरिका-कनाडा सीमा तक पहुँचने का प्रयास किया। ऐसा करने के लिए उसने कनाडा से होते हुए अमेरिका की ओर जाने के लिए तीन अलग-अलग कारों का इस्तेमाल किया। इसके बाद उसे कनाडा के ऑर्म्सटाउन में या उसके आसपास रोक लिया गया। ऑर्म्सटाउन अमेरिका-कनाडा सीमा से लगभग 12 मील की दूरी पर स्थित है।

पाकिस्तानी नागरिक शाहजेब पर एक विदेशी आतंकवादी संगठन को सहायता और संसाधन प्रदान करने का प्रयास का आरोप लगाया गया है। अगर वह दोषी सिद्ध हो जाता है तो अमेरिकी कानून के तहत उसे अधिकतम 20 साल की जेल हो सकती है। अमेरिकी न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग का अंतर्राष्ट्रीय मामलों का कार्यालय कनाडा से खान के प्रत्यर्पण की माँग कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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