सिंगापुर के लोगों को शुक्रवार (18 जून 2021) से प्राइवेट क्लीनिकों में चीनी कंपनी साइनोवैक की कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जून की शुरुआत में चीनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद सिंगापुर प्रशासन द्वारा इसे 24 प्राइवेट हेल्थ क्लीनिक में देने की अनुमति दी गई है। ध्यान देने की बात है कि सिंगापुर के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चीन की वैक्सीन के प्रभाव पर संदेह व्यक्त करने के बावजूद इसे मंजूरी दी गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय वैक्सीन की माँग बहुत अधिक है, लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में जोड़ने से हिचकिचा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस वैक्सीन की माँग उन लोगों के बीच अधिक है, जो मुख्यत: चीन के रहने वाले हैं या फिर वहाँ जाने की योजना बना रहे हैं। सिंगापुर में अधिक प्रभावी टीके उपलब्ध हैं, इसके बावजूद वे लोग चीनी वैक्सीन को लेना बेहतर मान रहे हैं।
सिंगापुर के चिकित्सा सेवाओं के निदेशक केन्नेथ माक ने शुक्रवार (18 जून 2021) को कहा कि वह टीके के प्रभाव को लेकर चिंतित थे, क्योंकि अन्य देशों से आने वाली रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जिन लोगों को साइनोवैक का शॉट दिया गया था, वे अभी भी कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं।
उन्होंने इंडोनेशिया के मामलों का उल्लेख किया, जहाँ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों को साइनोवैक का टीका लगाया गया था। इसके बावजूद वे कोरोना से संक्रमित हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने आगे कहा, ”इससे यह आभास होता है कि विभिन्न टीकों का प्रभाव भी काफी भिन्न होगा।”
सिंगापुर नेशनल वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा निर्मित टीके उपलब्ध करा रहा है। स्टडी के अनुसार, ये टीके संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत तक प्रभावी हैं। केवल दुर्लभ मामलों में ये टीके लगाने के बाद किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए।
साइनोवैक द्वारा निर्मित वैक्सीन कोरोनावैक पर की गई स्टडी की रिपोर्ट बताती है कि शॉट का प्रभाव 50 से 84 प्रतिशत के बीच है। डब्ल्यूएचओ ने साइनोवैक के टीके को मंजूरी देते हुए कहा कि यह संक्रामक रोगों से जुड़े रोगों को रोकने में केवल 51 प्रतिशत प्रभावी था। डब्ल्यूएचओ से मंजूरी के लिए न्यूनतम आवश्यकता 50 प्रतिशत है। हालाँकि, चीन के टीकों को गंभीर बीमारी के खिलाफ अधिक प्रभावी माना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि फाइजर या मॉडर्न की बजाय साइनोवैक को चुनने वाले देश भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण परेशान हो सकते हैं।
सिंगापुर में कोविड-19
सिंगापुर में कोरोना संक्रमण के अब तक कुल 62,403 मामले सामने आए हैं। वहीं 62,023 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 34 लोगों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है। लगभग 50 लाख आबादी वाले इस देश में 19 लाख से अधिक लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। वहीं, देश में करीब 47 लाख लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है।