अमेरिकी सरकार ने चीन में तैनात अपने सरकारी अधिकारियों, उनके परिवारों और सुरक्षा मंजूरी प्राप्त ठेकेदारों के लिए सख्त प्रतिबंध लागू किया है। अब वे किसी भी चीनी नागरिक के साथ प्रेम संबंध या शारीरिक संबंध नहीं बना सकेंगे। इस नीति को जनवरी में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने लागू किया था।
AP (एसोसिएट प्रेस) के अनुसार, पिछले साल एक सीमित नीति लागू की गई थी, जिसमें अमेरिकी अधिकारियों को चीन में अपने दूतावास में काम वाले चीनी नागरिकों, जैसे सुरक्षा गार्ड और अन्य सहायक कर्मचारियों के साथ रिश्ते रखने से रोका था। लेकिन अब यह प्रतिबंध अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में लागू होगा। इसमें बीजिंग स्थित अमेरिकी एम्बेसी और ग्वांगझू, शंघाई, शेनयांग और वुहान स्थित वाणिज्य दूतावास शामिल हैं। इसके अलावा, यह नियम हांगकांग स्थित वाणिज्य एम्बेसी में भी लागू होगा।
हालाँकि, जिन अधिकारियों के पहले से चीनी नागरिकों के साथ संबंध हैं, वे छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर उनका आवेदन अस्वीकार किया जाता है तो उन्हें अपने संबंध खत्म करने होंगे या अपनी नौकरी ही छोड़नी होगी।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
अमेरिकी सरकार ने पहले भी ऐसे प्रतिबंध लगाए हैं। 1987 में सोवियत संघ और चीन में तैनात अमेरिकी अधिकारियों को स्थानीय नागरिकों (महिलाओं/पुरुषों) से दोस्ती करने, डेट करने या संबंध बनाने से रोक दिया गया था। इसकी वजह एक मामला था, जिसमें मॉस्को में तैनात एक अमेरिकी मरीन को सोवियत की महिला जासूस ने प्रेम-संबंध बनाकर फँसाया था।
खुफिया एजेंसियाँ अक्सर आकर्षक पुरुषों और महिलाओं का इस्तेमाल कर गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करती हैं। यह विशेष रूप से शीत युद्ध के दौरान काफी आम था। अमेरिका का मानना है कि चीन अभी भी इस तरह की रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहा है।
चीन कर रहा ‘हनीपॉट’ का उपयोग
अमेरिकी राजनयिकों और खुफिया विशेषज्ञों के अनुसार, चीन अमेरिकी रहस्यों तक पहुँचने के लिए ‘हनीपॉट’ तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। पोस्टिंग से पहले, अमेरिकी अधिकारियों को ये जानकारी दी जाती है कि चीनी खुफिया एजेंसियां सुंदर महिलाओं को उनके करीब भेज सकती हैं। इसके अलावा, किसी भी महत्वपूर्ण अमेरिकी राजनयिक पर दर्जनों चीनी सुरक्षा एजेंट नजर रख सकते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों को इस नए प्रतिबंध की जानकारी जनवरी में मौखिक और इलेक्ट्रॉनिक रूप से दी गई थी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले, चीन में तैनात अमेरिकी अधिकारियों को अपने चीनी नागरिकों के साथ किसी भी करीबी संपर्क की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देने की आवश्यकता होती थी लेकिन उस पर पूरा प्रतिबंध नहीं था।