भारत ने 7 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इसमें भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकाने तबाह किए। पाकिस्तान ने इसके जवाब में कई हमले किए लकिन विफल हुआ। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस उड़ा दिए। इसी के साथ ही कई विश्लेषकों ने दावा किया कि भारत ने सिर्फ एयरबेस ही नहीं तबाह किए बल्कि पाकिस्तान की एक परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी ‘किराना हिल्स’ को भी उड़ाया। हालाँकि, एयरफोर्स के DG ऑपरेशंस ने इस बात से इनकार किया।
इसी के साथ ही किराना हिल्स की चर्चा भारत में जोर पकड़ गई। भारतीयों ने इससे पहले पकिस्तान के परमाणु मिशन के विषय में कहूटा और चगाई जैसे नाम सुन रखे थे। कहूटा का संबंध जहाँ पाकिस्तान के परमाणु बम के बनाए जाने से था तो वहीं चगाई उस जगह का नाम है, जहाँ पर पाकिस्तान ने 1998 में अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण किया था। लेकिन किराना हिल्स इस कड़ी में नया नाम है और इसकी उपयोगिता भी नई है। किराना हिल्स की जानकारी अंतरराष्ट्रीय और भारतीय एजेंसियों को लम्बे समय से रही है।
कहाँ है किराना हिल्स?
किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब राज्य में एक श्रृंखला है। यह पाकिस्तान के सरगोधा जिले में स्थित है। यहाँ की चट्टानें काली हैं और इसी के चलते इन्हें काला पहाड़ भी कहा जाता है। यह पहाड़ी श्रृंखला लगभग 80 किलोमीटर लम्बी है। किराना हिल्स को लेकर ब्रिटिश सरकार के दौरान भी काफी रिसर्च हुई थी।

भारतीय सीमा से यह लगभग 170 किलोमीटर दूर हैं। किराना हिल्स के आसपास जंगल भी है और यहाँ जंगली जानवरों के पाए जाने की बातें भी कही जाती रही हैं। पाकिस्तान यहाँ यूरेनियम की खोज को लेकर भी खुदाई की थी। किराना हिल्स को 1970 के बाद पाकिस्तान ने अपने काम में लेना चालू किया।
किराना हिल्स और परमाणु बम का क्या संबंध?
रिपोर्ट्स बताती है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने 1970 के आसपास किराना हिल्स को अपने कब्जे में लिया था। किराना हिल्स, मुशाफ एयरबेस का ही हिस्सा है। मुशाफ एयरबेस पाकिस्तानी एयरफोर्स का एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा है और यहाँ उनके F-16 और JF-17 जैसे विमान तैनात रहते हैं। यहाँ पर एक राडार स्टेशन भी है।
रिपोर्ट्स बताती है कि किराना हिल्स का इस्तेमाल 1978-79 के आसपास पाकिस्तान ने अपने परमाणु मिशन के लिए करना चालू किया था। किराना हिल्स का इस्तेमाल परमाणु धमाका करने से पहले किए जाने वाले प्रयोगों के लिए किया गया था, यह भी रिपोर्ट्स बताती हैं।
किराना हिल्स में पाकिस्तान ने अपना परमाणु बम तैयार करने से पहले कई प्रयोग किए थे। यह भी कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए कई चीजें छुपाई थी, जिन्हें अमेरिका के दबाव हटा दिया गया था।
कैसे बनी स्टोरेज फैसिलिटी?
किराना हिल्स की सैटेलाईट तस्वीरों का विश्लेषण दिखाता है कि यहाँ पहाड़ी के नीचे कई स्टोरेज साईट बनाई हुई हैं। किराना हिल्स को लेकर 2023 में आई एक रिपोर्ट बताती है कि किराना हिल्स में हथियार रखने की जगह के साथ ही मिसाइल लांचर लान्चर खड़े करने के लिए गैरेज भी बनाए गए हैं।
इन लॉन्चर के माध्यम से ही परमाणु हथियार रखने वाली मिसाइल को लॉन्च किया जाता है। यह लॉन्चर ट्रक पर लगाए जाते हैं। इन्हें अलग-अलग जगह भी ले जाया जा सकता है। पाकिस्तान के परमाणु हथियार ले जानी वाली शाहीन और गौरी जैसी मिसाइलें हैं।

रिपोर्ट बताती है कि यहाँ ऐसे 10 गैरेज हैं। सुरंगों में बनाई हुई इस स्टोरेज फैसिलिटी के लिए कई गेट बनाए गए हैं। रिपोर्ट में इनकी संख्या 10 बताई गई है। इसकी भी सैटेलाईट इमेज सामने आए हैं। इनमें कंक्रीट से बने से बंकर दिखते है, जिनका रास्ता पहाड़ी के भीतर जाता है।

इसके अलावा पहाड़ी के आसपास भी कई कंक्रीट के बंकर बने हैं, जिनके बाकी हथियार का स्टोरेज होने की आशंका जताई गई है। चूंकि यह किराना हिल्स मुशाफ एयरबेस से जुड़ी हुई हैं, इसलिए इनके सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसी पर है।
चर्चा में क्यों?
किराना हिल्स को लेकर चर्चा भारत के पाकिस्तान के भीतर हमलों के कुछ वीडियो के सामने आने के बाद हुई। एक ऐसे ही वीडियो में कथित तौर पर किराना हिल्स के सामने एक तेज धमाके की फुटेज भी वायरल हुई। इस वीडियो में दिखने वाला पहाड़ किराना हिल्स ही है, इसकी पुष्टि पुरानी फोटो और सैटेलाईट से मिलान करके की गई।
विश्लेषकों ने बताया कि भारत ने संभवतः किराना हिल्स की स्टोरेज फैसिलिटी के बाहर बमबारी की है। यह भी दावे किए गए हैं कि इससे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को नुकसान पहुँचाया। इसके चलते परमाणु विकिरण के भी दावे किए गए। यह भी बताया गया कि इसकी जाँच के लिए अमेरिका का बीचक्राफ्ट बी 350 एयरक्राफ्ट भी आया। यह भी दावे किए गए कि यहाँ रेडियोएक्टिव विकिरण को रोकने के लिए बोरान भी इजिप्ट से मंगाया गया। हालाँकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
भारतीय वायु सेना ने 12 मई, 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि उन्होंने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया है। संभवत: यह हमला मुशाफ एयरबेस पर रहा हो, जिसने किराना हिल्स के आसपास नुकसान पहुँचाया है। ऐसे में इसको लेकर लगातार चर्चाएँ जारी हैं।