Friday, April 19, 2024
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‘वो तो फातिहा जला रहा था, अल्लाह देते हैं बरकत’: AltNews के जुबैर ने खाने में थूक वाले वीडियो को दी क्लीन चिट, कहा – हवा फूँक रहे

ऑल्ट न्यूज ने अपने लेख में दावा किया था कि वह इस वीडियो क्लिप के बारे में पता नहीं लगा पाया है। लेख में कहा गया है, "हालाँकि, ऑल्ट न्यूज इस वीडियो की जगह और संदर्भ की पुष्टि नहीं कर सका, लेकिन यह कहना पर्याप्त है कि वीडियो का हालिया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।"

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने फैक्ट-चेकिंग के बहाने भोजन पर थूकने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति की हरकत को सही ठहराने की कोशिश की। ट्विटर पर एक यूजर ने वीडियो साझा किया है। इसमें एक मुस्लिम व्यक्ति सफेद टोपी पहने हुए भोजन पर थूकता हुआ दिखाई दे रहा है। मोहम्मद जुबैर से यह वीडियो कब का है, यह पता लगाने के लिए कहते हुए ट्विटर यूजर ने लिखा, “Wtf। कृपया इसका फैक्ट चेक करें जुबैर कि क्या यह मौलाना थूक रहा है या फिर कुछ और कर रहा है।”

इसके तुरंत बाद ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक ने एक लेख के माध्यम से इसका जवाब दिया, जिसका शीर्षक था, “पुराने वीडियो को गलत तरीके से दिखाकर वायरल किया जा रहा है, यह भोजन लॉकडाउन के दौरान गरीबों को बाँटने के लिए था और इसे थूकने से जोड़कर दिखाया जा रहा है।” ऑल्ट न्यूज के लेख में दावा किया गया है कि यह 15 दिसंबर, 2018 का एक पुराना वीडियो है।

मोहम्मद जुबैर के ट्वीट का स्क्रीनग्रैब

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक ‘थूकने’ को हवा फूँकना बताते नजर आए

जुबैर द्वारा साझा किए गए लेख में ऑल्ट न्यूज की टीम ने भोजन पर थूकने को हवा फूँकना बताते हुए इस घिनौने कृत्य को सही ठहराने की कोशिश की। उन्होंने लिखा, “वीडियो में वास्तव में क्या हो रहा है, यह जानने के लिए हमने एक इस्लामिक विद्वान से संपर्क किया।” विद्वान ने कहा, “इसे ‘फातिहा जलाना’ कहा जाता है। यह खाना पकाने के बाद किया जाता है। भोजन के ऊपर कुरान की कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं, ताकि अल्लाह हर प्रकार की बीमारियों से दूर रखे या उसकी इच्छापूर्ति की लिए होता है। इसलिए कुछ हवा फूँकते हैं और कुछ नहीं।” लेख में यह भी लिखा गया है, “यह फातिहा है, जहाँ आप कुछ खाना निकालते हैं और अल्लाह से बरकत माँगते हैं।”

उन्होंने आगे कहा’ “हम देखते हैं कि नमाज के बाद बहुत से लोग बीमार बच्चों के साथ मस्जिदों के बाहर इकट्ठा होते हैं। नमाज पढ़ने के बाद मस्जिद से बाहर निकलने वालों को इन बच्चों पर हवा उड़ाने के लिए कहा जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसमें अल्लाह ने बरकत दी है। यह एक पुरानी प्रथा है, जिसका पालन बहुत कम लोग करते हैं।” एक इस्लामी विद्वान का हवाला देते हुए, ‘फैक्ट चेक वेबसाइट’ ने भोजन में लार डालने को तुच्छ और घिनौना कार्य बताया है।

ऑल्ट न्यूज़ के लेख का स्क्रीनग्रैब

जुबैर ने यह लेख इसलिए साझा किया था कि ताकि वह बता सके कि यह वीडियो हाल का नहीं है, जबकि कोरोना के समय में शूट किया गया था। इस तरह उन्होंने लोगों को यह समझाने का प्रयास किया कि मुस्लिम व्यक्ति द्वारा ऐसा कार्य ‘पुरानी प्रथा’ के कारण किया था, ना कि किसी को नुकसान पहुँचाने के मकसद से किया गया था। ऑपइंडिया ने पहले बताया था कि इस्लाम में ‘बुरी आत्मा’ या ‘शैतान’ को भगाने करने के लिए थूका जाता है। सहीह अल-बुखारी, खंड 4, पुस्तक 54, संख्या 513 के अनुसार, अपनी बाईं ओर थूकना बुरे सपनों से सुरक्षित रहने का एक तरीका है। सहीह मुस्लिम, बुक 026, नंबर 5463 में भी इसे श्रेय दिया जाता है, जो कहता है कि अपनी बाईं ओर तीन बार थूकने से शैतान भाग जाता है।

नेटिज़ेंस ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक से सवाल किया

वास्तविक वीडियो साझा करने वाले ट्विटर यूजर (@erbmjha) ने मोहम्मद जुबैर से ‘भोजन पर थूकने’ के कृत्य के बारे में पूछताछ की। उसने पूछा, “उसने थूका या नहीं? यही सवाल था। यह घटना प्री-कोविड है, कोविड के दौरान या उसके बाद यहाँ ज्यादा मायने नहीं रखता।”

जैसा कि पहले कहा गया है, मोहम्मद जुबैर ने ट्विटर यूजर (@erbmjha) द्वारा साझा किए गए वीडियो को पुराना बताने की कोशिश की, जो 2018 का है। इस दावे में एक कमी की ओर इशारा करते हुए ट्विटर यूजर वरदा मराठा ने पूछा, “फिर इस आदमी ने 2018 में मास्क पहन रखा है क्या?”

एक अन्य ट्विटर यूजर (@datslit) ने बताया कि जुबैर द्वारा साझा किया गया वीडियो और ट्विटर यूजर (@erbmjha) द्वारा शेयर किया गया वीडियो एक नहीं था। यूजर ने लिखा, “क्या आप अंधे हैं, क्योंकि दोनों वीडियो अलग हैं? आप किस तरह से फैक्ट चेक करते हैं? साथ ही, देखिए एक व्यक्ति ने मास्क पहना हुआ है। यह साबित करता है कि वीडियो वास्तव में कोविड काल का है।”

ऑल्ट न्यूज ने अपने लेख में दावा किया था कि वह इस वीडियो क्लिप के बारे में पता नहीं लगा पाया है। लेख में कहा गया है, “हालाँकि, ऑल्ट न्यूज इस वीडियो की जगह और संदर्भ की पुष्टि नहीं कर सका, लेकिन यह कहना पर्याप्त है कि वीडियो का हालिया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।”

एक ट्विटर यूजर ने धोती और शर्ट पहने एक शख्स की तरफ इशारा करते हुए लिखा कि यह वीडियो केरल में शूट किया गया है। इसके बावजूद जुबैर कहता है कि स्थान की पहचान नहीं की जा सकती, जबकि इसे देखने के बाद कोई भी क​ह सकता है कि यह वीडियो केरल का है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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