इस्लामिक प्रोपेगेंडा वेबसाइट चलाने वाले स्वघोषित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने एक ट्विटर यूजर को निशाना बनाते हुए एक नाबालिग लड़की की तस्वीर सार्वजानिक करने का नया घटिया कारनामा कर ऑल्टन्यूज़ की उपलब्धियों में एक और इतिहास रचा है।
फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की निजी और गोपनीय जानकारियाँ सार्वजानिक करने के लिए कुख्यात समूह ऑल्टन्यूज़ के संस्थापकों में से एक मोहम्मद जुबैर शुक्रवार (अगस्त 07, 2020) को जगदीश सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा कर रहा था, जब उसने एक नाबालिग युवती की तस्वीर को ही सार्वजानिक कर दिया। इस युवती को कथित तौर पर उन्हीं ट्विटर यूजर की जगदीश सिंह की पोती बताया जा रहा है।
दरअसल, आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने एक ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें सड़क पर एक बड़े गड्ढे पर वाहन उछल रहे थे। इस पर मोहम्मद जुबैर ने उन्हें जवाब में अपना एक कथित ‘फैक्ट चेक’ लेख के बारे में बताया।
जुबैर ने ‘ऑल्टन्यूज़’ द्वारा किया हुआ एक ‘फैक्ट चेक’ पोस्ट किया, जिसमें कहा गया था कि यह चीन का एक पुराना वीडियो है। हालाँकि, दीपांशु काबरा ने यह दावा कहीं भी नहीं किया था कि यह वीडियो हाल ही का है, या यह किसी विशेष शहर का है।
आईपीएस काबरा ने इस वीडियो में सिर्फ शहर का अनुमान लगाने के लिए कहा था। लेकिन आदत से मजबूर ज़ुबैर ने मान लिया कि वह इसे भारत का होने का दावा कर रहे हैं, और लगे हाथ इस पर ‘फैक्ट चेक’ तैयार करते हुए कहा कि यह वीडियो चीन का है।
इस पर एक ट्विटर यूजर जगदीश सिंह मोहम्मद जुबैर की इस फर्जी के फैक्ट चेकर से सहमत नहीं थे और उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑल्टन्यूज़ के लिए प्रचलित जुमले का इस्तेमाल करते हुए जुबैर के ट्वीट के जवाब में ‘ल*डे का फैक्ट चेकर’ कह दिया।
यह जुमला ऑल्टन्यूज़ के कथित ‘फैक्ट चेक्स’ के फर्जीवाड़ों के लिए इन्टरनेट पर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। ट्विटर यूजर जगदीश सिंह के इस कमेंट पर मोहम्मद जुबैर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उन्हें सीधे तौर पर जवाब देने के बजाए, उनकी ट्विटर डीपी (डिस्प्ले इमेज) निकाल ली, जिसमें जगदीश सिंह कथित तौर पर अपनी पोती के साथ नजर आ रहे थे।
जुबैर ने जगदीश सिंह की प्रोफाइल में लगी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा- “हेलो जगदीश सिंह, क्या आपकी प्यारी पोती सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देने की आपकी पार्ट टाइम जॉब के बारे में जानती है?”
ट्विटर यूजर की निजी तस्वीर का गलत इस्तेमाल करते हुए मोहम्मद जुबैर ने उन्हें अपनी प्रोफाइल फोटो बदलने की सलाह भी दी।
यह तथाकथित ‘फैक्ट चेकर’ द्वारा किया गया बेहद घिनौना काम था। सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति अपने सोशल मीडिया अकाउंट में परिवार के सदस्य की तस्वीर का उपयोग कर रहा है, उन्हें सोशल मीडिया के झगड़े में नहीं खींचा जा सकता है, खासकर जब वो नाबालिग बच्चे हों।
हालाँकि, जुबैर ने फोटो में लड़की के चेहरे को धुँधला कर दिया था, लेकिन यह तथ्य अभी भी बना हुआ है कि उसने इन्टरनेट पर एक बहस को जीतेने के लिए एक नाबालिग छोटी लड़की का इस्तेमाल किया।
यदि तस्वीर में मौजूद लड़की ट्विटर यूजर की पोती है तो भी, उस नाबालिग लड़की को सोशल मीडिया पर उसके दादा की हरकतों के लिए जिम्मेदार नहीं बनाया जा सकता है।
वास्तव में, मोहम्मद जुबैर का तर्क पीएम मोदी द्वारा ट्विटर पर फ़ॉलो किए जा रहे अकाउंट द्वारा पोस्ट किए गए हर ट्वीट के लिए मोदी को दोषी ठहराए जाने वाले तर्क से भी अधिक अतार्किक है।
इस्लामिक विचारधारा के समर्थक मोहम्मद जुबैर का सोशल मीडिया पर बड़ा फॉलोवर्स वर्ग है और वह एक ऐसी वेबसाइट के साथ भी जुड़ा हुआ है, जो अक्सर लोगों की निजी जानकारी को सार्वजानिक करने के लिए कुख्यात है।
किसी भी सोशल मीडिया वेबसाइट में कई लोग हैं, विशेष रूप से इस्लामिक विचारधारा के अनुयायी, जो व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग कर उन लोगों को निशाना बना सकते हैं, जो उनके नजरिए और विचारधारा से समर्थन नहीं रखते।
तथ्य यह है कि जुबैर, जो इस्लामिक विचारधारा वालों के बीच बेहद लोकप्रिय है, ने एक बच्ची की तस्वीर का इस्तेमाल किया, ताकि वह अपने समर्थकों को भी इसी रणनीति का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सके; यानी, जिन लोगों के विचारों से आप सहमत ना हों, उनके परिवार के लोगों को बहस में घसीटें। अक्सर लोग किसी भी बहस में परिवार के लोगों को खींचे जाने पर बहस से दूर हो जाते हैं।
मोहम्मद जुबैर की इस हरकत का परिणाम इस एक ट्वीट में देखा जा सकता है। जुबैर द्वारा सार्वजानिक की गई तस्वीर में जगदीश सिंह के साथ नजर आ रही नाबालिग बच्ची के लिए की गई भाषा का इस्तेमाल एक उदाहरण है कि अपने विरोधी स्वरों के खिलाफ इस्लामिक प्रपंचकारी किस स्तर तक गिर सकते हैं।
See that minor girl now getting serious rape threats from @zoo_bear jehaadi friends. pic.twitter.com/7Lee3P2Q8y
— ♠️♠️Crook In CroXX♠️♠️ (@CrookCroxx) August 7, 2020
मोहम्मद जुबैर के लिए बच्चियों की जानकारी सोशल मीडिया पर डालना आम है। जुबैर इन बच्चियों को मुस्लिम कट्टरपंथियों के सामने बलात्कार और हत्या की धमकियों के लिए खुला छोड़ देता है। इस मामले में भी वो अपने घिनौने कृत्य को सही बता रहा है।
यह एक ऐसी घिनौनी तरकीब है, जिसका उपयोग ऑल्टन्यूज़ के ही सह-संस्थापकों और अन्य प्रोपेगेंडाबाजों द्वारा किया जाता है। इससे पहले भी ऑल्टन्यूज़ और इसके संस्थापक ‘स्क्विंट नियोन’ नाम से ट्विटर अकाउंट चलाने वाले युवकों की निजी जानकारी सार्वजनिक कर इसे अपनी बड़ी कामयाबी साबित करने का प्रयास करते हुए देखे गए हैं।
ऑल्टन्यूज़ द्वारा हर उस ट्विटर अकाउंट की निजी जानकारी को सार्वजानिक किया गया था, जो उनकी विचारधारा के समर्थन में नहीं रहते हैं या फिर भाजपा का समर्थन करते हैं।
मोहम्मद जुबैर ने यही कारनामा आज जगदीश सिंह के साथ फिर दोहराया है और वो इसके लिए बिलकुल भी शर्मिंदा नजर नहीं आता है। ट्विटर पर जुबैर की इस हरकत के लिए उसे लताड़ भी पड़ रही हैं।
हालाँकि, जगदीश सिंह ने अब अपनी प्रोफाइल फोटो जरुर बदल दी है, ताकि जुबैर जैसे ही अन्य इस्लामिक विचारधारा के समर्थक उनकी तस्वीर का दुरुपयोग ना करें।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि मोहम्मद जुबैर आज भी 14वीं सदी की विचारधारा का ही अनुसरण करता नजर आ रहा है।
So brave of you to dig out a private pic of the man with his grand-daughter to harass him in open. Shows a sick mentality running from 14th century till date.@JSINGH2252, please file a complaint against this lumd fakeer in the nearest police station. https://t.co/7uXoagTczD
— INFERNO 2.0 (@TheAngryLord) August 7, 2020
कुछ ट्विटर यूजर्स ने जुबैर की इस हरकत पर जगदीश सिंह को FIR दर्ज करने की भी सलाह दी है।
Old prophetic technique to use opponent’s women as shield .This is a crime in India, requesting Shri @JSINGH2252 to report the tweet and file an FIR against Md. Zubair and his media portal @AltNews .
— 🦁 (@AndColorPockeT) August 7, 2020
Tagging @NCWIndia as it violates the modesty of an underage girl. https://t.co/98zYqSDgLM
जुबैर की इस हरकत के बाद उसके नाम से जुड़े कुछ और भी ट्वीट सोशल मीडिया में सामने आए हैं, लेकिन जुबैर उनका फैक्ट चेक नहीं का रहा है।
😌😌 https://t.co/1L1EeoBcCu pic.twitter.com/MyxyttNcw4
— Arjun Tandon (@Gaandivdhaari) August 7, 2020
प्रोपेगैंडा वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ को बड़े पैमाने पर पूरे वामपंथी संगठन द्वारा फैक्ट चेकर कहा जाता है। हालाँकि, तथ्यों से ऑल्टन्यूज़ का कभी भी कोई वास्ता नहीं रहा है और उसका एकमात्र मकसद दक्षिणपंथी सरकार के विरोध के साथ हिन्दू-घृणा को फैलाते हुए इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा देना ही है।
चेक के नाम पर यह ऑल्टन्यूज़ हिन्दुओं के बारे में गलत, फर्जी, बेबुनियाद और झूठे आरोप विकसित करते हुए मुस्लिम अपराधों को क्लीन चिट देने का कारनामा कई बार कर चुका है। यहाँ तक कि वे उन आतंकियों को बचाते हुए पकड़े गए, जिन्होंने श्रीलंका में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था। वास्तव में, ऐसे किसी मजहबी अपराध को ढूँढना मुश्किल होगा, जिसमें ऑल्टन्यूज़ ने अपना प्रोपेगेंडा नहीं इस्तेमाल किया है।
ऑल्टन्यूज़ को अरुंधति रॉय जैसे संरक्षकों का साथ प्राप्त है, जो नियमित रूप से एक ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जिसे कहा जा सकता है कि जो नक्सली आतंकियों की भाषा से मेल खाती है, और किसी भी तरह से भारत के टुकड़े करना चाहती है।