टीआरपी स्कैम में मुंबई पुलिस का रिपब्लिक टीवी और उसके एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ ‘विच हंट’ जारी है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर इंडिया टुडे के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) दिनेश भाटिया और डिस्ट्रीब्यूशन हेड केआर अरोड़ा को मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है।
इससे पहले, संयुक्त निदेशक के कार्यालय ने 8 जनवरी, 2021 को ग्रुप सीएफओ को तलब किया था। मामले से जुड़े सूत्रों ने ऑपइंडिया को बताया कि इंडिया टुडे के शीर्ष प्रबंधन के दोनों सदस्य से सोमवार (जनवरी 18, 2021) सुबह से ही एजेंसी गहन पूछताछ कर रही है। फर्जी टीआरपी मामले में दर्ज मूल एफआईआर में इंडिया टुडे के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि नेटवर्क टीआरपी में हेरफेर के लिए लिए भुगतान कर रहा था।
बता दें कि यह खबर तब सामने आई है जब मुंबई पुलिस टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक टीवी को फँसाने की कोशिश करने के आरोप लग रहे हैं। जबकि हंसा रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर दर्ज ओरिजिनल एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम है।
हाल ही में गिरफ्तार हुए BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के परिवार ने खुलासा किया था कि मुंबई पुलिस टीआरपी घोटाले में अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को फँसाने के लिए उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए तलोजा जेल के अंदर किसी को भुगतान कर रही है। मुंबई पुलिस ने पार्थो दासगुप्ता पर रिपब्लिक टीवी के पक्ष में टीआरपी में हेराफेरी करने के लिए अर्नब गोस्वामी से पैसे लेने का आरोप लगाया है।
ED ने टीआरपी घोटाले में दर्ज की ECIR
ईडी ने फर्जी टीआरपी मामले में एन्फोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है जो कि पुलिस की एफ़आईआर के समानांतर होती है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों की जाँच कर रहा है और रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आई थी कि एफ़आईआर में जितने चैनल्स के नाम शामिल हैं सभी की जाँच होगी। मूल एफ़आईआर में शामिल किए गए नामों के अलावा (जिसमें रिपब्लिक का नाम शामिल नहीं है) मुंबई पुलिस की पड़ताल भी जाँच के दायरे में आ सकती है। ईडी इस मामले से जुड़ने वाली दूसरी केन्द्रीय एजेंसी है, इसके पहले सीबीआई ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की थी।
फ़र्ज़ी टीआरपी मामला
8 अक्टूबर को मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा की गई प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा था कि तमाम चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। रिपब्लिक टीवी इसमें मुख्य आरोपित है। यह शिकायत हंसा रिसर्च ने की थी जो BARC के लिए टीआरपी रिकॉर्ड करने वाली डिवाइस को रेगुलेट करती है।
शुरूआती एफ़आईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं मौजूद था, बल्कि इंडिया टुडे को मुख्य आरोपित बताया गया था। इसके बाद ऐसे कई सबूत सामने आए थे जिससे यह पता चला कि मुंबई पुलिस ने तमाम लोगों को रिपब्लिक टीवी के खिलाफ़ बोलने के लिए उकसाया था। हंसा समूह ने यह शिकायत भी की थी कि मुंबई पुलिस उसके कर्मचारियों को रिपब्लिक टीवी के खिलाफ़ बयान देने के लिए धमका रही है।