इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह है। इसका कथित तौर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के साथ गहरा संबंध है। वहीं, सिमी का भारत के खिलाफ साजिश रचने का पुराना इतिहास है। इस कट्टरपंथी संगठन (IAMC) ने द वायर, न्यूज मिनट, न्यूज़लॉन्ड्री और अन्य संस्थानों के ‘पत्रकारों’ को अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए नकद पुरस्कार वितरित किए हैं।
अपने वार्षिक ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम जर्नलिज़्म अवार्ड्स-2022 (HRRF) के लिए IAMC ने दुष्प्रचार करने वाले संस्थानों से अपने पसंदीदा पत्रकारों को चुना है। IAMC अमेरिका में भारतीय मुस्लिमों की पैरवी करने वाला सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करता है। यह अक्सर शरिया कानून की वकालत करता है और भारत के खिलाफ गलत सूचना देता है। उसने अपने कुछ पसंदीदा ‘पत्रकारों’ के लिए लाखों रुपए नकद पुरस्कार के रूप में दिया है।
विभिन्न नकद पुरस्कारों के लिए चुने गए नामों में द कारवां मैगज़ीन के शाहिद तांत्रे, स्क्रॉल की ऐश्वर्या एस अय्यर, द वायर की इस्मत आरा, द कारवां की सुमेधा मित्तल, द वायर की नाओमी बार्टन, द न्यूज़ मिनट की प्रियंका तिरुमूर्ति और न्यूज़लॉन्ड्री की आकांक्षा कुमार शामिल हैं। सर्वश्रेष्ठ मीडिया संस्थानों के पुरस्कार लिए इस्लामिक आतंकवाद की पैरवी करने वाले द स्क्रॉल, न्यूज़लॉन्ड्री, मकतूब मीडिया, आर्टिकल 14 और ‘मूकनायक’ जैसे पोर्टलों को शॉर्टलिस्ट किया है।
लोकप्रिय ट्विटर हैंडल The Hawkeye ने शॉर्टलिस्ट किए गए सभी नामों के स्क्रीनशॉट साझा किए हैं, जिसमें विभिन्न कैटेगरी में विजेताओं की घोषणा की गई है।
Its a payout day🥳. Jamat-e-Islam arm, fake news propaganda wing IAMC’s project “HRRF Journo Award” is distributing cash award 50K to 1L.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) June 20, 2022
Guess what! IQ no bar. Manaf’s sister also got one😇.
1/ pic.twitter.com/PCkpfULj1y
मानवाधिकारों एवं धार्मिक स्वतंत्रता पर सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टिंग के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की आकांक्षा शर्मा के नाम की घोषणा की है। इनकी ज्यादातर स्टोरी यूपी में धर्मांतरण के मास्टरमाइंड मौलाना उमर गौतम के बारे में थीं।
वीडियो स्टोरी कैटेगरी में न्यूज मिनट की प्रियंका तिरुमूर्ति और कारवां मैगजीन के शाहिद तांत्रे को विनर घोषित किया गया।
यूके स्थित एक मैगजीन का सैयद शहरियार सर्वश्रेष्ठ फोटो कैटेगरी में विजेता है। द वायर की इस्मत आरा, जो हाल ही में मनाफ नाम के एक चाय विक्रेता की ‘स्टोरी’ के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। वह ‘यंग जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ कैटेगरी में स्क्रॉल की ऐश्वर्या एस अय्यर के साथ विजेता घोषित की गई हैं। ये सभी पुरस्कार उन मीडिया संस्थानों को दिए गए हैं, जो इस्लामवादी और पाकिस्तान के समर्थक हैं। ये संस्थान भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं। ये दावा करते हैं कि भारत के मुस्लिमों को मोदी सरकार में डराया जा रहा है।
सर्वश्रेष्ठ मीडिया संस्थान की कैटेगरी में आर्टिकल 14 और मूकनायक विजेता हैं। अवॉर्ड शो में अमेरिका स्थित पत्रकार और शो ‘डेमोक्रेसी नाउ’ के निर्माता एमी गुडमैन पुरस्कार समारोह में मुख्य वक्ता थे। IAMC वेबसाइट के अनुसार, इस दौरान ब्रिटिश पत्रकार यवोन रिडले ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार में भारत के अहम पहलुओं के बारे में चर्चा करना और इस पर लिखना यहाँ के पत्रकारों के लिए जोखिम भरा है।”
गौरतलब है कि IAMC एक जमात-ए-इस्लामी समर्थित लॉबिस्ट संगठन है। यह भारतीय मुस्लिमों के अधिकारों की वकालत करने का दावा करता है। इस साल जनवरी में भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC)’ के एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जाने को लेकर उन पर कई सवाल उठ रहे थे, क्योंकि अब तक IAMC का रुख भारत विरोधी रहा है और मुस्लिमों के हित के नाम पर वो देश के विरुद्ध प्रोपेगेंडा चलाता रहा है। अमेरिका में ‘भारत में मुस्लिम खतरे में हैं’ में वाला माहौल बनाने में उसका हाथ है। साथ ही वो अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी ये नैरेटिव चलाता है। यही नहीं आईएएमसी भारत को ब्लैकलिस्ट करने की पैरवी की थी।