Friday, April 19, 2024
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‘ह्यूमैनिटी टूर’ पर प्रोपेगेंडा, कश्मीर फाइल्स ‘इस्लामोफोबिक’: द क्विंट को विवेक अग्निहोत्री ने किया बेनकाब

"जीएचआरडी अग्निहोत्री और उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचनाओं से अवगत है। हम इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हैं। यह साफ है कि कश्मीरी पंडितों का सामूहिक नरसंहार किया गया और भारतीय संस्थान और मीडिया संस्थान लगातार इसकी उपेक्षा कर रहे हैं।”

कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने हिंदूफोबिक प्रोपेगेंडा वेबसाइट द क्विंट (The Quint) पर ट्वीट कर गंभीर आरोप लगाए हैं। विवेक अग्निहोत्री ने बुधवार (6 जुलाई 2022) को सिलसिलेवार कई ट्वीट्स किए। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे क्विंट ने हाल ही में आयोजित ‘ह्यूमैनिटी टूर’ को लेकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया। अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “वामपंथी हिंदूफोबिक प्रोपेगेंडा साइट द क्विंट ने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश की, लेकिन उनका ये दावा उन्हीं पर भारी पड़ गया। यहाँ एक उदाहरण आपके सामने है। हम इन फे​क FACT-CHECKERS को नजरअंदाज करते थे, लेकिन सच्ची देशभक्ति इन देशद्रोही Urban Naxals (अर्बन नक्सलियों) को बेनकाब करना और हराना है।”

अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में क्विंट के पत्रकार अभिलाष मलिक द्वारा नीदरलैंड (Netherland) के हेग (Hague) में ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस को भेजे गए एक ईमेल को साझा किया है, जहाँ ह्यूमैनिटी टूर (Humanity Tours) का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह टूर इस साल 28 मई से 26 जून के बीच हुआ था।

GHRD को क्विंट का ईमेल

अपने मेल में मलिक ने खुद को क्विंट का एक फैक्ट-चेकर बताते हुए अग्निहोत्री की सोशल मीडिया पोस्ट का लिंक लगाया, जिसमें ह्यूमैनिटी टूर के आयोजनों के स्थानों का उल्लेख किया गया था। द कश्मीर फाइल्स को ‘इस्लामोफोबिक’ फिल्म बताते हएु मलिक ने कहा, “अग्निहोत्री ने हाल ही में ‘द कश्मीर फाइल्स’ नाम की एक फिल्म बनाई है, जो 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में थी। हालाँकि, फिल्म को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, कुछ का कहना है कि इसमें तथ्यों को छिपाया गया है और यह इस्लामोफोबिक है। वह ‘ह्यूमैनिटी टूर’ नाम की एक यात्रा पर गए हैं, जहाँ उन्होंने अपनी फिल्म के प्रचार के संबंध में यूके और जर्मनी में कई स्थानों का दौरा किया है। कम से कम दो जगहों ने उन्हें बुलाने से इनकार कर दिया, जबकि दूसरे ने दावा किया है कि उन्हें इस कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”

मलिक ने दावा किया कि दो स्थानों ने उन्हें आमंत्रित करने से इनकार कर दिया था। वहीं एक जगह ने कहा कि उन्हें कार्यक्रम के बारे कोई भी जानकारी नहीं है। विवेक ने मलिक के दावों को झूठ बताया है। उन्होंने GHRD के एक अधिकारी द्वारा मलिक को भेजा गया जवाब भी साझा किया, जिसमें उन्होंने उस जगह के बारे में पूरी जानकारी दी है।

GHRD का जवाब

पत्र में लिखा है, “जीएचआरडी अग्निहोत्री और उनकी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ की आलोचनाओं से अवगत है। हम इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हैं। यह साफ है कि कश्मीरी पंडितों का सामूहिक नरसंहार किया गया और भारतीय संस्थान और मीडिया संस्थान लगातार इसकी उपेक्षा कर रहे हैं।” इसमें यूरोपीय कश्मीरी पंडित समुदाय (ईकेपीसी) द्वारा आयोजित फिल्म की स्क्रीनिंग का विवरण जोड़ा गया है, जिसमें 17 जून, 2022 को हेग में एक पैनल चर्चा शामिल है।

इसमें जीएचआरडी ने कहा, “इस कार्यक्रम की मेजबानी जीएचआरडी के सहयोग से की गई थी और इसमें श्री मार्को रेस्पिंटी (एक प्रसिद्ध इतालवी पत्रकार जो बिटर विंटर मैगजीन के निदेशक प्रभारी हैं) का योगदान भी शामिल है। नीदरलैंड में कुल 5 राजदूत उपस्थित थे। जीएचआरडी कश्मीरी पीड़ितों के साथ खड़ा है, और श्री अग्निहोत्री की फिल्म की आलोचनाओं का विरोध करता है, जिसमें कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार दिखाया गया है।”

इसके अलावा, विवेक ने 21 जून के एक ट्वीट को भी कोट किया, जिसमें उन्होंने नीदरलैंड के एक कार्यक्रम का वीडियो साझा किया था। इसमें टीम के साथ विवेक और पल्लवी जोशी दोनों को दर्शकों ने खूब सराहा था।

डायरेक्टर ने द क्विंट को चुनौती देते हुए उससे दो सवालों के जवाब माँगे हैं। उन्होंने उसे यह बताने के लिए कहा कि फिल्म का कौन सा सीन है, तथ्य पर आधारित नहीं है। उन्होंने आगे उनसे यह साबित करने के लिए कहा कि उन्होंने किस आधार पर फिल्म को इस्लामोफोबिक कहा। उन्होंने यह भी कहा, “अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो मैं बिना शर्त माफी का पात्र हूँ। या फिर तुम बेनकाब हो चुके हो।”

‘द कश्मीर फाइल्स’ को लिबरल गैंग के विरोध का सामना करना पड़ा

प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की सराहना की है। वहीं दर्शकों ने भी इस फिल्म को भरपूर प्यार दिया है। जबकि कट्टरपंथी-वामपंथी समूह इस फिल्म से खासा नाराज नजर आए हैं। एनडीटीवी ने तो इस फिल्म की रिलीज से पहले ही इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया था और विरोध के बाद उन्हें अपनी रिपोर्ट से प्रोपेगेंडा शब्द हटाना पड़ा था।

‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार, उनके दर्द और पलायन के बाद के संघर्ष की कहानी है। 1990 के दशक में घाटी में इस्लामिक आतंकियों ने जेहाद के नाम पर घाटी के पंडितों का कत्लेआम मचा दिया था। औरतों के साथ बलात्कार और हत्या आम बात सी हो गई थी। इस फिल्म को निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी पल्लवी जोशी के साथ मिलकर बनाया है। इसमें मुख्य भूमिका अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और चिन्मय मंडलेकर ने निभाई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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