महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार (मई 4, 2020) को मुंबई के डिप्टी कमिश्नर (जोन III) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया। जिसमें आरोप लगाया गया कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने पुलिस को ‘धौंस’ दिखाया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को अपनी सुनवाई में अर्नब गोस्वामी को 3 सप्ताह की अंतरिम संरक्षण दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस 3 सप्ताह में अर्नब अग्रिम जमानत ले सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इसी अंतरिम संरक्षण के खिलाफ अदालत का रुख किया है। इसमें अर्नब को घमंडी भी कहा गया है।
बता दें कि एक शो के दौरान अर्नब गोस्वामी की टिप्पणी से बौखलाए कॉन्ग्रेसियों ने अर्नब के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। अर्नब गोस्वामी के खिलाफ पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के अलग-अलग थानों में एक दर्जन से अधिक FIR कॉन्ग्रेस नेताओं के द्वारा दर्ज कराई गईं थी। नागपुर में दंगे भड़काने के आरोप में अर्नब के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153A, 153B, 295A, 208, 500, 504, 505(2), 506, 120B और 117 में केस दर्ज किया गया।
कॉन्ग्रेसियों ने अर्नब गाेस्वामी पर आराेप लगाया था कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में दाे साधुओं समेत तीन की लिचिंग मामले में उन्होंने अपने टीवी चैनल के कार्यक्रम में देश के लोगों को गुमराह किया। धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास भाषा के आधार पर नफरत फैलाने की काेशिश की है।
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने मंगलवार (अप्रैल 27, 2020) को अर्नब गोस्वामी से क़रीब 12:30 घंटों तक लगातार पूछताछ की। अर्नब गोस्वामी ने कहा कि उनसे जो भी सवाल किए गए, उन सबका जवाब उन्होंने दिया और साथ ही अपने बयानों की सत्यता साबित करने के लिए सारे सबूत भी पेश किए।
अर्नब गोस्वामी से पूछताछ के बाद शनिवार (मई 2, 2020) को रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी एस सुंदरम को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
22-23 अप्रैल की रात एडिट कॉल निपटा कर लौटते हुए अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर कॉन्ग्रेस के दो मोटरसाइकिल सवार गुंडों ने हमला किया था। रिपब्लिक टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी ने खुद इस हमले की जानकारी देते हुए बताया था कि उनकी कार के आगे अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी और फिर हमला किया।
मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर अर्नब ने कहा था, “सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इन लोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”