Tuesday, May 20, 2025
Homeरिपोर्टमीडियाNDTV का पत्रकार निकला मोहम्मद जुबैर का जमानतदार, श्रीनिवासन जैन ने भरा AltNews को-फाउंडर...

NDTV का पत्रकार निकला मोहम्मद जुबैर का जमानतदार, श्रीनिवासन जैन ने भरा AltNews को-फाउंडर का बॉन्ड: स्तंभकार मित्रा ने उजागर किया साँठगाँठ

उत्तर प्रदेश में दर्ज मामलों में जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को जमानत दी थी। अब यह बात सामने आई है कि बेल बॉन्ड एनडीटीवी के पत्रकार जैन ने भरा है।

प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज (AltNews) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) का जमानतदार कौन है? सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के दो दिन बाद यह जानकारी सामने आ गई है। बताया जा रहा है कि जुबैर की जमानत के लिए बॉन्ड एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने भरा है।

स्तंभकार अभिजीत अय्यर मित्रा ने ट्विटर पर इसकी पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि इसकी पुष्टि हो चुकी है कि श्रीनिवासन जैन ने ‘करीबी मित्र’ मोहम्मद जुबैर की जमानत लिए बॉन्ड भरा है। इसमें श्रीनिवासन जैन ने इस बात की गारंटी ली है कि मोहम्मद जुबैर सक्षम अधिकारी के पास रोजाना हाजिरी लगाएगा। यह जानकारी देते हुए मित्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट में एनडीटीवी और ऑल्ट न्यूज के बीच साँठगाँठ की ओर भी इशारा किया है।

बता दें कि जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज केसों में सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को 20 हजार रुपए के बेल बॉन्ड पर रिहा किया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता को लगातार हिरासत में रखना ठीक नहीं है वो भी तब जब यूपी पुलिस में हुई एफआईआर और दिल्ली पुलिस की एफआईआर में गंभीरता एक समान है।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने जुबैर को जो राहत दी है वह केवल अभी के मामलों में काम नहीं करेगी, बल्कि इस संबंध में अगर अन्य एफआईआर हुईं तो उनमें भी अतंरिम बेल का यह आदेश काम करेगा। कोर्ट ने जुबैर के विरुद्ध जाँच के लिए गठित की गई एसआईटी को भी खारिज कर दिया था।

बता दें कि मोहम्मद जुबैर को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने एक पुराने ट्वीट के आधार पर गिरफ्तार किया था। उस पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। वहीं जुबैर के खिलाफ यूपी में भी 6 एफआईआर दर्ज थी। इनमें दो केस हाथरस, एक-एक केस गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में दर्ज किए गए थे। इन्हीं याचिकाओं को रद्द कराने की अपील लेकर वह कोर्ट गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता जिनके लिए ₹588 करोड़ की प्रॉपर्टी छोड़कर गए हैं रतन टाटा: पहले वसीयत पर उठाया सवाल, अब किया स्वीकार

मोहिनी दत्ता को रतन की वसीयत में 588 करोड़ रुपए मिले। लोगों के मन में सवाल है कि परिवार के बाहर वसीयत में हिस्सा पाने वाले मोहिनी मोहन दत्ता आखिर कौन है।

इस्लामी हिंसा ने शरणार्थी बनाया, मिशनरी ताक़तों ने मार डाला… जब त्रिपुरा के बागबेर में हुआ हिन्दुओं का नरसंहार, चर्चों के पैसे से पलता...

NLFT एक ईसाई उग्रवादी संगठन था। इसका समर्थन कई चर्चों और विदेशी मिशनरी नेटवर्क से होता था। वे त्रिपुरा को एक स्वतंत्र ईसाई मुल्क बनाना चाहते थे।
- विज्ञापन -