Wednesday, June 7, 2023
Homeवीडियोबकैत की रिपोर्ट: अर्णब के 'समर्थन' में रवीश की बकैती | Ravish supports 'not...

बकैत की रिपोर्ट: अर्णब के ‘समर्थन’ में रवीश की बकैती | Ravish supports ‘not a journo’ Arnab

वामपंथी लिखना शुरू ऐसे करते हैं, जैसे किसी को लगे कि रवीश कुमार ने विरोधी खेमे का होते हुए भी कितना बड़ा स्टैंड लिया है। लेकिन, जैसे ही आप आगे बढ़ेंगे, आपको लगेगा कि इसमें कोई बदलाव नहीं है और ये वही रवीश है, जो मधुर शब्दों में जहर फैला रहा है।

रवीश कुमार ने अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी को लेकर फेसबुक पोस्ट लिखा है। अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी क्यों और किस तरह से हुई, इस बारे में आपको पता ही होगा। रवीश कुमार का लेख देर से आया लेकिन उसमें कपड़े धोने से लेकर चाय पीने तक की बातें हैं। उन्होंने वैसे ही लिखा है, जैसे कोई भी वामपंथी तब बोलता है जब उसके मुँह में बाँस डाला जाता है। क्योंकि, उसे भय होता है कि फलाँ विषय पर न बोलने के कारण उसकी रही-सही स्वीकार्यता या लोकप्रियता भी खो जाएगी।

वामपंथी लिखना शुरू ऐसे करते हैं, जैसे किसी को लगे कि रवीश कुमार ने विरोधी खेमे का होते हुए भी कितना बड़ा स्टैंड लिया है। लेकिन, जैसे ही आप आगे बढ़ेंगे, आपको लगेगा कि इसमें कोई बदलाव नहीं है और ये वही रवीश है, जो मधुर शब्दों में जहर फैला रहा है। पहले पैराग्राफ में ही रवीश ने गिरफ़्तारी के तरीकों पर सवाल करते हुए कानून के जानकारों से हवाले से इसे गलत बताया। लेकिन, दूसरे पैराग्राफ में ‘Whataboutery’ शुरू हो जाती है।

इसके तहत वामपंथी उस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं कि इसके साथ ऐसा हुआ है तो उसके साथ भी भाजपा शासित राज्य में ऐसा हुआ। जब रवीश बार-बार गरीबों और रोजगार की बात करते हैं, लेकिन उन्हें सोचना चाहिए कि जब 1000 पत्रकारों पर FIR हुई, तब क्या उन्होंने कुछ लिखा? अब सारे वामपंथी लिख कर खानापूर्ति कर रहे हैं। रवीश कुमार सहित सारे साथ में लिख रहे हैं कि वो अर्णब गोस्वामी को पत्रकार नहीं मानते।

अगर अर्णब गोस्वामी के दिमाग में जहर था (आपके हिसाब से), तो क्या उन 1000 पत्रकारों के मन में भी जहर भरा था? रवीश कुमार को तो पिछले 6 साल में देश में कुछ अच्छा दिखा ही नहीं। छोटे-छोटे पत्रकारों को निशाना बनाना रवीश कुमार का पेशा है। इस लेख में भी वो पूछ रहे हैं कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो अर्णब गोस्वामी स्टैंड लेंगे? जब ‘पत्रकारिता पर हमला’ होगा तो कोई क्यों नहीं स्टैंड लेगा?

रवीश की इस बकैती पर विस्तृत वीडियो आप इस यूट्यूब लिंक पर देख सकते हैं

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘8 दिन में चार्जशीट, पहलवानों पर से मुकदमे हटाने, बृजभूषण सिंह से संबंधित लोगों की WFI से दूरी’: जानिए मंत्री अनुराग ठाकुर संग बैठक...

पहलवानों से बैठक के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पहलवानों ने उन पर दर्ज केस वापस लेने और WFI अध्यक्ष महिला को चुनने की माँग रखी।

‘हिजाब-धर्मांतरण वाले स्कूल से कलक्टर की मिलीभगत, बचाव में कर रहे ट्वीट’: खुद मंत्री ने ब्यूरोक्रेसी को घेरा, DEO पर लोगों ने फेंकी स्याही

मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री का कहना है कि दमोह के कलक्टर की हिजाब वाले स्कूल से मिलीभगत है, तभी उसे बचा रहे। DEO पर लोगों ने स्याही फेंकी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
260,203FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe