पत्रकार विनोद दुआ के निधन के बाद, कुछ लोगों ने, खासकर मीडिया से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कुछ ने यह भी बताया कि वह अब तक के सबसे महान पत्रकारों में से एक थे। इन्हीं में से एक थे NDTV के चीफ प्रणय रॉय।
Deeply mourning the loss of Vinod.He was not just one of the greatest,he was THE greatest of his time.I have always said that:THE greatest An amazing talent I admired and respected-and from whom I learnt a lot in the many years we worked closely together Rest in peace my friend
— Prannoy Roy (@PrannoyRoyNDTV) December 4, 2021
कई लोगों ने यह साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया कि कैसे वे रॉय और दुआ द्वारा टेलीविजन स्क्रीन पर राजनीतिक विश्लेषण देख कर बड़े हुए।
Two hosts. Not shouting, not ranting, not necessarily agreeing, but defending their points of view as best as they could without rancour or anger and with a courtesy that we remember to this day.
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) December 4, 2021
One of them left us today.
RIP Vinod Dua, privileged to have grown up watching you pic.twitter.com/gYMWQAvEz1
Vinod Dua, with Prannoy Roy, showed us what television could be like. He will always have a place in the history of Indian television. He set the standard. You can say that about very few.
— Harsha Bhogle (@bhogleharsha) December 4, 2021
हालाँकि, इन सबके साथ विनोद दुआ के निधन के बाद 2013 का एक स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहा है।
‘मैं उन्हें मार दूँगा’
जून 2013 में, विनोद दुआ ने प्रणय रॉय पर हमला करने के लिए फेसबुक का सहारा लिया और उन पर एक राजनीतिक पत्रकार के रूप में उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था, “इस आदमी ने मुझे धोखा दिया है और मैं अपना बदला लूँगा।” उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया था, “मुझे विश्वास है, उन्हें मारने का समय आ गया है… मुझे कुछ महीने लग सकते हैं लेकिन मैं उन्हें मार दूँगा… इंडियन ब्रॉडकास्टिंग के ये चोर। हमारे द्वारा वित्त पोषित।” हालाँकि यह स्पष्ट नहीं था कि दुआ का मतलब उन्हें शब्दों से मारना था या वाकई में वो उन्हें मार डालना चाहते थे।
विनोद दुआ ने तब कहा कि उन्होंने रॉय पर एक वीकेंड राजनीतिक कार्यक्रम तैयार करने का भरोसा किया था, जिसका उनसे वादा किया गया था। हालाँकि रॉय ने उनका विश्वास तोड़ दिया, उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कहा कि वह इसे सार्वजनिक रूप से इसलिए बता रहे हैं क्योंकि रॉय के निजी सचिव हन्ना भी उनका फोन नहीं उठा रहे थे। उन्होंने कहा, “आपने ही मुझे अपने साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया था।” आगे दुआ ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने ‘आउटफिट’ के लिए काम करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “चूँकि आपने मेरे करियर को डिजाइन नहीं किया है, इसलिए मैं आपको अपना अंत नहीं करने दूँगा।”
उन्होंने पोस्ट किया था, “जब भी आपके पास बॉल्स (हिंदी का शब्दानुवाद अंडकोष) / हिम्मत होगा, हम आमने-सामने मिलेंगे प्रणय रॉय। वरना हम टीवी पर मेरे राजनीतिक करियर को खत्म करने की कोशिश करने के लिए आपसे संपर्क करेंगे।”
आपको बता दें कि 1980 के दशक में विनोद दुआ ने प्रणय रॉय के साथ दूरदर्शन पर चुनावी विश्लेषण शुरू किया था। बताया जा रहा है कि वह 2004 में एनडीटीवी ज्वाइन किए थे, लेकिन वह राजनीतिक शो के बजाय फूड शो को होस्ट करते थे। प्रणय रॉय ने भी उसी समय करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वह मीडिया के जाने-माने नाम थे, जबकि दुआ उसी ‘आउटफिट’ में सिर्फ एक अंशकालिक सलाहकार थे। उस समय दुआ और रॉय के बीच लड़ाई ने काफी कौतूहल और मनोरंजन का माहौल बना दिया था।
This Vinod Dua vs Prannoy Roy is getting better than JDU vs BJP.
— MANJUL (@MANJULtoons) June 15, 2013
अगस्त 2013 तक, यह बिल्कुल स्पष्ट था कि मोदी लहर आ रही है और 2014 के आम चुनाव एक पत्रकार के रूप में कवर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनावों में से एक होंगे। ‘जायके का सफर’ के मेजबान शायद अब तक के सबसे महान चुनावों का हिस्सा नहीं होने से नाराज थे। तब वो प्रणय रॉय पर जमकर बरसे और उन पर उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया। इसके तुरंत बाद, उन्होंने NDTV से अपना जुड़ाव समाप्त कर लिया, जहाँ वे एक ‘अंशकालिक सलाहकार’ थे।
Delighted that the original election anchor Vinod Dua joins the IBN 7 team from today! 8 pm mon to thurs: Prashnakaal with Vinod Dua.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 17, 2014
हालाँकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि दुआ को फेसबुक पर मेल्टडाउन से पहले या बाद में एनडीटीवी से निकाल दिया गया। आखिरकार, फरवरी 2014 में, आम चुनावों के ठीक बीच में दुआ राघव बहल के नेटवर्क 18 में शामिल हो गए थे।
विनोद दुआ और पाखंड
विनोद दुआ के निधन पर उनकी बेटी मल्लिका ने कहा – अब वो स्वर्ग में मेरी माँ के साथ घूमेंगे-गाएँगे। हालाँकि शायद खुद विनोद दुआ स्वर्ग में यकीन नहीं करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर विनोद दुआ बोले थे कि ये हमारे देश का पाखंड है कि किसी के देहांत के बाद उसे महापुरुष बना दिया जाता है। और तो और, ये वही विनोद दुआ थे, जिन्होंने गोधरा में ट्रेन में जलाकर मार डाले गए राम भक्तों को लेकर उपहास किया था।